Home कोरोना वायरस  कोरोना काल में दिन-रात दौड़ रही हैं राहत की ट्रेनें   

 कोरोना काल में दिन-रात दौड़ रही हैं राहत की ट्रेनें   

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लॉकडाउन के इस समय में यात्री ट्रेनें भले ही ठहरी हुई हों, लेकिन हजारों टन अनाज और खाने-पीने के जरूरी सामान लेकर मालगाड़ियां निरंतर दौड़ रही हैं। इसके साथ ही, रेलवे न सिर्फ हजारों लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहा है, बल्कि रेल गाड़ियों के हजारों कोच आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिए गए हैं। आइए, कोरोना टाइमलाइन में एक नजर डालते हैं, संकट से जूझ रहे देश और देशवासियों की सेवा में जुटे रेल मंत्रालय के कामकाज पर।        

7 जनवरी

चीन ने अपने देश में हो रही अज्ञात मौतों के कारण के तौर पर कोरोना वायरस की पहचान की। 

प्रधानमंत्री ने COVID-19 के संदर्भ में सभी संबंधित मंत्रियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

19 मार्च

राष्ट्र के नाम संबोधन में जनता कर्फ्यू की घोषणा- 19 मार्च को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक स्वैच्छिक ढंग से जनता कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया।

सभी ट्रेन सेवाओं को 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। मालगाड़ियां पहले की तरह चलती रहेंगी।

सभी प्रकार की मेट्रो ट्रेन सेवाओं को भी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

24 मार्च

राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने की 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा। देश भर की यात्री ट्रेनें बंद। चलती रहेंगी मालगाड़ियां।

29 मार्च

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए, उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई जीतेगा।

भारतीय रेल संकट के समय लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी में जुटा।

IRCTC के 13 बेस किचन को ऐसे वितरण के नोडल पॉइंट के रूप में चुना गया।

31 मार्च

रेलवे 20 हजार कोच को इस तरह से तैयार कर रहा है कि जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन के लिए उसमें 3.2 लाख बेड बनाए जा सकें।

1 अप्रैल

भारतीय रेल जरूरतमंदों के लिए बड़ी मात्रा में पके हुए भोजन, पेपर प्लेट और फूड पैकेट का इंतजाम कर रही है।        

2 अप्रैल

पिछले तीन दिनों में रेलवे ने अनाजों के 7195 वैगन, कोयले से भरे 64567 वैगन, स्टील से लदे 3314 वैगन और पेट्रोलियम पदार्थों के 3838 वैगन देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे।

पिछले तीन दिनों में कुल 143458 वैगन लोड किए गए।

3 अप्रैल

पीएम मोदी का वीडियो सन्देश

पीएम मोदी ने सुबह नौ बजे देशवासियों के साथ एक वीडियो सन्देश साझा करते हुए लोगों से 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल की टॉर्च जलाने का आह्वान किया।

आज कुल 69 रेल रैक्स लोड किए गए। लॉक डाउन के दौरान अब तक 13.36 LMT अनाज से भरे कुल 477 रैक्स विभिन्न इलाकों में भेजे गए।

1 अप्रैल तक भारतीय रेलवे ने 287704 मास्क और 25806 लीटर सेनेटाइजर का उत्पादन किया।

रेलवे ने 24 मार्च से 2 अप्रैल तक सामानों से भरे 4 लाख वैगन की ढुलाई और आपूर्ति की।

रेलवे ने 5000 आइसोलेशन बेड और करीब 11,000 क्वारंटाइन बेड की व्यवस्था की।

इसके अतिरिक्त 5000 कोचों में 80,000 बेड की आइसोलेशन-व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।

4 अप्रैल

प्रधानमंत्री ने GoM के साथ समीक्षा बैठक की।

 5 अप्रैल

पीएम मोदी के आह्वान पर कोरोना महामारी से लड़ने की इच्छाशक्ति के प्रतीक के रूप में देश भर के घर-घर में दीप-प्रज्वलन संपन्न हुआ।

12 अप्रैल

कोविड से लड़ने की तैयारियों के रूप में देश भर में एक लाख बेड की व्यवस्था पूरी कर ली गई।

14 अप्रैल

राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान किया। ।

कोविड की चुनौतियों के मद्देनजर और राज्यों के अनुरोध पर पीएम मोदी ने लॉकडाउन को आगामी 3 मई तक के लिए बढ़ाने का एलान किया।

मिशन मोड में काम करते हुए रेलवे मई 2020 तक एक लाख पीपीई के उत्पादन का काम पूरा कर लेगा।

लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे देश भर में कुल 65 रूटों पर ट्रेनें चला रहा है। 14 अप्रैल से अब तक कुल 507 मालगाड़ियों चलाई जा चुकी हैं।

18 अप्रैल

जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित होने वाले अनाजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के द्वारा पिछले साल के मुकाबले दोगुना अनाज ढोया गया। 25 मार्च से 17 अप्रैल तक 150 रेल रैक्स में 4.2 मिलियन टन अनाज ढोए गए।

19 अप्रैल

पूरे लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने देश भर में 1150 टन मेडिकल सामानों की आपूर्ति की।

20 अप्रैल

रेलवे ने अब तक देश के 300 स्थानों पर 20 लाख से ज्यादा खाने के निःशुल्क पैकेट बांटे। अपने संसाधनों से खाना पकाकर रेलवे रोजाना हजारों लोगों को भोजन करा रहा है।

22 अप्रैल

रेल मंत्रालय ने देश भर में रोजाना 2.6 लाख भोजन के पैकेट की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया। जरूरत पड़ने पर अगर ज्यादा भोजन की मांग हुई तो रेलवे उसे भी पूरा करने में सक्षम है। रेलवे ने भोजन का यह पैकेट सिर्फ 15 रुपये में उपलब्ध कराया है।

इसके अलावा रेलवे रोजाना हजारों पैकेज भोजन निःशुल्क वितरित कर रहा है।   

23 अप्रैल

22 अप्रैल को भारतीय रेल ने 112 रैक्स में 3.13 लाख टन अनाज की रिकॉर्ड लोडिंग की। रेलवे इस बात का खास ध्यान रख रहा है कि अनाज जैसे खाने-पीने के सामान सही वक्त पर देश भर के विभिन्न इलाकों में पहुंचाए जाएं।

27 अप्रैल

कोविड से जुड़े रेलवे इमरजेंसी सेल पर रोजाना लोगों के लगभग 13 हजार प्रश्न, अनुरोध या सलाह आ रहे हैं।

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