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पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने बनाया रिकॉर्ड, 2015-18 के बीच ऊर्चा क्षेत्र में निवेश वृद्धि में इंडिया टॉप पर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में हुए निवेश में रिकॉर्ड वृद्धि की है। वर्ष 2015 से 2018 के बीच भारत में एनर्जी सेक्टर में औसतन 7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में निवेश 12 प्रतिशत के रिकॉर्ट स्तर पर पहुंच गया। यह निवेश कोयला आपूर्ति, ऑयल एवं गैस, Renewable Power, Electricity Networks और Thermal Power के क्षेत्र में हुआ है। ऊर्जा क्षेत्र में हुए कुल निवेश के मामले में भारत चीन, अमेरिका और यूरोप के बाद चौथे नंबर पर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी की है। डालते हैं एक नजर-

मोदी राज में रौशन ऊर्जा सेक्टर: अक्षय ऊर्जा क्षमता 80 गीगावॉट के पार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऊर्जा सेक्टर को रौशन कर दिया है। 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री मोदी के पहली बार देश की बागडोर संभालने के समय बिजली की हालत बहुत ही खराब थी, लेकिन देश अब बिजली निर्यात भी करने लगा है। उर्जा क्षेत्र में इस कायापलट के पीछे उन योजनाओं के क्रियान्यवन में बेहतर तालमेल रहा है जिसे मोदी सरकार ने लागू किया है। मंगलवार को संसद में बताया गया कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 80 गीगावॉट के स्तर को पार कर गई है। बिजली मंत्री आरके सिंह ने राज्य सभा में एक लिखित जवाब में कहा, “30 जून, 2019 तक देश में कुल 80.46 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल की गई है, जिसमें 29.55 गीगावॉट सौर ऊर्जा और 36.37 गीगावॉट पवन ऊर्जा शामिल है।” मोदी सरकार ने साल 2022 तक 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रगति की नियमित रूप से निगरानी भी की जा रही है।

2030 तक सौर उर्जा से बदल जाएगी देश की तकदीर
जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए भी मोदी सरकार कदम उठा रही है। ताकि ऊर्जा की जरूरतें भी पूरी हों और प्रकृति का संरक्षण भी साथ-साथ जारी रहे। माना जा रहा है LED बल्ब का इस्तेमाल इस दिशा में अपने-आप में बहुत बड़ा कदम है। इसके प्रयोग से सालाना 8 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है। इसके साथ-साथ 4 हजार करोड़ रुपये की सालाना बिजली की बचत भी होगी। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा पर भी जोर दे रही है। सबसे बड़ी बात है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार 2030 तक देश के सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल देने का लक्ष्य लेकर काम में जुटी है। इससे सालाना 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक fossil fuels (जीवाश्म ईंधन) की बचत होगी। सरकार की ओर से कराए गए एक रिसर्च के अनुसार 2030 तक राजस्थान की केवल एक प्रतिशत भूमि से पैदा हुई सौर ऊर्जा से देशभर के सभी वाहनों के लिए पर्याप्त ईंधन का इंतजाम हो सकता है।

परमाणु बिजली उत्पादन में भी आत्मनिर्भरता
मोदी सरकार ने 10 नए Pressurized Heavy-Water Reactors (PHWR) के निर्माण का फैसला किया है। सबसे बड़ी बात ये है कि ये काम अपने वैज्ञानिक करेंगे और कोई भी विदेशी मदद नहीं ली जाएगी। इन दस नए स्वदेशी न्यूक्लियर पावर प्लांट से 7,000 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी। इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा कि भारत भी विश्व के अन्य देशों को Pressurized Heavy-Water Reactors की तकनीक देने वाला देश बन जायेगा, जो मेक इन इंडिया योजना को बहुत अधिक सशक्त करेगा। इसके अतिरिक्त 2021-22 तक 6,700 मेगावाट परमाणु ऊर्जा पैदा करने के लिए अन्य न्यूक्लियर पावर प्लांट के निर्माण का भी काम चल रहा है।

मोदी सरकार में जरूरत से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता
बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस वक्त बिजली उत्पादन क्षमता हमारी जरूरत से अधिक है। इंटरस्टेट ग्रिड में भी एक लाख से अधिक सर्किट किमी की लाइन जोड़ी गई है। ताकि, एक राज्य से दूसरे राज्य में बिजली को लाना और ले जाना आसान हो।

सफल हुई पीएम मोदी की ‘एक ग्रिड-एक देश’ की योजना
बिजली मंत्री आरके सिंह का कहना है कि हम देश को एक ग्रिड में पिरोने में सफल रहे हैं। हम पूरे देश में कहीं और कहीं से भी बिजली को ला और ले जा सकते हैं। कश्मीर में पैदा होने वाली हाईड्रो पावर को कन्याकुमारी भेज सकते हैं। इस वक्त हम कच्छ में सौर या पवन उर्जा पैदा करे और उसका इस्तेमाल अरुणाचल प्रदेश में कर सकते हैं। क्योंकि, पूरा देश एक ग्रिड से जुड़ चुका है। हमारे पास बिजली को लाने और ले जाने के लिए मजबूत नेटवर्क है। जहां 2014-15 से 2018-19 तक 1,11,433 सीकेएम संचरण ग्रिड का विस्तार हुआ, वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में 11,799 सीकेएम जोड़ा गया।

‘सौभाग्य’ योजना के तहत हर घर रौशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत की। योजना की शुरूआत से लेकर अब तक 2, 62,84, 577 घरों को रोशन किया जा चुका है। इस तरह पूरे देश में कुल 21 करोड़ 44 लाख से अधिक घरों में बिजली पहुंच चुकी है। ‘सौभाग्य’ योजना का फायदा उन लोगों को मिल रहा है, जो पैसों की कमी के चलते अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं ले पाए हैं। इसके तहत गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है।

मोदी राज में भारत के हर गांव को मिली अंधेरे से आजादी
28 अप्रैल,2018 की शाम 5.30 बजे जब मणिपुर के लाइसंग गांव में बिजली पहुंची तो इसके साथ ही मोदी सरकार ने इतिहास रच दिया। देश के प्रत्येक गांव तक बिजली पहुंचाने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना पूरा हो गया, वो भी तय समय से पहले। इस उपलब्धि का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘28 अप्रैल 2018 को भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। कल हमने एक वादा पूरा किया, जिससे भारतीयों के जीवन में हमेशा के लिए बदलाव आएगा। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि अब भारत के हर गांव में बिजली सुलभ होगी।’

सस्ती सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत निकला सबसे आगे
भारत सबसे सस्ती सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाला देश बन गया है, एक सर्वे में यह बात सामने आई है। देश में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। जहां कुछ सालों पहले बहुत कम लोगों को सौर ऊर्जा के बारे में जानकारी थी, वहीं पीएम मोदी के प्रयासों के चलते अब काफी लोग सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के प्रति सजग हो पाए हैं और अब देश भर में गांवों से शहरों तक में सौर ऊर्जा के प्रयोग में बढ़ोत्तरी हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के सर्वे के मुताबिक भारत पूरे विश्व में सबसे सस्ती सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश बन गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत का यह नया कीर्तिमान है।

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यूएन पर्यावरण प्रमुख ने सौर ऊर्जा प्रोत्साहन के लिए की भारत की तारीफ
संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण प्रमुख ने हाल ही में सौर ऊर्जा प्रोत्साहन के लिए भारत की तारीफ की। अपनी ऊर्जा जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा करने और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहिम ने कहा कि वर्ष 2017 मानव इतिहास में पहला वर्ष है जब दुनिया में सूर्य के माध्यम से उत्पादित बिजली तेल, गैस और कोयले से कुल मिला कर उत्पादित बिजली से अधिक रही।

सौर ऊर्जा से चलने वाला पहला हवाई अड्डा
एरिक ने कहा दक्षिण भारत में दुनिया का ऐसा पहला हवाई अड्डा है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से चल रहा है। केरल का कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी से सौर ऊर्जा से चलने वाला पहला हवाई अड्डा है। पर्यावरण प्रमुख ने कहा कि सौर ऊर्जा की बदौलत भारत के कुछ दक्षिणी राज्य दुनिया में तेज आर्थिक विकास कर रहे हैं। 

पर्यावरण प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया जलवायु परिवर्तन से निपटने में अग्रदूत
इसके पहले एरिक सोलहेम ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें जलवायु परिवर्तन से निपटने में अग्रदूत बताया था। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रमुख ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी एक वैश्विक नेता है। उन्होंने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ दृढ़ कार्रवाई कर भारत को वैश्विक रूप से अग्रणी देशों में से एक बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता अभियान की मेजबानी कर भारत ने विश्व पर्यावरण दिवस का नेतृत्व भी किया था। 

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