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केजरीवाल गुजरात में बन गए फर्जी हिंदू, माथे पर चन्दन, गले में पीतांबरी, गीता का श्लोक भूले, सुदर्शन चक्र को झाड़ू कहकर हिंदू धर्म का किया अपमान

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गुजरात में चुनाव जीतने के लिए झूठे वादों से लेकर तमाम छल प्रपंच रचने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब हिंदू का चोला भी ओढ़ लिया है। लेकिन हिंदू बनने और दिखने के प्रयास में उनकी असलियत लोगों के सामने आ गई और लोग उन्हें फर्जी हिंदू कहने लगे। माथे पर चन्दन और गले पर पीतांबरधारी गमछा ओढ़े हुए केजरीवाल गुजरात में मीडिया के सामने गीता का ज्ञान सुनाने लगे। उन्होंने गीता के श्लोक के अर्थ का अनर्थ कर दिया। उन्होंने कहा- ”यदा यदा ही धज…भगवान ने कहा कि जब भी पृथ्वी पर कुछ गड़बड़ होती है तो उन्हें अपनी झाडू चलानी पड़ती है।” क्या केजरीवाल को गीता का पूरा श्लोक नहीं पता। क्या उन्हें नहीं पता कि भगवान श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र चलाते हैं, झाड़ू नहीं। गुजरात में केजरीवाल ने इस तरह हिंदू धर्म का अपमान किया। मुस्लिमों एवं लेफ्ट लिबरल गैंग को सपोर्ट करने वाले केजरीवाल हिंदू धर्म का कभी आदर नहीं कर सकते यह बात सभी लोग जानते हैं। इससे पहले भी केजरीवाल ने हिंदू धर्म एवं प्रतीकों का अपमान किया है।

दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे मीडिया से बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान अचानक अरविन्द केजरीवाल गीता का प्रसिद्द श्लोक ‘ यदा यदा हि धर्मस्य ‘ बोलने की कोशिश करते हैं लेकिन दो शब्दों के बाद ही वे भूल जाते हैं। लेकिन केजरीवाल ने हार नहीं मानी और उन्होंने श्लोक भूलने के बाद उसका अर्थ बताया लेकिन उसे भी अपनी पार्टी के अनुरूप बदल दिया। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने (भगवान् श्री कृष्ण ) कहा है कि जब भी पृथ्वी पर कुछ गड़बड़ होती है फिर भगवान को अपनी झाड़ू चलानी पड़ती है। दरअसल केजरीवाल गीता के अध्याय 4 का श्लोक 7 और 8 कहना चाह रहे थे जो इस प्रकार है ‘ “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्। इस श्लोक में श्री कृष्ण कहते हैं “जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, विनाश का कार्य होता है और अधर्म आगे बढ़ता है, तब-तब मैं इस पृथ्वी पर आता हूं और इस पृथ्वी पर अवतार लेता हूं।

हिंदू धर्म का अपमान करने पर सोशल मीडिया पर लोग केजरीवाल की खिंचाई कर रहे हैं। आप भी देखिए-

केजरीवाल और उनके साथी कोई पहली बार हिंदू धर्म का अपमान नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी कई बार वे ऐसा कर चुके हैं। आइए इन घटनाओं पर नजर डालते हैं-

भजन में ताली बजाने वाले हिजड़े

आम आदमी पार्टी (AAP) के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया एक वीडियो में कह रहे हैं कि सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू है और भजन में ताली बजाने वाले हिजड़े की तरह हैं। अब जबकि गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, राम मंदिर और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल फिर से हिंदू बन गए हैं और इसी गोपाल इटालिया के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा और गले में रुद्राक्ष की माला पहन गुजरात में मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं।

कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का मजाक उड़ाया

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों विधानसभा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को झूठी फिल्म बताते हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का मजाक उड़ाया था। फिल्म का मजाक उड़ाने के साथ ही उन्होंने इसके दिल्ली में टैक्स फ्री करने से इनकार भी कर दिया था। मजाक उड़ाने के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा ठहाके लगाना जख्म पर नमक छिड़कने जैसा था। सोनम कपूर की फिल्म ‘निल बट्टे सन्नाटा’, भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘सांड की आंख’ और रणवीर सिंह की फिल्म 83 को टैक्स फ्री करने वाले केजरीवाल से जब दिल्ली में ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर से टैक्स हटा लेने की मांग की गई तो उन्होंने बेहद असंवेदनशील बयान देते हुए कहा कि “टैक्स फ्री क्यों करा रहे हो। इतना ही शौक है तो विवेक अग्निहोत्री को बोल दो यूट्यूब पर डाल देगा। सारी पिक्चर देख लेंगे… सारे जने देख लेंगे… टैक्स फ्री की क्या जरूरत है। कश्मीर से मुस्लिम अलगाववादियों के डर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की सच्ची कहानी पर बनी फिल्म को टैक्स करने को लेकर केजरीवाल की इस प्रतिक्रिया से लोगों में काफी गुस्सा है। India4Kashmir- I4K का कहना है कि नरसंहार को झूठा बताना कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक झटके की तरह है और इस नरसंहार के पीड़ितों का ये खुला अपमान है।

भगवान हनुमान को कराया बेदखल

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के लिए एक बड़ी योजना तैयार की। इस योजना के तहत काम शुरू हुआ और हनुमान मंदिर को अतिक्रमित घोषित कर 3 जनवरी, 2021 को तोड़ दिया गया। हनुमान भक्त केजरीवाल की सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर भगवान हनुमान को ही उनकी जगह से बेदखल कर दिया। मंदिर तोड़े जाने पर हिन्दू संगठनों ने अपना विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर तोड़े जाने के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बताया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि समय-समय पर घड़ियाली आंसू बहा कर मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त प्रदर्शित करते रहते हैं, लेकिन जब प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने की बारी आई तो वह पीछे हट गए। जब मुख्यमंत्री केजरीवाल जुलाई में चांदनी चौक प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने गए थे तब वहां के निगम पार्षद, सामाजिक संगठनों और बीजेपी नेताओं ने उन्हें प्राचीन हनुमान मंदिर को प्रोजेक्ट के नक्शे में समायोजित करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मंदिर समिति के लोगों और पुजारियों के हस्ताक्षर थे। लेकिन केजरीवाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

स्वस्तिक का किया अपमान

अरविंद केजरीवाल के हिन्दू विरोध कोई नया नहीं है। कुछ समय पहले उन्होंने हिंदुओं के शुभ प्रतीक चिन्ह स्वस्तिक का भी अपमान किया था। उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें एक प्रतीकात्मक चित्र में झाड़ू लिया हुआ व्यक्ति ‘स्वस्तिक’ चिह्न को खदेड़ कर भगा रहा है। हिन्दू संस्कृति में मांगलिक कार्यों में प्रयोग होने वाले स्वस्तिक का इस तरह का अपमान करने के बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी।

हनुमान जी को ‘दंगाई’ के रूप में चित्रित किया

केजरीवाल ने हनुमान जी का अपमान करते हुए उन्हें ‘दंगाई’ के रूप में चित्रित किया था। उन्होंने रामायण में वर्णित लंका दहन की दर्ज पर एक कार्टून शेयर किया था, जिसमें पूंछ वाला एक व्यक्ति आग लगा कर आ रहा है और पीएम मोदी से कह रहा है कि काम हो गया, अब सबका ध्यान JNU पर ही हैं।

राम मंदिर का किया अपमान

राजनीति के लिए अयोध्या का दौरा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपनी नानी की बात करते हुए राम मंदिर का भी अपमान किया था। अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।”

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