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मिशन-2024 का एक्शन: बीजेपी विशेष अभियान में देशभर में बताएगी मोदी सरकार के 9 साल की बड़ी योजनाएं, इस ‘दस का दम’ से देशवासियों का जीवन ऐसे बना खुशहाल

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मोदी सरकार का 2.0 भी गांव से शहर तक,  युवाशक्ति के नारीशक्ति तक, नौकरीपेशा से व्यापारी तक और गरीब से लेकर बुजुर्गों तक के कल्याण के नाम रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा मिली जीत और नौ साल में चलाई गईं योजनाएं न सिर्फ हिट रहीं, बल्कि उनकी उपलब्धियों की गूंज देश-प्रदेश की सरहदों को लांघकर विदेशों तक जा पहुंची। यह पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन का ही कमाल है कि जब दुनियाभर के देश अर्थव्यवस्था के संकट के दौर से गुजर रहे हैं, तब भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी इकॉनोमी बना। भारत का विजयी डंका दुनिया में तो बजा ही, देश में भी सबको साथ लेकर सबका सर्वांगीण विकास करने, सभी तरह की कनेक्टिविटी को तेज रफ्तार देने, युवाओं के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर सृजित करने का ही सुपरिणाम है कि इन नौ सालों में ही हर कोई कह रहा है कि मेरा देश बदल रहा है। मेरा देश विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है और मेरा देश लोगों के जीवन को खुशहाल बना रहा है।पीएम मोदी के विजन के चलते नौ साल की उपलब्धियों ने देश की दमदार छवि बनाई
मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल के दौरान कई उपलब्धियां ने तो इतिहास ही रच डाला। पीएम की दूरदर्शी सोच के चलते कुछ फैसले और उपलब्धियां तो सदियों के संघर्ष के बाद मोदी राज में ही हासिल हो पाईं। ये ऐसे मील के पत्थर हैं, जो देश के हर खासो-आम के लिए बहुत ही मायने रखते हैं। जो राष्ट्र, समाज और व्यक्ति के विकास और उम्मीदों को लगातार ऊर्जा प्रदान करते हैं। यही वजह के दुनिया से सामने मजबूत, शक्तिशाली और दृढ़प्रतिज्ञ नए भारत की जो शानदार छवि बीते नौ सालों में बनी है, वह आजादी के इतने दशकों के बाद भी नहीं बन पाई थी। पीएम मोदी और उनकी सरकार के इस कमाल को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा भारतीय जनता पार्टी ने उठाया है। महा-जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा ने केवल सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएगी,  बल्कि सरकार के कामकाज के अलावा विभिन्न मुद्दों पर समाज के अलग-अलग वर्गों का फीडबैक भी लेगी।बीजेपी 30 मई से महासंपर्क अभियान में बताएगी- मोदी है तो मुमकिन है
मोदी सरकार के नौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य में पार्टी 30 मई से 30 जून तक देशभर में महासंपर्क अभियान चलाने जा रही है। इस महासंपर्क अभियान के दौरान पार्टी की योजना व्यापक स्तर पर केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों, बुद्धिजीवियों, विजनरी यूथ ऑयकान, नारीशक्ति और विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों से संपर्क करने की है। दरअसल, आज हर देशवासी यह तो महसूस करने ही लगा है कि हर संकट की घड़ी में यदि मोदी है तो उसका समाधान भी मुमकिन है। यदि मोदी है तो देश का, युवाओं का, नारीशक्ति का और हर वंचित-शोषित-पीड़ित वर्ग का उत्थान भी मुमकिन है। बीजेपी महासंपर्क अभियान में बताएगी कि अगर हम नौ साल में इतनी दूर तक पहुंच सकते हैं। तो कल्पना कीजिए कि अगले पांच साल में देश कितना आगे जा सकता है।

लोकसभावार अभियान: सवा लाख से ज्यादा विशिष्ट परिवारों से संपर्क साधा जाएगा
इस खास मौके पर सभी जिला, मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसमें मोदी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जाएगा। देश भर में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की रैलियां होंगी। तीन सौ से ज्यादा लोकसभा सीटों पर जन सभाएं होंगी। जिनमें केंद्रीय मंत्री या पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सांसद एवं विधायक भी शामिल होंगे। देश भर में सवा लाख से ज्यादा विशिष्ट परिवारों से संपर्क साधा जाएगा। हर लोकसभा में 250 विशिष्ट परिवारों से संपर्क किया जाएगा। इस अभियान में प्रदेश के प्रभावशाली व्यक्तियों जैसे खिलाड़ी, कलाकार, उद्योगपति, शहीद एवं अन्य प्रसिद्ध परिवारों और सोशल मीडिया इंफ्लुअर्स के साथ संपर्क/वार्ता करेंगे और सरकार की उपलब्धियों को साझा करेंगे। अभियान के दौरान पार्टी के सभी सातों मोर्चों का संयुक्त सम्मेलन करना, लाभार्थियों का सम्मेलन करना और 21 जून को योगा दिवस पर कार्यक्रम करना शामिल है। इसके साथ ही 23 जून को श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 10 लाख बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर सकते हैं। मोदी सरकार की 9 वर्षों की उपलब्धियों को जनता से साझा किया जाएगा और प्रचार सामग्री वितरित होगी।उपलब्धियां बताने के साथ ही भविष्य की रणनीति के लिए लिया जाएगा फीडबैक
मोदी सरकार का संकल्प है कि अगले दो साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने। अमृतकाल में इस संकल्प की सिद्धि के लिए सारे प्रयास हो रहे हैं। मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भविष्य में भी जनता का ऐसा ही आशीर्वाद और समर्थन मिलता रहे, इसके लिए भाजपा देशभर में कई जनसभाएं करेगी। अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ नेता के अनुसार महासंपर्क अभियान के दौरान लाभार्थियों से योजनाओं का लाभ मिलने के बाद जीवन स्तर में आए बदलाव की जानकारी हासिल की जाएगी। सरकार के कामकाज पर राय ली जाएगी। साथ ही बुद्धिजीवियों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों से सरकार के कामकाज के संदर्भ में सलाह ली जाएगी। इस दौरान अहम मुद्दों पर भी संबंधित वर्ग की राय हासिल की जाएगी। वरिष्ठ नेता के मुताबिक फीडबैक और विभिन्न मुद्दों पर हासिल राय से पार्टी को भविष्य में रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। अभियान के दौरान घर-घर संपर्क सभी बूथों पर अनिवार्य रूप से सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को प्रचारित करने वाले कार्यक्रम होंगे।जनधन योजना: कई देशों की आबादी से ज्यादा हैं इसके लाभार्थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र की सत्ता में आने के बाद 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की शुरुआत की गई। इस दूरदर्शी फैसले के पीछे देश के हर परिवार को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की सोच निहित थी। सरकार इस योजना को जमीनी स्तर पर जिस तरह से लागू किया गया था, ये पूरी तरह सफल साबित हुई। इसका अनुमान इसी से लग जाता है कि इसके लाभार्थियों की इतनी संख्या है, जितनी तो कई देशों की आबादी भी नहीं है। जनधन योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बीते साल 2022 में जहां इसके तहत 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए थे, तो अब तक ये आंकड़ा बढ़कर 49 करोड़ को पार कर गया है।

उज्ज्वला योजना: महिलाओं के जीवन और गैस कनेक्शन में आई नई क्रांति
मोदी सरकार की सफलतम योजनाओं की लंबी लिस्ट में एक और हिट योजना की बात करें तो वह है- उज्ज्वला योजना। पीएम मोदी कई बार भाषणों में इस सफलतम योजना का जिक्र भी कर चुके हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को चूल्हे के धुंए से निजात दिलाने के उद्देश्य से केंद्र ने इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की थी। इसके तहत जरूरतमंद परिवारों के लिए घरेलू रसोई गैस कनेक्शन मुफ्त में मुहैया कराती है। बीते साल अप्रैल-2022 तक इस योजना में 9 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके थे। 30 जनवरी, 2023 तक इसके तहत जारी किए गए कनेक्शनों की कुल संख्या 9.58 करोड़ हो गई। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने 24 मार्च, 2023 को उज्ज्वला के लाभार्थियों के लिए प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 200 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की सब्सिडी को मंजूरी दी। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2014 में कुल एक्टिव एलपीजी कंज्यूमर 14.52 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 31.26 करोड़ हो गए हैं। पीएम उज्ज्वला योजना से ही यह क्रांति आई है।

पीएम किसान सम्मान निधि: हर किस्त से आठ करोड़ से ज्यादा अन्नदाता लाभांवित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच अन्नदाता को सशक्त करने की है। यही वजह है कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए कई कार्य कर रही है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही 24 फरवरी 2019 को इस सम्मान निधि की शुरुआत की गई। किसानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना को किसानों की खूब तारीफ मिली। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में किसानों ने मोदी सरकार को झोली भरकर वोट दिए और लगातार दूसरी बार सरकार बनी। पीएम किसान योजना के तहत हर साल सरकार सीधे किसानों के बैंक खातों में 6,000 रुपये की राशि जमा करती है। यह रकम 2,000-2,000 रुपये की तीन किस्तों में ट्रांसफर की जाती है। ये योजना बेहद सफल साबित हुई और इसकी हर तरफ तारीफ होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 27 फरवरी 2023 को किसान सम्मान निधि योजना की 13वीं किस्त जारी की। सरकार ने डीबीटी माध्यम से देशभर के 8 करोड़ किसानों के खाते में 16,800 करोड़ से ज्यादा की धनराशि भेजी।पीएम गरीब कल्याण योजना: विदेश में कोरोना वैक्सीन से परचम, देश में ‘कल्याण’ ने दिल जीता
देश में सौ साल में आई सबसे बड़ी महामारी कोरोना के लिए पीएम मोदी के विजन के चलते ही देश में वैक्सिन बनी और इसे 98 देशों में भेजा भी गया। विदेशों में भारत का परचम बुलंद करने के साथ ही मोदी सरकार ने देश के गरीबों का भी ख्याल रखा। कोरोनाकाल दौरान पीएम गरीब कल्याण योजना शुरू की गई। इस योजना ने अपना काम बिल्कुल उसी तरह किया, जैसा सोचकर केंद्र ने इसे शुरू किया था। 26 मार्च 2020 को शुरू हुई इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक का पेट भरना था। कोई भी गरीब भूखा न सोए, इस मोदी-मंत्र के साथ गरीब कल्याण योजना के जरिए देश के करीब 80 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है। इसमें प्रत्येक नागरिक को 5 किलो से अधिक अनाज दिया जाता है। शुरुआत से अब तक इसे 7 बार आगे बढ़ाया जा चुका है। इस योजना के तहत अब तक सरकार करीब 5.91 लाख करोड़ रुपये का खर्च हो चुकी है। गरीबों की जरूरत को देखते हुए 1 फरवरी 2023 से इसे एक साल के लिए बढ़ाकर 2024 तक के लिए कर दिया गया हैआयुष्मान भारत योजना: मरीजों के 80 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने से बचे
पीएम के विजन के चलते गरीबों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता बनी। मोदी सरकार द्वारा 2018 में आयुष्‍मान भारत योजना शुरू की गई। इसके तहत दो लक्ष्यों में पहला 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख प्रतिवर्ष के स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवच से जोड़ना और दूसरा देश में एक लाख हेल्‍थ एण्‍ड वेलनेस सेंटर्स स्‍थापित करना। मोदी सरकार की यह योजना गरीबों के लिए बीमारी में सुरक्षा कवच का काम कर रही है। इसमें गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के आने के बाद से देश के करोड़ों मरीजों के लगभग 80 हजार करोड़ रुपए बचे हैं, जो बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे।

जल जीवन मिशन: 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचा
जल ही जीवन है…इस ब्रह्म-वाक्य पर चलते हुए मोदी सरकार देशवासियों के घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की। इस मिशन के तहत 2024 तक हर घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। अब तक इस मिशन के तहत 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। इस मिशन की घोषणा होने के वक्त देश भर में 19.27 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ यानी सिर्फ 17 प्रतिशत घरों में ही पानी का कनेक्शन था। मोदी सरकार ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद भी जल जीवन मिशन के तहत ज्यादातर ग्रामीण घरों तक नल से जल उपलब्ध कराया। इस योजना का लक्ष्य 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने योग्य जल उपलब्ध करवाना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना: करोड़ों आम लोगों का अपने घर का सपना पूरा
पीएम मोदी गरीबों-वंचितों की जरूरतों और पीड़ाओं को समझते हैं और इसी के अनुरूप योजनाओं को अमलीजामा पहनाते हैं। वे जब प्रधानमंत्री बने तो करोड़ों लोगों के पास अपना घर नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन लोगों की जरूरत को समझा और देश के हर परिवार को अपना घर देने का वादा किया। पीएम मोदी ने 25 जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और 20 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत की। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोदी सरकार तीन करोड़ से ज्यादा पक्के घरों का निर्माण कर चुकी है। करोड़ों आवासों का निर्माण मिशन मोड पर चल रहा है। ये आवास सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त हैं और ये महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बन गए हैं। देश के हर परिवार को छत मुहैया कराने के मामले में इस योजना ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

अटल पेंशन योजना: योजना के सदस्यों की संख्या 5.25 करोड़ के पार
मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अटल पेंशन योजना को मई 2015 में शुरू किया। अटल पेंशन योजना में निवेश से रिटायर होने के बाद आप हर माह पेंशन पाने के हकदार हो सकते हैं। इस योजना की खासियत है कि अगर आपकी असामयिक मृत्यु हो जाती है तो आपके परिवार को योजना का फायदा जारी रखने का प्रावधान है। अटल पेंशन योजना के तहत अब तक 5.25 करोड़ से अधिक खाते हो गए हैं। इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर अब तक 8.92 प्रतिशत का निवेश रिटर्न अर्जित किया है। इसमें नामांकन निरंतर बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 17 करोड़ किसानों के लिए सुरक्षा कवच
मोदी सरकार ने इस योजना को 13 जनवरी, 2016 को लागू किया था। देश के किसानों को हर साल बाढ़, आंधी, तेज बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी तक देश भर में 17 करोड़ से भी अधिक किसानों ने बीमा कराया है। अब तक योजना के तहत 1.3 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है। यानी यह सब बिना किसी भ्रष्टाचार या कमीशन के सीधा किसानों के खाते में पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

एक देश- एक राशन कार्ड: गरीबों को मिल रहा योजना का फायदा
एक देश एक राशन कार्ड योजना से देशभर के गरीबों को काफी राहत मिल रही है। एक देश एक राशन कार्ड (ONORC) योजना को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है, जिसमें लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी शामिल हैं। अगस्त 2019 में ओएनओआरसी योजना शुरू होने के बाद से करोड़ों पोर्टेबिलिटी लेनदेन पंजीकृत किए गए हैं, जिसमें 177 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। वर्ष 2022 के दौरान, 11 महीनों में 39 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए, जिसमें 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है।

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