Home विचार जम्मू-कश्मीर कैसे बनेगा ” धरती का स्वर्ग”

जम्मू-कश्मीर कैसे बनेगा ” धरती का स्वर्ग”

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हर भारतवासी के लिए 15 अगस्त के साथ अब 06 अगस्त भी एक यादगार तारीख बन गयी है। इसी तारीख को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसले से संविधान के अनुच्छेद  370 को शक्ति हीन कर दिया। इस एक निर्णय ने जम्मू-कश्मीर और भारत के रिश्ते को एक नया रूप  ही नहीं दिया बल्कि भारत को देखने का विश्व के नजरिये में बदलाव आ गया। इस ऐतिहासिक फैसले ने भारत को बार-बार पाकिस्तान से जोड़कर देखे जाने की वैश्विक सामरिक रणनीति से भी आजाद कर दिया। अब, भारत को पाकिस्तान के साथ उलझाने की चीन की रणनीति भी औंधें मुंह गिर पड़ी है, प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णय से तय कर दिया है कि 21वीं सदी एशिया की होगी लेकिन अकेला चीन ही दावेदार नहीं होगा, भारत भी अब सीना तान करके, पूर्ण आत्मविश्वास के साथ खड़ा हो गया है। भारत के इस नये आत्मविश्वास की शक्ति से जम्मू-कश्मीर में केसर का रंग देश में ही नहीं पूरे विश्व पर छा जाएगा। आइये, आपको बताते हैं कि यह राज्य ” धरती का स्वर्ग” एक बार फिर कैसे बनेगा-

जम्मू-कश्मीर को मिली राजनीतिक पहचान –
आर्टिकल 370 ने जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पहचान को छीन लिया था। राज्य हमेशा एक अनिश्चित भविष्य के खौफ में जी रहा था। लोगों के जीवन में सुख, चैन और निश्चितता खत्म हो चुकी थी, बस सभी जीवन जैसे तैसे जी रहे थे। ऐसे अनिश्चित भविष्य के खौफ के साये में आतंकवाद और अलगाववाद को ही बढ़ावा मिल रहा था। अनुच्छेद 370 के शक्तिहीन बनने से राज्य में फैले आतंकवाद और आलगाववाद की शक्तियां एक ही झटके में शक्तिविहिन हो चुकी हैं। अब जम्मू कश्मीर के लोगों को एक राजनीतिक पहचान मिली है जिससे उनकी सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान फिर से पूरी दुनिया में खुशबू फैलाएगी।

जम्मू-कश्मीर में सभी कानून लागू होगें-
संविधान की अनुच्छेद 370 ने राज्य में सरकारों को एक ऐसा कवच दिया था कि वे मनमानी ढंग और तरीकों से कानून लागू करती थीं क्योंकि इस धारा के तहत उनका अपना एक अलग  संविधान था। गरीब और मध्यम वर्ग को आवास, रोजगार, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी, खेती, व्यापार, बैंकिंग आदि की सुविधाऐं देने वाली केंद्रीय योजनाओं  को राज्य सरकारें आधे अधूरे तरीके से लागू करतीं थी। ऐसे कुल 100 कानून थे जो देश के अन्य राज्यों में लागू तो होते थे लेकिन धारा 370 के कारण वे जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे। अब धारा 370 के हटने के बाद सभी कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू हो गए हैं। अब सभी केंद्रीय योजनाऐं, केन्द्र सरकार की निगरानी में लागू होंगी, जिसका सीधा फायदा राजनीतिक नेताओं को न मिलकर आम जनता को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के गरीब और मध्यम वर्ग को आवास, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, खेती, व्यापार , बैंकिंग आदि की सुविधा जमीन पर मिलना शुरू होगी तो क्या जम्मू कश्मीर को स्वर्ग बनने से कोई रोक सकता है।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने वाला जनता का पैसा, विकास में लगेगा-
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं ने अनुच्छेद 370 का जमकर फायदा उठाया। अलगाववादियो से लेकर राजनीति की मुख्यधारा के नेताओं  ने पिछले 70 सालों तक इसके आधार पर अपनी सत्ता बनाए रखने का काम किया।  पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस जैसी पार्टियों पर दबदबा रखने वाले मुफ्ती परिवार और अब्दुल्ला परिवार ने भारत से मिलने वाले धन का उपयोग व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए किया। महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के वीआईपी इलाके गुपकार रोड पर एकड़ों की भूमि पर फैले मकान को अपने मनपसंद का बनाने के लिए सरकारी खजाने का 50 करोड़ रुपया खर्च किया। इसी तरह फारुख अब्दुल्ला ने  पैतृक मकान को अपने मनपसंद का बनाने के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया। अपने पिता फारुख अब्दुल्ला के मकान से कुछ ही दूर पर अलग मकान में रह रहे उमर अब्दुल्ला ने अपनी पसंद से मकान को सजाने के लिए सरकार के खजाने का उपयोग किया। ये कुछ जानकारियां हैं, जो हमारे सामने हैं, ऐसे कई भ्रष्टाचार के मामले होगें जो हमारे सामने अभी तक नहीं आ सके हैं, वे भी देर सवेर सामने तो आ ही जाएंगे, लेकिन एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि राज्य के नेताओं की जमात लालची और जनता के धन को अपने पर खर्च करने वाली जमात है। केन्द्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद से इन नेताओं का सारा धंधा बंद हो जाएगा औऱ राज्य की जनता के हित के लिए काम होना शुरू हो जाएगा।

जम्मू कश्मीर में व्यापार और उद्योग बढ़ेगा
अनुच्छेद -370 ने जम्मू कश्मीर को पूरे देश की विकास धारा से अलग थलग कर दिया था। जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों से लोग पहुंचकर व्यापार या उद्योग धंधे नहीं लगा सकते थे और न ही इस राज्य से लोग देश के अन्य राज्यों में व्यापार या उद्योग धंधे करने को इच्छुक होते। मामला ऐसा उलझ चुका था कि युवा, रोजगार और शिक्षा के अभाव में आतंकवाद और अलगाववाद के रास्ते पर चल पड़े थे । कांग्रेस की सरकारों का अनुच्छेद -370 को न हटाने की जिद्द से राज्य के युवाओं की कई पीढ़ियाँ आतंकवाद और अलगाव वाद के अंधे कुंऐं में पहुंच चुकी थीं। अनुच्छेद -370 के हटने से राज्य में व्यापार और उद्योग धंधे को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के युवा सच्चे अर्थों में कश्मीरियत के वाहक बनेंगे।

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