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मोदी सरकार ने खालिस्तानी नेटवर्क को ध्वस्त करने का दिया निर्देश, 5 खालिस्तानी संगठनों पर होगी सख्त कार्रवाई, विदेशी फंडिंग की भी होगी जांच

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पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद खालिस्तान समर्थक सगंठनों के हौसले बुलंद है। जहां उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ का सहयोग मिल रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार के संरक्षण में भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ाने का मौका मिल रहा है। इसको देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में पांव पसार रहे खालिस्तान आंदोलन पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। इसके तहत गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य जांच एजेंसियों को दिल्ली से सटे 5 राज्यों में खालिस्तानी नेटवर्क को खत्म करने और विदेशी फंडिंग रोकने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार (19 अगस्त, 2022) को एनआईए, ईडी, आईबी और रॉ के साथ अहम बैठक की थी। बैठक में दिल्ली पुलिस समेत पांच राज्यों की पुलिस मौजूद थी। इस बैठक में जांच एजेंसियों को खालिस्तानी एक्टिविटी पर नजर रखने और उनके ऊपर केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने एनआईए को ड्रोन के जरिये हथियार, IED, विस्फोटक भेजने पर खालिस्तानी गैंग और उससे जुड़े संगठनों पर एफआईआर दर्ज करने का नोटिफिकेशन जारी किया।

मोदी सरकार ने मुख्य रूप से 5 खालिस्तानी संगठन को अपना टारगेट बनाया है। इनमें खालिस्तानी लिबरेशन फ्रंट (KLF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), सिख यूथ फेडरेशन (SYF), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) आदि संगठन शामिल हैं। इन संगठनों पर केस दर्ज करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। देश की सभी प्रमुख जांच एजेंसियों को इनके नेटवर्क के बारे में सूचनाओं का राज्यों के साथ आदान-प्रदान करने और राज्यों को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया गया है।

पिछले कुछ महीने में दिल्ली और आसपास के राज्यों में आईईडी और विस्फोटक बरामद हुए थे। आईबी और एनआईए को आशंका है कि उनके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी संगठनों का हाथ है। जांच एजेंसी के मुताबिक ये संगठन देश में बड़े हमले को अंजाम देना चाहते हैं। उसके लिए इन संगठनों को विदेशों से फंडिंग हो रही। एनआईए इसकी भी जांच करेगी कि इन संगठनों को विदेशी फंडिंग कहां से आ रही है।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के समय से सिख फार जस्टिस नामक संगठन की तरफ से लोगों को कॉल करके भारत सरकार के खिलाफ भड़काने और पृथक खालिस्तान राज्य का समर्थन करने की अपील की जाती रही है। हाल के दिनों में ऐसी फोन कॉल फिर आनी शुरू हो गई है। यह कॉल मोबाइल स्क्रीन पर अंतरराष्ट्रीय कॉल के तौर पर आती है, जो आसानी से ‘ट्रेस नहीं हो पाती है। अक्सर इस कॉल में गुरपवंत सिंह पन्नू का नाम लिया जाता है। इस बार फोन कॉल में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा न फहराने देने की धमकी दी गई थी। लेकिन हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों ने चंडीगढ़ के सेक्टर-15 स्थित गुरपतवंत पन्नू के घर पर ही तिरंगा फहरा दिया।

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