दुनियाभर में आज 21 जून को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (SKICC) में लोगों के साथ योग किया। समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते दस वर्षों में योग का ये जो विस्तार हुआ है, उससे योग से जुड़ी धारणाएं बदली हैं। योग अब सीमित दायरों से बाहर निकल रहा है। आज दुनिया एक नई योग इकॉनमी को आगे बढ़ते देख रही है।
Theme of this year’s #InternationalDayofYoga is ‘Yoga for Self and Society’. The world is looking at yoga as a powerful agent of global good and it enables us to live in the present without the baggage of the past: @narendramodi
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— MyGovIndia (@mygovindia) June 21, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप देखिए, भारत में ऋषिकेश, काशी से लेकर केरल तक, योग टूरिज़्म का नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दुनिया भर से टूरिस्ट इसलिए भारत आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें भारत में योग सीखना है। आज योगा रिट्रीट बन रहे हैं। योगा रिज़ॉर्ट बन रहे हैं। एयरपोर्ट्स में, होटेल्स में योग के लिए खास सुविधाएं दी जा रही हैं। मार्केट में योग के लिए डिजाइनर परिधान, एपेरल्स, उपकरण आ रहे हैं। लोग अब अपनी फिटनेस के लिए पर्सनल योग ट्रेनर्स भी रख रहे हैं। इन सबने युवाओं के लिए नए अवसर बनाए हैं, युवाओं के लिए रोजगार के मौके बनाए हैं।
श्रीनगर में आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरनेशनल योगा डे 10 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर चुका है। 2014 में मैंने यूनाइटेड नेशंस में इंटरनेशनल योगा डे का प्रस्ताव रखा था। भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था और ये अपने आप में एक रिकॉर्ड था। तब से, योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। 2015 में दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 35 हजार लोगों ने एक साथ योग किया। ये भी एक विश्व रिकॉर्ड था। पिछले साल मुझे अमेरिका में यूएन हेडक्वार्टर में योग दिवस के आयोजन का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। इसमें भी 130 से ज्यादा देशों के लोगों ने भाग लिया था। योग की ये यात्रा अनवरत जारी है। मुझे खुशी है कि आज देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को इस बोर्ड से मान्यता मिल चुकी है। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत के इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, योग के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है। दुनिया के कितने ही देशों में योग डेली लाइफ का हिस्सा बन रहा है। तुर्कमेनिस्तान में योग बेहद पॉपुलर हो चुका है। तुर्कमेनिस्तान की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी योगा थेरेपी को शामिल किया गया है। सऊदी अरब ने तो योग को अपने एजुकेशन सिस्टम में भी शामिल किया है। मंगोलिया में भी मंगोलियन योग फ़ाउंडेशन के तहत कई योग स्कूल चलाये जा रहे हैं। यूरोपियन देशों में भी योग का चलन तेजी से बढ़ा है। आज विश्व के बड़े-बड़े संस्थानों में योग पर रिसर्च हो रही है, रिसर्च पेपर्स पब्लिश हो रहे हैं।
श्रीनगर: 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “मैंने 2015 में तुर्कमेनिस्तान में योग सेंटर का उद्घाटन किया था। आज वहां योग मशहूर हो गया है। वहां की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी योग थेरेपी को शामिल किया गया है। सऊदी अरब ने योग को अपने एजुकेशन सिस्टम… pic.twitter.com/B0Q7RfSpKO
— IANS Hindi (@IANSKhabar) June 21, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग केवल एक विधा नहीं है, बल्कि एक विज्ञान भी है। आज सूचना क्रांति के इस दौर में हर ओर सूचना संसाधनों की बाढ़ है। ऐसे में, मानव मस्तिष्क के लिए एक विषय पर फोकस कर पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इसका भी निदान हमें योग से मिलता है। हम जानते हैं, एकाग्रता मानव मन की सबसे बड़ी ताकत है। योग-ध्यान के जरिए हमारा ये सामर्थ्य भी निखरता है। इसीलिए, आज आर्मी से लेकर स्पोर्ट्स तक में योग को शामिल किया जा रहा है। स्पेस प्रोग्राम्स में भी जो एस्ट्रोनॉट्स को ट्रेनिंग दी जाती है, उन्हें भी योग और ध्यान की ट्रेनिंग दी जाती है। इससे प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है, सहनशक्ति भी बढ़ती है। यानि योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए रास्ते बना रहा है।
इसके पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है। कश्मीर और श्रीनगर का ये वातावरण, ये ऊर्जा और अनुभूति योग से हमें जो शक्ति मिलती है, श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों को, दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से योग दिवस की बधाई देता हूं।