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किसानों पर फिर मेहरबान मोदी सरकार! धान, बाजरा, मक्का सहित 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई

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मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित और समर्पित है। लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। सरकार बनते ही सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि किसानों के खातों में भेजा गया जो कि खेती के लिए बड़ा मददगार साबित होता है। अब इसके बाद खेती की फसल पर एमएसपी बढ़ाकर किसानों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। सरकार ने धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास सहित 14 खरीफ फसलों की MSP को बढ़ाने का फैसला किया है। धान का MSP बढ़ाकर 2300 रुपये किया गया है जो कि 2013 में 1310 रुपये था। किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत मोदी सरकार ने लगातार फसलों की एमएसपी बढ़ाई जिससे 2013 की तुलना में कई फसलों की एमएसपी दोगुनी से ज्यादा हो गई है वहीं कई फसलों की एमएसपी दोगुनी होने के करीब है।

लागत से 1.5 गुना MSP
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि खरीफ सीजन शुरू हो रहा है, किसानों को प्राथमिकता देते हुए 14 फसलों पर MSP कैबिनेट ने अप्रूव किया है। सरकार का मानना है कि MSP कम से कम 1.5 गुना होनी चाहिए। धान का नया MSP 2300 रुपए किया गया है। इसमें 117 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में धान की MSP 1310 रुपए थी।

अरहर दाल की एमएसपी में 550 रुपए की बढ़ोतरी
सरकार ने दालों के एसएसपी में भी अच्छी बढ़ोतरी की है। इसमें तूअर यानी अरहर दाल की एमएसपी में 550 रुपए की बढ़ोतरी की है। जिससे अब अरहर का एमएसपी 7000 से बढ़कर 7550 रुपए हो गया है। वहीं मूंग दाल में 125 रुपए बढ़ाए हैं जिससे मूंग दाल का एमएसपी अब 8558 से बढ़कर 8682 हो गया है। इसी प्रकार उड़द दाल की एमएसपी में 450 रुपए की बढ़ोतरी की है जिससे अब उड़द दाल का एमएसपी 6950 रुपए से बढ़कर 7400 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

कपास की एमएसपी में 501 रुपए की बढ़ोतरी
कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए भी कपास का एमएसपी बढ़ा दिया गया है। इसमें मध्यम रेशा कपास का एमएसपी 7121 रुपए प्रति क्विंटल और लंबा रेशा कपास का एमएसपी 7521 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कपास की एमएसपी में 501 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इसी प्रकार अन्य फसलों के एमएसपी में भी वृद्धि की गई है।इस बार केंद्र सरकार ने एमएसपी फसल की लागत का करीब 1.5 गुना बढ़ोतरी की है।

मोटे अनाज में सबसे ज्यादा रागी की एमएसपी में बढ़ोतरी
मोटे अनाज में ज्वार (हाईब्रिड) के एमएसपी में 191 और ज्वार (मालदंडी) के एमएसपी में 196 की बढ़ोतरी की है। इससे अब ज्वार (हाईब्रिड) का एमएसपी 3371 और ज्वार (मालदंडी) का एमएसपी रेट 3421 रुपए प्रति क्विंटलमोटे अनाज में सबसे ज्यादा रागी की एमएसपी में बढ़ोतरी कर दिया गया है। बाजरा के एमएसपी में 125 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए इसका नया एमएसपी 2625 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। मक्का की एमएसपी में 135 रुपए बढ़ाते हुए 2225 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। रागी की एमएसपी में 444 रुपए की बढ़ोतरी की है, इससे अब रागी का एमएसपी 4290 रुपए हो गया है। की गई है।

तिलहन में सबसे ज्यादा रामतिल के एमएसपी में बढ़ोतरी
तिलहन फसलों में सबसे ज्यादा रामतिल के एमएसपी में बढ़ोतरी की है। इसकी एमएसपी में 983 रुपए की बढ़ोतरी की गई है जिससे रामतिल का एमएसपी 7734 रुपए से बढ़कर अब 8717 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। तिल की एमएसपी में 632 रुपए बढ़ाए गए हैं जिससे अब तिल का भाव 8635 से बढ़कर 9267 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। मूंगफली में 406 रुपए की बढ़ोतरी की है जिससे मूंगफली का एमएसपी 6377 से अब 6783 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। सूरजमुखी में 520 की बढ़ोतरी की गई है जिससे अब इसका एमएसपी 6760 रुपए से बढ़कर 7280 रुपए हो गया है। सोयाबीन की एमएसपी 292 रुपए बढ़ाई गई है जिससे सोयाबीन 4600 रुपए से बढ़कर अब 4892 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

किस फसल पर कितनी बढ़ी MSP?
♦ धान का MSP 2300 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 117 रुपये अधिक है।
♦ तूर का MSP 7550 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 550 रुपये अधिक है।
♦ उरद का MSP 7400 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 450 रुपये अधिक है।
♦ मूंग का MSP 8682 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 124 रुपये अधिक है।
♦ मूंगफूली का MSP 6783 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 406 रुपये अधिक है।
♦ कपास का MSP 7121 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 501 रुपये अधिक है।
♦ ज्वार का MSP 3371 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना मे 191 रुपये अधिक है।
♦ बाजरा का MSP 2625 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना मे 125 रुपये अधिक है।
♦ मक्का का MSP 2225 रुपये प्रति क्विंटल होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में 135 रुपये अधिक है।

एमएसपी रेट से किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सरकार की ओर से निर्धारित एक गारंटेड मूल्य है जिसका मकसद किसान को उसकी फसल का उचित भाव दिलाना है। एमएसपी रेट इसलिए तय किया जाता है यदि बाजार में फसल का भाव गिर जाए तो किसान को इसका नुकसान नहीं उठाना पड़े। ऐसे में किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेचकर नुकसान से बच सकते हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने से बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का किसान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उसे अपनी फसल की न्यूनतम कीमत हर हालत में मिलती रहती है। सरकार की ओर से साल में दो बार हर रबी व खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई से पहले उन फसलों का एमएसपी घोषित किया जाता है। यह एमएसपी सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर तय किया जाता है।

एक दशक में किसानों से एमएसपी पर खरीद पर खर्च का बना रिकॉर्ड
केंद्र सरकार ने पिछले 10 साल के दौरान किसानों से एमएसपी पर धान, गेहूं, दलहन और तिलहन की खरीद पर 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले एक दशक में एमएसपी पर खरीद में इतनी धनराशि कभी खर्च नहीं की गई है। हकीकत यही है कि किसानों के कल्याण के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने जितनी प्रतिबद्धता दिखाई है, उनके हित और आय बढ़ाने के लिए जितनी योजनाएं लाई है। इससे पहले आजादी के बाद बनी किसी भी सरकार ने किसानों का इतना भला नहीं किया है। कृषि मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण 2023-24 (31 जनवरी, 2024 तक) में 20.39 लाख करोड़ रूपये दिया गया है। यह कर्ज 12.68 करोड़ खातों को दिया गया। यह कर्ज किसानों की अल्पकालिक कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया गया है। पिछले साल 31 मार्च तक 73,470,282 सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड खाते थे। 

 

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