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मदरसों और स्कूलों में समान शिक्षा के लिए केंद्र सरकार का फैसला, मदरसों में आठवीं तक नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति, मदरसों के लिए कई नए प्रयोग कर रही योगी सरकार ने तत्काल लागू किया फैसला

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शितापूर्ण विजन को जमीनी धरातल पर लाने के लिए हालांकि सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन यूपी के सीएम योगी जिस तेज गति से इस सोच को आगे बढ़ाते हैं, वह औरों के लिए मॉडल बन जाता है। केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मुफ्त कर दी है। इसलिए आठवीं कक्षा तक के बच्चों को छात्रवृत्ति देने का औचित्य नहीं है। ऐसे में यूपी की योगी सरकार ने तय किया है कि मदरसों में कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छात्रों को शैक्षिक सत्र 2022-23 से छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ाई से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया था।अब मदरसों में सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति दी जाएगी
पीएम मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी मदरसों, दरगाहों के साथ ही पांच लाख मुस्लिमों के घरों पर भी तिरंगा फहराने को भी मूर्तरूप दिया। मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की तरह दोपहर का भोजन, यूनिफार्म, किताबें मुफ्त दी जाती हैं। पहले परिषदीय विद्यालयों के आठवीं कक्षा तक के छात्रों को भी छात्रवृत्ति मिलती थी, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं तक की शिक्षा निशुल्क किये जाने के बाद इसे अब बंद कर दिया गया था। अल्पसंख्यक विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि शिक्षा के अधिकार के तहत मदरसों में भी कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई मुफ्त है। विद्यार्थियों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। इसलिए सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति दी जाएगी और उन्हीं के आवेदन अग्रसारित किए जाएं।मदरसों में मांगे थे आवेदन, नए निर्देशों के तहत शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू
केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में निर्देश जारी कर दिये गए हैं। पिछले वर्ष मदरसों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा तक के लगभग छह लाख छात्रों को छात्रवृत्ति मिली थी। कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को एक वर्ष में एक हजार रुपये दिए जाते हैं, जबकि छठवीं से आठवीं तक के लिए छात्रवृत्ति की राशि अलग-अलग है। लेकिन नए आदेशों के तहत अब प्री-मैट्रिक स्कालरशिप सिर्फ कक्षा नौ और 10 के पात्र विद्यार्थियों को मिलेगी। उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छात्रों को शैक्षिक सत्र 2022-23 की छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। बता दें कि छात्रवृत्ति के लिए 15 नवंबर तक आवेदन मांगे गए थे । संस्थानों की ओर से सत्यापन के बाद आवेदन फारवर्ड भी कर दिए गए हैं। अब इसकी हार्ड कॉपी की मांग की गई थी, लेकिन अब निर्देश के तहत प्रक्रिया रोक दी गई है। अब सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों के आवेदनों की ही हार्ड कॉपी जमा की जाएगी।यूपी ने मदरसों में राष्ट्रगान किया अनिवार्य, मस्जिदों के उतरवाए हजारों लाउडस्पीकर
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ‘उपयोगी सरकार’ की भूमिका बड़े अच्छे तरीके से निभा रही है। सरकार ने प्रदेश में मस्जिदों से हजारों लाउडस्पीकरों को उतरवाकर शोर को खत्म करने का बड़ा फैसला लागू किया, लेकिन इससे कहीं विवाद नहीं हुआ और पूरे प्रदेश में बनी रही। लाउडस्पीकरों के बाद बारी राष्ट्रगान की आई। जब दूसरे स्कूलों में राष्ट्रगान होता है तो मदरसों में क्यों नहीं होना चाहिए? इस सोच के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ाई से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने तब कहा था कि सभी मदरसों में राष्ट्रीय गान गाया जाएगा और इसके लिए सभी को सूचित कर दिया गया है। ऐसा न करने वाले मदरसों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद ने राष्ट्रगान गाने की वकालत करते हुए कहा- ‘जब मदरसा छात्र राष्ट्रगान गाएंगे तो समाज के मूल्यों को भी जानेंगे। मदरसा शिक्षा के उत्थान के लिए सरकार काम कर रही है। अब मदरसा के छात्र गणित, विज्ञान, कंप्यूटर के साथ-साथ धर्मग्रंथों का भी अध्ययन करेंगे।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान देश से मोहब्बत का इजहार है, इसीलिए इस पर किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए।

एमपी के गृह मंत्री मिश्रा के संकेत, राज्य में मदरसों में जरूरी होगा जन-गण-मन
यूपी के बाद अब कुछ अन्य राज्यों में भी मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने की मांग उठने लगी। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संकेत दिए हैं कि एमपी के मदरसों में भी राष्ट्रगान अनिवार्य किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश के मदरसों में भी राष्ट्रगान अनिवार्य किया जा सकता है। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह एक विचारणीय बिंदु है। इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जन गण मन होना चाहिए। सभी जगह होना चाहिए। यह राष्ट्र का गीत है। मदरसों में राष्ट्रगान कराए जाने को लेकर पूछे सवाल पर सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि हम पाकिस्तान में राष्ट्रगान कराने का नहीं कह रहे हैं। हम तो मध्य प्रदेश के अंदर, उत्तर प्रदेश के अंदर और देश के कोने-कोने में शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रगान कराने का कह रहे हैं। उनमें राष्ट्रगान हो, राष्ट्र की स्तुति हो, भारत माता की जय हो, तो क्या गलत है।मदरसों-दरगाहों और घरों पर तिरंगा अभियान से पांच लाख मुस्लिमों तक पहुंचा मोर्चा
मदरसों में राष्ट्रीय गान को अनिवार्य करने के बाद पीएम मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के तहत योगी ने राज्य के सभी मदरसों, दरगाहों के साथ ही पांच लाख मुस्लिमों के घरों पर भी पिछले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने की योजना बनाई। इस अभियान के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के घर-घर पहुंच बनाने के लिए कई कोशिशें शुरू की गई। भाजपा का मानना है कि इससे राष्ट्रवादी मुस्लिमों से लोगों के बीच सामूहिकता की भावना और बढ़ी है। इसके चलते भाजपा की मुस्लिम विंग मस्जिद, मदरसों और दरगाहों पर तिरंगा फहराने की योजना पर काम किया। उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा 12 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत करीब पांच लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचा।

 

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