दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के दौरान एक नारा खूब चर्चित हुआ था, वो था- देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा इस नारे के इस्तेमाल के बाद इस पर खूब सियासत हुई और इस नारे का विरोध किया जाने लगा। विरोध करने वालों में कांग्रेस भी शामिल थी। हालांकि कांग्रेस की आदत है कि वो अपने दागदार अतीत को जल्द भूल जाती है और दूसरों को नसीहत देने लगती है। लेकिन अतीत में किए गए उसके गुनाह उसका पीछा नहीं छोड़ते हैं। समय समय पर उभरकर सामने आते रहते हैं। सोशल मीडिया पर एक बहुत पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जो कांग्रेस को आईना दिखाते नजर आ रहा है। इस वीडियो से पता चलता है कि ‘गोली मारो सालों को’ के नारे का जन्मदाता कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस है।
Congress used to raise ‘Goli Maaro’ slogans..
Now Congress has issue when it’s raised against Desh ke Gaddars.
pic.twitter.com/7urHMV8p5Z— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 28, 2022
“राजीव के हत्यारों को, गोली मारो सालों को”
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो मई 1991 का है, जब राजीव गांधी की हत्या हुई थी। राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की मनहूस रात को तमिलनाडु में एक बम धमाके में हत्या कर दी गई थी। उनकी अंत्येष्टि 24 मई, 1991 को हुई थी। उनकी अंतिम यात्रा तीन मूर्ति से राजधानी के मुख्य मार्गों से होते हुए राजघाट के पास वीर भूमि जा रही थी। काफी तादाद में लोग अंतिम विदाई देने के लिए इस यात्रा में शामिल हुए थे। तब सड़कों पर लाखों लोग खड़े थे। इस दौरान राजपथ पर एक नारा गूंज रहा था – “राजीव के हत्यारों को, गोली मारो सालों को”। अंतिम यात्रा में शामिल कांग्रेसियों ने खूब इस नारे का इस्तेमाल किया।
Congress killed innocent Brahmins because godse was Brahmin
Congress killed innocent Sikhs because IG’s killers were Sikhs
They never followed mohandas’s idea of nonviolence but they want the world to believe that Brits left because of mohandas’s non violence— Deshmukh saheb?? (नविन सरकार वाले) (@140tude) August 28, 2022
“देश के गद्दारों को, गोली मारो सालो को”
इसके बाद यह नारा थोड़े बदलाव के साथ 2016 में चर्चा में आया, जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में टुकड़े-टुकड़े गैंग ने देश विरोधी नारे लगाए थे। संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु की बरसी पर तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष और वर्तमान में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में जेएनयू कैंपस में छात्रों ने कश्मीर मांगे आजादी, पंजाब बोला आजादी, यूपी बोला आजादी, अरुणाचल बोला आजादी और दिल्ली बोली आजादी के देश विरोधी नारे लगाये थे। इसके अलावा कन्हैया कुमार की अगवानी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगे थे। इसके जवाब में एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने नारा लगाया था- देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को। इसके बाद यह नारा दूसरी यूनिवर्सिटी में भी सुनाई देने लगा।
यूनिवर्सिटी कैम्पस से निकलकर राजनीतिक गलियारे में पहुंचा नारा
यह नारा विश्वविद्यालय के कैम्पस से निकलकर राजनीति के गलियारे और सड़क पर पहुंच गया। 14 फरवरी, 2019 को जब पुलवामा हमला हुआ तो उस पर गुस्सा जताते हुए तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर इस नारे का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, फेसबुक पर कई ऐसे वीडियो भी मौजूद हैं जिनमें पुलवामा हमले पर आक्रोश दिखाने के लिए निकाली गई रैलियों में इस नारे का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद दिसंबर 2019 में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने इसका इस्तेमाल किया। सीएए-एनआरसी के समर्थन में निकाली गई एक रैली में कपिल मिश्रा दिल्ली की सड़कों पर यह नारा लगाते हुए नज़र आए थे।
देश के ‘गद्दारों’ को गोली मारने की बात से कांग्रेस परेशान
दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के लिए सभी पार्टियां प्रचार करने में जुटी हुई थीं। इसी बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर रिठाला विधानसभा में उम्मीदवार मनीष चौधरी के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। इस रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में अनुराग ठाकुर मंच से नारे बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ‘देश के गद्दारों को…। जिसके बाद मंच के नीचे मौजूद लोग ‘गोली मारो…’ बोलते हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की रैली के इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा। ‘ऑल इंडिया महिला कांग्रेस’ ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण करने के लिए बीजेपी बेकरार है। महिला कांग्रेस ने पूछा है कि क्या चुनाव आयोग अनुराग ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करेगा?
BJP’s desperate attempt to polarise delhi elections
@ianuragthakur campaigning in Delhi today. “ देश के ग़द्दारों को , गोली मारो सालों को। “
Will @ECISVEEP take any action for this open call for violence#AnuragThakur pic.twitter.com/Tsu60vpLNw
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) January 27, 2020
देश विरोधी ताकतों को कांग्रेस का संरक्षण
महिला कांग्रेस को 1991 में राजीव गांधी की अंतिम यात्रा और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे की याद नहीं आई। इसलिए कांग्रेस को यह नारा विवादित और हिंसा फैलाने वाला लगा। राजीव गांधी की अंतिम यात्रा में ‘हत्यारों’ को गोली मारने के बात हो रही थी। वहीं अनुराग ठाकुर के नारे में ‘गद्दारों’ को गोली मारने की बात थी। लेकिन कांग्रेस को ‘गद्दारों’ को गोली मारने की बात से परेशानी होती है, क्योंकि कांग्रेस देश विरोधी ताकतों को संरक्षण देती रही है। इसका प्रमाण जेएनयू के कन्हैया जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग को संरक्षण देना है।