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मारापे ने पीएम मोदी को बताया ग्लोबल साउथ का नेता, प्रधानमंत्री ने FIPIC में सहयोग बढ़ाने के लिए की बड़ी घोषणाएं

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 22 मई को पापुआ न्‍यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्‍स मारापे के साथ भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच- (एफआईपीआईसी FIPIC) की तीसरी शिखर बैठक की अध्‍यक्षता की। बैठक को संबोधित करते हुए पापुआ न्‍यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्‍स मारापे ने कहा कि वे वैश्विक आधिपत्‍य (Global Powerplay) के शिकार हैं। प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल साउथ का नेता बताते हुए उन्‍होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देश वैश्विक मंचों पर भारत के नेतृत्‍व का समर्थन करते हैं। मारापे ने प्रधानमंत्री मोदी से जी-20 और जी-7 जैसे वैश्विक मंचों पर छोटे द्वीपीय देशों की आवाज बनने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व नई चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य, ईंधन, उर्वरक और फार्मा की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आ रही है। उन्होंने कहा कि जब कोविड ने विश्व को प्रभावित किया और कई विश्वसनीय देशों ने मदद नहीं की तब भारत, प्रशांत क्षेत्र के अपने मित्र द्वीप देशों को सहयोग देने के लिए आगे आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने पैसिफिक आइलैंड मित्रों से कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। भारत में बनी वैक्सिन हो या जरूरत की दवाईयां, गेहूं हो या चीनी, भारत अपनी क्षमताओं के अनुरूप सभी साथी देशों की मदद करता रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे लिए आप Large Ocean Countries हैं, Small Island States नहीं। आपका यह महासागर ही भारत को आपके साथ जोड़ता है। भारतीय विचारधारा में संपूर्ण विश्व को एक परिवार की तरह देखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यह जिम्मेदारी है कि वह जी20 के माध्यम से विश्व को ग्लोबल साउथ की चिंताओं, आशाओं और आकांक्षाओं के बारे में अवगत कराए। उन्होंने कहा कि भारत आपकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है। आपका विकास पार्टनर होने पर गर्व महसूस करता है। मानवीय सहायता हो या फिर आपका विकास, भारत को आप भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख सकते हैं। हमारी दृष्टिकोण मानवीय मूल्यों पर आधारित है।

भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच FIPIC में भारत के सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 12 प्रमुख घोषणाएं की-

1. प्रशांत क्षेत्र में हेल्थकेयर को बूस्ट करने के लिए भारत ने फिजी में एक सुपर-स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बनाने का निर्णय किया है। प्रशिक्षित स्टाफ, अत्याधुनिक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त यह अस्पताल पूरे क्षेत्र के लिए एक लाइफ लाइन बनेगा। भारत सरकार इस मेगा ग्रीन-फील्ड प्रोजेक्ट का पूरा खर्च उठाएगी।

2. भारत सभी 14 पेसिफिक आइलैंड देशों में डायलिसिस (Dialysis) यूनिट लगाने में मदद करेगा।

3. सभी 14 पेसिफिक आइलैंड देशों को सी-एम्बुलेंस प्रदान की जाएगी।

4. वर्ष 2022 में फिजी में भारत ने जयपुर फुट कैंप लगाया था। इस कैंप में 600 से अधिक लोगों को बिना किसी शुल्क प्रोस्थेटिक लिंबस लगाए गए। यह गिफ्ट जिसे मिलता है, उसको लगता है मानो जीवनदान मिल गया हो। PIC क्षेत्र के लिए भारत ने इस वर्ष पापुआ न्‍यू गिनी में जयपुर फुट कैंप लगाने का फैसला किया है। 2024 से, हर साल इस तरह को दो और कैंप प्रशांत आइलैंड देशों में लगाए जाएंगे।

5. भारत में जन औषधि स्कीम के द्वारा, किफायती दामों पर अच्छी क्वालिटी की 1800 जेनेरिक दवाइयां लोगों को दी जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर, एंटी-डायबिटीज दवा, बाजार की कीमत के मुकाबले जन औषधि केंद्र में 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर मिलती है। और बाकी सभी दवाएं, 60 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर। इसी तरह के जन औषधि केन्द्र को आपके देशों में लाने का प्रस्ताव करता हूं।

6. साइंटिफिक स्टडीज दिखाती हैं कि डायबिटीज जैसे लाइफस्टाइल डिजीज के रोकथाम में योग बहुत काम आ सकता है। हम आपके देशों में योग सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव रखते हैं।

7. पापुआ न्‍यू गिनी (PNG) में Centre of Excellence for IT को अपग्रेड किया जाएगा। और उसे “Regional Information Technology और Cyber security hub” के रूप में तैयार किया जाएगा।

8. फिजी के नागरिकों के लिए एक 24X7 इमरजेंसी हेल्पलाइन की सुविधा तैयार की जाएगी जाएगी। प्रशांत द्वीप-समूह के सभी देशों में भी इस तरह की सुविधा स्थापित करने में हमें खुशी होगी।

9. हर एक पैसिफिक आइलैंड देश में SME सेक्टर के विकास के लिए परियोजना घोषित करता हूं। इस स्कीम के तहत मशीनरी और टेक्नोलॉजी सप्लाई की जाएगी और कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्रोग्राम किए जाएंगे।

10. प्रशांत आइलैंड राष्ट्रप्रमुखों के Residences को सोलर करने का प्रोजेक्ट आप सभी ने पसंद किया। अब हम सभी FIPIC देशों में कम से कम एक सरकारी इमारत को सोलर ऊर्जा में कन्वर्ट करेंगे।

11. पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए, मैं हर पैसिफिक आइलैंड देश के लोगों के लिए desalination units देने की घोषणा करता हूं।

12. कैपेसिटी बिल्डिंग में हमारे लॉन्ग टर्म सहयोग को आगे बढ़ाते हुए, मैं आज प्रशांत आइलैंड देशों के लिए ‘Sagar Amrut Scholarship’ स्कीम की घोषणा करता हूं। इसके अंतर्गत अगले पाच सालों मे 1000 ITEC ट्रेंलिंग दी जाएंगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ आपसी बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉबडाडे के साथ भी अलग से बातचीत की और दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर बल दिया। पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।

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