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प्रधानमंत्री मोदी 5 दिन की इटली-ब्रिटेन यात्रा पर पहुंचे रोम, जी-20 शिखर सम्मेलन और कॉप-26 में होंगे शामिल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 29 अक्तूबर को इटली की राजधानी रोम पहुंच गए हैं। पांच दिनों की यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी इटली के साथ ब्रिटेन और वेटिकन जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी बतौर प्रधानमंत्री पहली बार इटली पहुंचे हैं। यह पिछले 12 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इटली यात्रा है। प्रधानमंत्री 29 से 31 अक्टूबर तक रोम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करेंगे। यहां से वे वेटिकन जाएंगे और पोप फ्रांसिस से मिलेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री ब्रिटेन के शहर ग्लासगो में 1 और 2 नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर यूएन की बैठक कॉप-26 में हिस्सा लेंगे।

रोम और ग्लासगो की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29 से 31 अक्टूबर, 2021 तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी के दौरे पर रहूंगा। इसके बाद मैं माननीय प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर 1 से 2 नवंबर 2021 तक ग्लासगो, ब्रिटेन का दौरा करूंगा।

जारी बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘रोम में मैं 16वीं जी20 लीडर्स समिट में भाग लूंगा। इस सम्‍मेलन के दौरान मैं जी20 के अन्य राजनेताओं के साथ महामारी से वैश्विक आर्थिक एवं स्वास्थ्य रिकवरी, सतत विकास, और जलवायु परिवर्तन पर होने वाली चर्चाओं में भाग लूंगा। यह वर्ष 2020 में महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद जी20 का पहला ऐसा शिखर सम्मेलन होगा जिसमें सभी की व्‍यक्तिगत उपस्थिति होगी और इसमें हमें वर्तमान वैश्विक स्थिति का जायजा लेने एवं इसके साथ ही इस विषय पर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा कि जी20 आखिरकार किस तरह से आर्थिक रिकवरी को और भी अधिक मजबूत करते हुए एवं महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को बेअसर करते हुए समावेशी और सतत नवनिर्माण में एक अहम इंजन साबित हो सकता है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इटली की अपनी यात्रा के दौरान मैं परम पावन पोप फ्रांसिस से भेंट करने और विदेश मंत्री माननीय कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मिलने के लिए वेटिकन सिटी भी जाऊंगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मैं अलग से अन्य साझेदार देशों के राजनेताओं से भी मुलाकात करूंगा और इन सभी देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा।’

उन्होंने कहा, ’31 अक्टूबर को जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद मैं जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) की 26वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-26) में भाग लेने के लिए ग्लासगो के लिए प्रस्थान करूंगा। मैं 1-2 नवंबर, 2021 को दुनिया भर के 120 राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के साथ कॉप-26 के उच्च-स्तरीय खंड ‘वर्ल्ड लीडर्स समिट’ (डब्ल्यूएलएस) में भाग लूंगा।’

बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘प्रकृति के साथ अद्भुत जुड़ाव रखने और पृथ्वी के प्रति सर्वोच्च सम्मान की संस्कृति की हमारी परंपरा के अनुरूप हम स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैव-विविधता का विस्तार करने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं। आज भारत जलवायु अनुकूलन, शमन एवं सुदृढ़ता और बहुपक्षीय गठबंधन बनाने के सामूहिक प्रयास में नए कीर्तिमान बना रहा है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है। डब्ल्यूएलएस में मैं जलवायु कार्रवाई पर भारत के उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड और अब तक की हमारी उपलब्धियों को साझा करूंगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं वायुमंडल में उत्‍सर्जित की जा सकने वाली कार्बन के समान वितरण, शमन एवं अनुकूलन के लिए आवश्‍यक सहायता देने एवं सुदृढ़ता निर्माण संबंधी उपाय करने, वित्त जुटाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हरित एवं समावेशी विकास के लिए टिकाऊ जीवन शैली के महत्व सहित जलवायु परिवर्तन के विभिन्‍न मुद्दों को व्यापक रूप से सुलझाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालूंगा।’

इटली रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कॉप-26 शिखर सम्मेलन इसके साथ ही समस्‍त साझेदार देशों के राजनेताओं, अन्वेषकों और अंतर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलने एवं स्वच्छ विकास की हमारी मुहिम को और भी अधिक तेज करने की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर भी प्रदान करेगा।’

 

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