कांग्रेस पार्टी ने हमेशा देश को बांटने, तोड़ने और कमजोर करने काम किया है। कांग्रेस की इसी नीति पर चलते हुए उसके नेताओं ने देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने के लिए नया नैरेटिव गढ़ना शुरू कर दिया। अब कांग्रेस की इस विभाजनकारी नीति को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार बढ़ा रही है। इसके लिए उन्होंने अखबारों में फुल पेज का विज्ञापन भी दिया और नारा दिया- मेरा टैक्स मेरा अधिकार। इस नारे के साथ वे 7 फरवरी को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच गए और प्रदर्शन किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों के साथ इस प्रदर्शन की अगुआई की। वहीं विभाजन की इस नीति में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन भी पीछे नहीं रहे और जंतर-मंतर पर 8 फरवरी को पहुंचे और प्रदर्शन में शामिल हुए। उधर 7 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कांग्रेस की इस विभाजनकारी नीति पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा- ”एक पूरी सरकार मैदान में आकर गलत नैरेटिव गढ़ रही है। हमारा टैक्स, हमारी मनी, ऐसा बोलना देश के भविष्य के लिए खतरा है। देश को तोड़ने के लिए नए नैरेटिव खोजना बंद कर दीजिए।”
हमारा टैक्स, हमारी मनी, ऐसा बोलना देश के भविष्य के लिए खतराः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा- देश के करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगी, हम ये कहेंगे कि वैक्सीन तो उस कोने में बनी थी, ये हक उनका है, देश को नहीं मिल सकती। ऐसा सोच सकते हैं क्या। वैक्सीन उस शहर में बनी थी इसलिए देश के और भागों को उसका लाभ नहीं मिलेगा। ये सोचेंगे क्या? क्या सोच बन गई है और एक राष्ट्रीय दल से ऐसे विचार आए, ये बहुत दुख की बात है। मैं पूछना चाहता हूं आदरणीय सभापति जी क्या अगर हिमालय कहना शुरू कर दे, हिमालय कल बोलना शुरू कर दे, ये नदियां मेरे यहां से बहती हैं, मैं तुम्हें पानी नहीं दूंगा। पानी का अधिकार मेरा है। देश का क्या होगा। देश कहां जाकरके रुकेगा। अगर जिन राज्यों में कोयला है, वो कह दें कि कोयला नहीं मिलेगा। ये हमारी संपत्ति है जाओ तुम अंधेरे में गुजारा करो, देश कैसे चलेगा। आदरणीय सभापति जी ऑक्सीजन… कोविड के समय हमारे यहां ऑक्सीजन की संभावानाएं पूर्वी भाग में जो उद्योग हैं…पूरे देश को ऑक्सीजन की जरूरत थी अगर उस समय पूरब के लोग कह करके बैठ जाते कि ऑक्सीजन तो हम नहीं दे सकते, हमारे लोगों को जरूरत है, देश को कुछ नहीं मिलेगा। क्या होता देश का। उन्होंने संकट झेलकर देश को ऑक्सीजन पहुंचाया। देश के अंदर ये भाव तोड़ने का क्या प्रयास हो रहा है। क्या इस प्रकार से देश को हमारा टैक्स, हमारी मनी, किस भाषा में बोला जा रहा है। ये देश के भविष्य के लिए नया खतरा पैदा करने वाली बात है। देश को तोड़ने के लिए नए-नए नैरेटिव खोजना बंद कर दीजिए। देश को आगे बढ़ना है, देश को एक साथ लेकर के चलने का प्रयास कीजिए।
अगर हिमालय कहना शुरू कर दे, यह पानी मेरा है, मैं नहीं दूंगा तो देश का क्या होगा?
– PM Modi in Rajya Sabha pic.twitter.com/g0MrJxFkJU
— The Pamphlet (@Pamphlet_in) February 7, 2024
कांग्रेस गढ़ रही विभाजनकारी नैरेटिव
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को 40 सीट भी नहीं मिलने की संभावना है। पीएम मोदी की सरकार में जिस तरह से देश का विकास हुआ है वैसे में कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए कांग्रेस अब उत्तर बनाम दक्षिण की विभाजनकारी राजनीति पर उतर आई है और इसके लिए नैरेटिव गढ़े जा रहे हैं। दक्षिण के कुछ राज्यों ने केंद्र की सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उनके साथ भेदभाव किया गया है। बात सिर्फ आरोपों तक ही नहीं रुकी बल्कि सड़क पर इसको लेकर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया वहीं केरल की लेफ्ट गठबंधन वाली सरकार ने भी इसका समर्थन किया।
पीएम मोदी के शासनकाल में कर्नाटक को 247 प्रतिशत ज्यादा राशि मिली
कांग्रेस की कर्नाटक सरकार का कहना है कि केंद्र की तरफ से राज्य को कम पैसा मिल रहा है। लेकिन अगर यूपीए सरकार और एनडीए सरकार के दौरान कर्नाटक को केंद्र सरकार की तरफ से दी गई वित्तीय सहायता पर नजर डालें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है। यूपीए शासनकाल में कर्नाटक को 1,42,574 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि पीएम मोदी के शासनकाल में 4,94,284 करोड़ रुपये दिए गए। इस तरह पीएम मोदी के शासनकाल में कर्नाटक को 247 प्रतिशत ज्यादा राशि दी गई। इससे कांग्रेस के झूठे नैरेटिव का पर्दाफाश होता है।
कर्नाटक के विकास के लिए मोदी सरकार ने 3.4 गुना अधिक राशि दी
यूपीए शासनकाल में जहां कर्नाटक को उपेक्षित रखा गया वहीं एनडीए सरकार ने कर्नाटक के विकास के तीन गुना से अधिक पैसा दिया है। केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली हस्तांतरण हिस्सेदारी (devolution share) यूपीए के शासनकाल में जहां 81,795 करोड़ रुपये थी वहीं मोदी के शासनकाल में 2.85 लाख करोड़ रुपये दिए गए। इस तरह यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने कर्नाटक को 3.4 गुना अधिक राशि दी है।
मोदी सरकार में कर्नाटक 250 प्रतिशत अधिक मिली टैक्स हिस्सेदारी
कर्नाटक में जब बीजेपी की सरकार थी तो उसने विकास को प्राथमिकता दी और जब कांग्रेस की सरकार रही तो उसने राजनीति ही की है। यूपीए शासनकाल में कर्नाटक को 60,780 करोड़ रुपये का ग्रांट मिला वहीं पीएम मोदी के शासनकाल में 2,08,832 करोड़ रुपये ग्रांट दिए गए। इस तरह ग्रांट के मामले में मोदी के शासनकाल में 243 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जिस टैक्स को आज कांग्रेस मुद्दा बना रही है उस टैक्स हिस्सेदारी पर नजर डालें तो यूपीए शासनकाल में कर्नाटक को टैक्स हिस्सेदारी के रूप में 81,796 करोड़ रुपये मिले थे वहीं पीएम मोदी के शासनकाल में कर्नाटक को टैक्स हिस्सेदारी के रूप में 2,85,452 करोड़ रुपये मिले हैं। यानि यूपीए सरकार की तुलना में मोदी की सरकार में टैक्स हिस्सेदारी के रूप में कर्नाटक को 250 प्रतिशत अधिक राशि मिली है। लेकिन कांग्रेस झूठे नैरेटिव गढ़कर देश की जनता को ठगना चाहती है।
एक पूरी सरकार मैदान में आकर गलत नैरेटिव गढ़ रहीः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि एक राष्ट्र हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं। एक प्रेरणा देने वाली इकाई है। अगर पैर में कांटा लगे तो हाथ ये नहीं सोचता कि पैर को लगा, मैं क्यों करूं। हाथ तुरंत पैर तक पहुंचता है। हिंदुस्तान के किसी भी कोने में दर्द हो तो पीड़ा सभी को होनी चाहिए। शरीर का एक अंग काम नहीं करता तो पूरा शरीर अपंग माना जाता है। देश का कोई अंग विकास से वंचित होता है तो देश विकसित नहीं माना जाएगा। हमें अलग-अलग नहीं देखना चाहिए। एक पूरी सरकार मैदान में आकर गलत नैरेटिव गढ़ रही है। झारखंड का बच्चा ओलिंपिक्स में मेडल लेकर आएगा तो हम ये कहेंगे कि तू झारखंड का है। हम ये कहते हैं कि ये देश का बच्चा है।
राष्ट्र हमारे लिए सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं है। देश के हर हिस्से को साथ लेकर चलने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। pic.twitter.com/ygr9eeDXdS
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2024
कांग्रेस का झूठा नैरेटिव बेनकाब
इस तरह पीएम मोदी ने कांग्रेस के झूठे नैरेटिव को बेनकाब कर दिया। सत्ता के लिए कांग्रेस कितना गिर सकती है इसे देशवासी अब भलीभांति समझ चुके हैं। ऐसे कांग्रेस चाहे जितना भी झूठ फैलाने की कोशिश करे देश नागरिक उनपर भरोसा करने वाले नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही अब तो कई लोग कहने लगे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस 40 सीट भी हासिल नहीं कर पाएगी। ऐसे में कांग्रेस को अपनी देशविरोधी नीतियों पर आत्ममंथन करने की जरूरत है और देश के विकास में सहभागी बनने की आवश्यकता है अन्यथा भारतीय राजनीतिक फलक से उनका हाशिए पर जाना निश्चित है।