प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जी-20 का सफल आयोजन करके इतिहास रच दिया। दिल्ली घोषणापत्र पर सर्वसम्मति ऐतिहासिक रही, जिसे ज्यादातर लोग असंभव बता रहे थे। दिल्ली के राजघाट पर दुनिया के सबसे विकसित देशों के राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष और बड़े नेताओं ने जिस तरह एक साथ अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को नमन किया, यह दृश्य देखकर हर भारतीय गर्व से भर गया और सबके मन में एक ही ख्याल आया कि झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए और यह काबिलियत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में ही है। पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल और कूटनीति पर मुहर लगाते हुए सम्मेलन में शामिल वैश्विक नेताओं ने एक स्वर में माना कि भारत ने जिस तरह की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है वह अद्भुत है। जी-20 की अगली अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने स्वीकार किया कि भारतीय नेतृत्व ने जो लकीर खींच दी है उनके लिए उस तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी। यहां तक कि भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन भी यह सब देखकर अचंभित थे और पीएम मोदी की प्रशंसा करने से खुद को रोक नहीं पाए।
जी-20 सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणापत्र पर सर्वसम्मति
जी-20 सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणापत्र पर बनी सर्वसम्मति ने यह साबित कर दिया कि भारत वैश्विक कूटनीति का नेतृत्व करने में पूरी तरह से सक्षम है। 200 घंटों तक चली लंबी बातचीत और समझाइश के बाद भारत तमाम देशों के साथ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक्शन के लिए आम राय बनाने में तो कामयाब रहा ही, चीन की कुटिल चालों को भी भारत ने नाकाम कर दिया। यह अपने आप में चौंकाने वाला है कि डिक्लरेशन के तमाम 83 पैराग्राफ बिना किसी असहमति, फुटनोट, समरी के ज्यों के त्यों स्वीकार कर लिए गए। इस पर सहमति बनाने के दौरान यूक्रेन युद्ध पर UN चैप्टर के तहत एक दूसरे की संप्रभुता, सीमाओं और राजनीतिक स्वतंत्रता के सम्मान और परमाणु हथियारों को अस्वीकार्य बताकर पश्चिमी देशों के साथ ही रूस और चीन को सख्त संदेश दिया गया।
पिछले सम्मेलन से दोगुना परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज
भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन अपने मूल एजेंडा और परिणामों के मामले में इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी व सफल सम्मेलन साबित हुआ है। इसमें कुल 112 परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज तैयार किए गए। पिछले सम्मेलन से तुलना करें, तो यह दोगुने से भी ज्यादा है। इसी वजह से इसे अब तक का सबसे सफल सम्मेलन माना जा रहा है। इनमें 73 परिणाम दस्तावेज यानी आउटकम डॉक्यूमेंट्स हैं, जो सदस्य देशों के मंत्रियों की ओर से बीते महीनों में देश के विभिन्न शहरों में हुई बैठकों में बनी सहमति पर तैयार हुए हैं। इन्हें लाइन ऑफ एफर्ट दस्तावेज भी कहते हैं। वहीं, 39 संलग्न दस्तावेज हैं, जिन्हें कार्य समूह के दस्तावेजों से अलग अध्यक्षीय दस्तावेज कहा जाता है।
जी20 दिल्ली घोषणापत्र निराशावादियों के मुंह पर तमाचा
जी20 को लेकर भारत के लिए जताई गई तमाम आशंकाएं और अविश्वास न सिर्फ़ गलत साबित हो गए हैं, बल्कि ऐसा कहने वालों को करारा जवाब भी मिला है। जी20 का नई दिल्ली घोषणापत्र, जिसे कई लोगों ने खारिज किया था, कई ने बहुत मुश्किल कहा था, कुछ ने शायद असंभव कहा, और कुछ ने कहा कि हासिल करना मुमकिन नहीं। सवाल उठाए गए थे कि भारत, एक महत्वाकांक्षी उभरता हुआ देश, वह सब कैसे हासिल कर सकता है, जो दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाएं अब तक नहीं कर सकीं…? ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘रॉयटर’ से लेकर ‘द गार्डियन’ तक ने और देश के विपक्षी नेताओं ने सवाल किया गया था कि भारत युद्ध के इस काल में चीन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ – सभी को एक साथ कैसे ला सकता है… लेकिन, भारत ने कर दिखाया। भारत मंडपम से इन तमाम निराशावादियों की हवा निकालते हुए जी20 दिल्ली घोषणापत्र पर 100 फ़ीसदी आम सहमति की घोषणा कर भारत ने न सिर्फ़ इतिहास रच डाला, बल्कि निराशावादियों के मुंह पर तमाचा भी जड़ दिया।
कूटनीतिक स्तर पर एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व उपलब्धि
दिल्ली घोषणापत्र को लेकर G20 के शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि नई दिल्ली घोषणापत्र पर सदस्य देशों से 200 घंटे तक चर्चा हुई। रूस और चीन के साथ अलग से लंबी बातचीत हुई, जिसके बाद अंतिम मसौदे पर सहमति बनी। दिल्ली घोषणापत्र में महिला सशक्तीकरण और लिंग समानता पर व्यापक ध्यान देने के साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर क्या हासिल किया है। महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण और कल्याण पर पूरी तरह से बड़ा ध्यान है और महिलाओं के सशक्तिकरण पर एक नया कार्य समूह बनाया गया है, जिसे ब्राजील आगे बढ़ाएगा। दिल्ली घोषणापत्र में कुल 83 पैरा हैं और सभी 83 पैरा पर सभी देशों में शत-प्रतिशत सहमति है। यह अपने आप में ऐतिहासिक और अभूतपूर्व उपलब्धि है।
पीएम मोदी ने दुनिया के लिए संयुक्त सुनहरा भविष्य बुना
जी20 दिल्ली घोषणापत्र के ज़रिये भारत ने दुनिया के लिए संयुक्त सुनहरा भविष्य बुन दिया है। भारत ने अपनी बात पर खरा उतरकर दिखाया। 16 नवंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के दौरान हैंडओवर कार्यक्रम में बताया था कि भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए उनका मंत्र या दृष्टिकोण क्या है, और क्या होगा – समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी – ये चार शब्द थे। आज, 10 महीने बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत ने साबित कर दिखाया कि दुनिया के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी भारतीय वह हासिल कर सकते हैं, जो उन्होंने तय किया है।
जी20 बना जनांदोलन की मिसाल।।
प्रधानमंत्री @narendramodi के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के कोने-कोने तक जी20 के आयोजनों व बैठकों के माध्यम से जी20 सही मायनों में बना 140 करोड़ देशवासियों का पीपल्स #G20 #G20Summit #BharatMandapam #G20India #G20SummitDelhi #G20Summit2023… pic.twitter.com/JFN0cFx0nc
— MyGovIndia (@mygovindia) September 10, 2023
भारत ने रचा इतिहास, जी-20 को कर दिया जी-21, अफ्रीकी संघ को मिली सदस्यता
अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने और ग्लोबल साउथ के देशों के हितों का मुद्दा उठाकर भारत ने वैश्विक जगत में अपना कद ऊंचा किया है। इस तरह भारत की साख बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी की पहल से जी-20 अब जी-21 हो गया। इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय मामलों में इन देशों का समर्थन हासिल करने और वहां अपना प्रभाव बढ़ाने में मदद मिलेगी। अफ्रीकी संघ 55 देशों का समूह है, जिसकी आबादी करीब डेढ़ अरब है। यह एक बहुत बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र है, जहां भारतीय उत्पादों को बाजार मिल सकता है। वास्तव में बाली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ के प्रेसिडेंट ने स्थायी सदस्यता की मांग उठाई थी, तो हमारे प्रधानमंत्री ने उन्हें कहा था कि हम आपसे वादा करते हैं कि अगली बार आपको इसमें शामिल किया जाएगा और इस बार अफ्रीकी संघ को जी-20 समूह में शामिल किया गया। अफ्रीकी संघ को बहुत देर से जी-20 की सदस्यता मिली है, यह दस साल पहले हो जाना चाहिए था। असल में पहले जितनी संस्थाएं बनीं, उसमें पश्चिमी देशों का वर्चस्व रहा, इसलिए अफ्रीका को बाहर रखा गया था।
अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष ने कहा- वह भावुक करने वाला पल था
अफ्रीकन यूनियन (अफ्रीकी संघ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिशों के कारण जी-20 संगठन का स्थायी सदस्य बन गया। अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किए जाने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली औसमानी को गले लगाया तो उन्होंने कहा कि यह उनके लिए भावनात्मक पल था। अजाली औसमानी ने कहा कि मैं रोने वाला था। यह मुझे बहुत भावुक करने वाला था। क्योंकि वास्तव में, हमने सोचा था कि इस पर बहस होगी और फिर कोई निर्णय लिया जाएगा, लेकिन शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ही यह घोषणा की गई कि हम इसके एक सदस्य हैं। कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली औसमानी ने कहा कि जब पीएम मोदी ने 55 सदस्यीय अफ्रीकी गुट को प्रतिष्ठित जी20 समूह में शामिल करने की घोषणा की तो मैं अत्यधिक भावनाओं से भर गया।
भारत ग्लोबल साउथ के ली़डर के रूप में उभरा
भारत ने ग्लोबल साउथ यानी एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील एवं गरीब देशों के हितों का ध्यान रखने का मुद्दा उठाया, उसे भी स्वीकार किया गया। इसके पीछे असली बात यह है कि भारत और चीन के बीच इस बात की प्रतिद्वंद्विता चल रही है कि ग्लोबल साउथ का नेता कौन? भारत हमेशा से ग्लोबल साउथ के हितों की बात करता रहा है और विकासशील एवं गरीब देशों का समर्थक रहा है। चूंकि चीन के पास बहुत पैसा है, इसलिए वह कर्ज देकर ग्लोबल साउथ के देशों का नेतृत्व करना चाहता है। इसके कारण चीन का प्रभाव ग्लोबल साउथ में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। लेकिन श्रीलंका के चीन के कर्ज में फंसकर दिवालिया होने के बाद अब गरीब देशों में चीन की जगह भारत पर भरोसा बढ़ने लगा है। भारत ने इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के हितों का मुद्दा उठाकर चीन की विस्तारवादी नीति को करारी मात देते हुए बढ़त बना ली है।
दिल्ली घोषणापत्र में चीन और पाकिस्तान के लिए सख्त संदेश
जी-20 के दिल्ली घोषणापत्र में सिर्फ चीन को ही सख्त संदेश नहीं दिया गया, बल्कि पाकिस्तान के लिए भी सख्त संदेश है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बताया गया। घोषणापत्र के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण ही आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है। इसमें कहा गया है कि आतंकवादी समूहों को सुरक्षित आश्रय, संचालन की स्वतंत्रता, आवाजाही और रंगरूटों की भर्ती के साथ-साथ वित्तीय, भौतिक या राजनीतिक मदद रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के लॉन्च का किया
भारत ने 9 सितंबर को ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन) शुरू करने का एलान किया और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया। ‘वन अर्थ’ पर जी20 शिखर सम्मेलन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 सैटेलाइट मिशन’ शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा और नेताओं से ‘ग्रीन क्रेडिट पहल’ पर काम शुरू करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा, “आज समय की मांग है कि सभी देश ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में मिलकर काम करें। हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है।”
8 देशों का इकोनॉमिक कॉरिडोर चीन को जवाब देगा
दिल्ली में G20 समिट ने दुनिया में भारत की भागीदारी के कई दरवाजे खोले हैं। समिट में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की गई। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय यूनियन सहित कुल 8 देशों के इस प्रोजेक्ट का फायदा इजरायल और जॉर्डन को भी मिलेगा। मुंबई से शुरू होने वाला यह नया कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प होगा। यह कॉरिडोर 6 हजार किमी लंबा होगा। इसमें 3500 किमी समुद्र मार्ग शामिल है। कॉरिडोर के बनने के बाद भारत से यूरोप तक सामान पहुंचाने में करीब 40 प्रतिशत समय की बचत होगी। अभी भारत से किसी भी कार्गो को शिपिंग से जर्मनी पहुंचने में 36 दिन लगते हैं, इस रूट से 14 दिन की बचत होगी। यूरोप तक सीधी पहुंच से भारत के लिए आयात-निर्यात आसान और सस्ता होगा।
विश्व के नेताओं ने भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 सम्मेलन पर क्या कहा, इस पर एक नजर-
भारत का नेतृत्व अद्भुतः तैयप एर्दोगन
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन जी-20 भव्य आयोजन को देखकर अचंभित थे और उनके स्वर भी बदले हुए थे। उन्होंने कहा कि भारत ने बेहद सफलतापूर्वक अध्यक्ष की भूमिका निभाई है। अगर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनता है तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी।
पूरी दुनिया को अमन का संदेशः इमैनुअल मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा, ‘मैं खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को भारत की अध्यक्षता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मौजूदा वैश्विक हालात में शांति और अमन के लिए जो अधिकतम किया जाना चाहिए, वह भारत ने बतौर अध्यक्ष किया है। भारत ने अमन का संदेश पूरी दुनिया को दिया है।’
विकासशील देशों के मुद्दे को मंच मिलाः अलबर्टों फर्नांडीस
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अलबर्टों फर्नांडीस ने कहा, ‘विकासशील देशों के मुद्दे को अभी तक विश्व मंच पर नहीं लाया गया था। भारत ने दिखाया कि इस बारे में अब खुलकर बात होनी चाहिए। इसका असर भावी बैठकों में दिखेगा।’ दरअसल, भारत के बाद ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी विकासशील देशों की श्रेणी में हैं और भारत ने जो मुद्दे तय किए हैं, वे उन पर अमल कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने दिखाया चुनौतियों से निपटने की क्षमताः जो बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘अफ्रीकी यूनियन अहम साझीदार है। आप (मोदी) हमें साथ ला रहे हैं, हमें साथ रख रहे हैं, हमें याद दिला रहे हैं कि हममें साथ मिलकर चुनौतियों से निपटने की क्षमता है।’ वियतनाम रवाना होने के बाद एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि नई दिल्ली सम्मेलन ने यह साबित किया है कि यह ग्रुप अभी भी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है।
कई मायनों में सफल रहा सम्मेलनः सर्गेई लावरोव
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में एक सफल सम्मेलन रहा क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है और ग्लोबल साउथ की ताकत एवं महत्व को प्रदर्शित किया है। उन्होंने भारत की अध्यक्षता में तैयार किए गए आधार पर जी-20 में सहयोग को मजबूत करने का आह्वान भी किया। लावरोव ने कहा कि भारत ने पश्चिम को यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ‘जी-20 का राजनीतिकरण करने के प्रयासों को रोकने के लिए मैं भारत का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।’ रूस के एक राजनयिक लुकाश ने कहा कि यह जी-20 के सबसे मुश्किल सम्मेलनों में से एक था।
पीएम मोदी के नेतृत्व में हम साथ आएः ऋषि सुनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ‘भारत के नेतृत्व में हमने दिखाया कि ऐसे समय हम साथ आ सकते हैं जब यह वास्तव में मायने रखता है।’ उन्होंने कहा कि जब आप ‘भारत मंडपम’ में घूमते हैं, तो देख सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी देश के दूरदराज के लोगों को क्या सेवाएं पहुंचा रहे हैं और डिजिटल इनीशिएटिव व प्रौद्योगिकी क्या कर सकते हैं।
घोषणापत्र पर सहमति सार्थक उपलब्धिः फुमियो किशिदा
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने जी-20 का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और नई दिल्ली घोषणापत्र पर सहमति को सार्थक उपलब्धि करार दिया। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में नेताओं ने उत्तर और दक्षिण के बीच नई बातचीत की।
‘एक भविष्य’ पर चर्चा करना महत्वपूर्णः जस्टिन ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम ‘एक भविष्य’ पर चर्चा करने के लिए यहां इकट्ठा किया, यह बहुत महत्वपूर्ण है।
सफल परिणाम के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व को सराहाः प्रविंद कुमार जगन्नाथ
मारीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने बहुत सफल परिणाम के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना की और इस ”असाधारण अवसर” के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।
G20 से पहले मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की जमकर सराहना की है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कठिन राजनयिक स्थिति को संभालते हुए भारत के संप्रभु और आर्थिक हित को पहले रखने के मोदी सरकार के कदम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा है कि केंद्र ने ‘सही काम’ किया है। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के मुद्दे पर भारत के स्टैंड का का समर्थन करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है।’
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की जमकर तारीफ की और कहा कि इस पर इतना ध्यान कभी नहीं दिया गया।https://t.co/zto4UYrItS
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) September 9, 2023
60 शहरों में 500 बैठकें, भारत ने बनाया जी20 का नया रेकॉर्ड
भारत ने जी20 की बैठकों और प्राथमिकताओं को देश के हर हिस्से में ले जाकर एक तरीके से अध्यक्षता को नई परिभाषा दे दी है जिसे अब तक किसी मेजबान ने नहीं किया है। इंडोनेशिया ने थोड़ा अलग किया था जिसमें कुछ 25 बैठकें हुई थीं, लेकिन भारत की 200 से अधिक बैठकें 60 स्थानों पर हुई हैं, जिसने आकार और पैमाने में एक नया टेम्पलेट तैयार कर दिया है। मोदी सरकार ने टियर टु शहरों में भी जी20 की बैठकें आयोजित करवाईं जिससे आम जनमानस में अपने देश के प्रति गौरव का भाव बढ़ा। इससे दुनिया के सामने भारत की विविधता और विस्तार को प्रदर्शन हुआ। एक हालिया साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष के दौरान 125 देशों के एक लाख प्रतिनिधियों ने भारत के जादू का अनुभव किया और 1.5 करोड़ भारतीयों ने किसी न किसी रूप में कार्यक्रमों में भाग लिया।
मोदी विजन से भव्यता और दिव्यता के साथ हुई जी-20 की बैठकें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर काम को भव्यता और दिव्यता के साथ करते हैं। जी20 जैसे वैश्विक आयोजन की सफल मेजबानी इसका जीता-जागता उदाहरण है। जिस जी20 की बैठकें दुनिया के बड़े-बड़े समृद्ध देशों ने अपने दो से ज्यादा शहरों में कभी नहीं करवाईं, उसे मोदी सरकार ने भारत के 60 शहरों में करवाकर इतिहास रच दिया। भारत और भारतीयों की क्षमता पर अटूट भरोसे से लबालब प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के बीते नौ सालों में कई ऐसे साहसिक फैसले लिए और उन्हें सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा, जिनके बारे में कल्पना करना भी आसान नहीं हुआ करता था। आज दुनिया डिजिटल इंडिया की सफलता से दंग है। कोरोना की वैश्विक आपदा में वैक्सीन डिप्लोमेसी ने दुनिया को भारत का कायल कर दिया। रिकॉर्ड वक्त में देश की नई संसद बनाने की ही बात हो, मोदी सरकार जो भी करती है, उसका अंदाज कुछ अलग होता है।