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पीएम मोदी ने देश को दिलाई बड़ी कूटनीतिक सफलता, आतंकवादी देश घोषित हुआ पाकिस्तान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते एकबार फिर से पाकिस्तान दुनियाभर में बेनकाब हो गया है। उनके दबावों के चलते आखिरकार अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल ही दिया है। भारत लंबे समय से इसकी मांग करता आया था। पिछले ही महीने पीएम मोदी की सूझबूझ भरी कूटनीति से अमेरिका ने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन पर पाबंदी लगाया था। अब इस बात में कोई शक नहीं कि पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक हो रही कड़ी कार्रवाई से उसके हौंसले पस्त होंगे और वहां से चल रही भारत विरोधी गतिविधियों की कमर टूटेगी।

आतंकवादी देश मानने के मायने क्या हैं ?
अमेरिका ने आधिकारिक रूप में इस बात को स्वीकार लिया है कि, पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। उसे आतंकवादियों की शरणस्थली वाली सूची में डालने का मतलब यही है। बताया जा रहा है कि 445 पेज की अमेरिकी रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।रिपोर्ट के अनुसार ”ये आतंकवादी संगठन पाकिस्तान से चल रहे हैं। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिल रही हैं और पाकिस्तान से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।”

अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान का गुनाह
अमेरिकी रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि उसने लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि ये सरेआम भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिकी रिपोर्ट में पठानकोट हमले का भी जिक्र है, जिसके मुताबिक लश्कर का सरगना और यूएन से घोषित आतंकी हाफिज सईद बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान उसपर कोई पाबंदी नहीं लगा रहा है। लश्कर पर पाबंदी के बाद भी वो खुलेआम फंड जमा कर रहा है। यही नहीं भारत ने ऐसे कई आतंकवादियों को पकड़े हैं, जो आईएस से जुड़े हैं। दरअसल अमेरिका 60 आतंकवादी संगठनों को ग्लोबल आतंकी संगठन मानता है, जिनमें से 13 अकेले पाकिस्तान में हैं। पिछले साल दो अमेरिकी सांसदों ने भी पाकिस्तान को टेररिस्ट स्टेट घोषित करने की मांग की थी।

भारत के खिलाफ आतंक की फैक्ट्री चलाता है
लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे जितने भी आतंकवादी संगठन है उन्हें पाकिस्तान अपनी धरती पर या अपने कब्जे वाले कश्मीर में प्रशिक्षण देता है। इस काम में आतंकवादी संगठनों के मुखिया तो केवल मुखौटे की तरह इस्तेमाल होती हैं। असल में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अफसर इस ट्रेनिंग में सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। जब सैकड़ों ट्रेनिंग कैंप्स में आतंकवादियों को हिंसा की ट्रेनिंग दे दी जाती है तो उन्हें हथियारों और बाकी सामानों के साथ भारत में भेजने का खेल चलता है। इस काम में भी पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स का सक्रिय योगदान होता है। भारत ही नहीं, अफगानिस्तान और ईरान में सक्रिय अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों को भी उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के कबिलाआई इलाकों में ट्रेनिंग दी जाती है।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका से भी पीएम मोदी ने कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती दिखाने का आग्रह कर चुके हैं। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा बयान में दोनों नेताओं ने पाकिस्तान का नाम लेकर उसे अपने देश का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं करने देने के लिए आगाह किया था। दोनों नेताओं ने पाकिस्तान को चेताया था कि वो मुंबई के 26/11 हमले, पठानकोट और भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।

आतंकी सरगना सलाहुद्दीन पर भी बैन लग चुका है
इससे पहले पीएम मोदी के अमेरिका यात्रा के ठीक पहले अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल दिया था। सलाहुद्दीन भारत के कई आतंकवादी वारदातों में शामिल है और पाकिस्तान में रहकर भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है। ये आतंकी जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले का भी आरोपी माना जाता है। गौरतलब है कि भारत के प्रयासों के चलते मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र पहले ही इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित कर चुका है।

सर्जिकल स्ट्राइक से इरादा साफ कर चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त करने के लिये तैयार नहीं होंगे, ये बात पिछले साल पाकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक से ही साफ हो चुका है। पीएम के इस एक्शन से पाकिस्तान की हेकड़ी तो गुम हो ही गई, उसको संरक्षण देने वाले देशों के कान भी खड़े हो गये। अमेरिका भी जान गया कि अब निहित स्वार्थों में पाकिस्तान को पालना-पोसना संभव नहीं। अमेरिका को लग गया कि भारत की सुरक्षा के लिए पीएम मोदी पाकिस्तान को उसी की भाषा में ठोस जवाब देने में सक्षम हैं। अब पाकिस्तान को आतंकी देशों की लिस्ट में रखने का जो अमेरिका ने फैसला लिया है, इसमें पीएम मोदी के इस छवि ने बहुत ही बड़ा रोल निभाया है।

कश्मीर में भी सख्त रणनीति
पीएम मोदी पाकिस्तान की ही नकेल नहीं कस रहे, उनकी नीति से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को भी चुनचुन कर ठिकाना लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस साल अबतक 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया जा चुका है। जबकि पिछले साल सुरक्षा बलों ने 165 आतंकवादियों का सफाया कर दिया था। इनमें बुरहान वानी जैसे आतंकी कमांडर का नाम भी शामिल है।

   मारे गए आतंकी
2017 अबतक 100
2016 165
2015 113
2014 110

पहले दोस्ती का हाथ बढ़ा चुके हैं पीएम मोदी
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सुधरने का अवसर नहीं दिया है। उन्होंने अपने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को बुलाया। यही नहीं जिसके बारे में कभी किसी ने सोचा नहीं था, एक अच्छे पड़ोसी के नाते उन्होंने वो भी कर दिखाया। वो विदेश दौरे से लौटते समय सीधे नवाज की नातिन की शादी में पहुंच गये। पीएम मोदी के इस कदम से दुनिया हैरान थी। दुनिया को लगा कि पीएम मोदी ही ऐसे नेता हैं जो पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर कर सकते हैं। लेकिन दुख की बात है कि पाकिस्तान ने पीएम मोदी की दोस्ती की कद्र नहीं की और अब वो विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ चुका है।

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