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खतरे में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी, चुनाव आयोग ने राज्यपाल से की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश, बढ़ी सियासी हलचल

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर सियासी संकट में फंस गए हैं। उनकी कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मुद्दे पर राज्यपाल रमेश बैस को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें हेमंत के खिलाफ पद का दुरुपयोग करते हुए खुद के नाम पर खनन पट्टा आवंटन मामले में सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है। उधर, झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है। हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है।

दरअसल बीजेपी ने खनन पट्टा आवंटन मामले में राज्यपाल रमेश बैस से शिकाय की थी। इसके बाद राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा था। इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच के बाद बंद लिफाफे में अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है।

बीजेपी ने 14 फरवरी, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने खुद को पत्थर खनन लीज आवंटित किया था। बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। क्योंकि राज्य की कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार हेमंत के पास ही है। हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान लीज पर लेने की शिकायत की गई थी। 

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। आरोप है कि हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा ली है। सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है।

हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने पर अटकलें लगाई जा रही है कि कल्पना सोरेन झारखंड की मुख्यमंत्री बन सकती हैं। अगर चुनाव आयोग केवल उनकी सदस्यता को समाप्त करता है तो सदस्यता जाने के बाद यूपीए एक बार फिर उन्हें विधायक दल का नेता चुन लेगा। इसके आधार पर हेमंत एक बार फिर से राज्य के सीएम चुन लिए जाएंगे। साथ ही 6 महीने के भीतर दोबारा से चुनाव जीत कर वे विधायक बन सकते हैं।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (24 अगस्त, 2022) को अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में झारखंड में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। रांची में एक घर से दो एके -47 राइफलें जब्त कीं थी, जो कथित तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी प्रेम प्रकाश के यहां से मिली। ये हथियार अवैध हैं या नहीं यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने इन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और मिश्रा के सहयोगी बच्चू यादव द्वारा ईडी को नई जानकारी देने के बाद छापेमारी की गई।

पंकज मिश्रा और बच्चू यादव लंबे समय से ईडी की हिरासत में हैं। ईडी ने पंकज मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों पर 8 जुलाई को पूरे झारखंड में 19 जगहों पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने मार्च में मिश्रा और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया था, जिसमें अवैध रूप से अपने पक्ष में बड़ी संपत्ति हड़पने या जमा करने का आरोप लगाया गया था।

 

 

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