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दिल्ली में केजरीवाल सरकार की मनमानी और गड़बड़झाला, सीएम के हस्ताक्षर के बिना एलजी के पास भेजी जा रही हैं फाइलें, सांविधानिक प्रक्रिया का जानबूझकर उल्लंघन

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। केजरीवाल दूसरे राज्यों में रेवड़ी बांटने में व्यस्त है। इसलिए दिल्ली सरकार का कामकाज देखने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके पास समय नहीं है। एलजी कार्यालय ने मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को बताया कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बिना ही फाइलें उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास मंजूरी के लिए भेजी जा रही हैं। इस पर उपराज्यपाल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जतायी है। साथ ही दिल्ली सरकार की पूरी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है।

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीएम केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा है कि मेरे पास जो भी फाइलें आपके ऑफिस से आ रही हैं, उन पर आपके हस्ताक्षर नहीं हैं। उस पर कनिष्ठ अधिकारियों की टिप्पणियां लिखी होती हैं कि सीएम ने देख लिया है और प्रपोजल को अप्रूव कर दिया है।हालांकि, उस पर आपके भी साइन होने चाहिए। मुख्यमंत्री दफ्तर से प्रस्ताव बिना सीएम केजरीवाल के दस्तखत के आ रहे हैं, ये कभी स्पष्ट नहीं हो पाता है कि मुख्यमंत्री द्वारा असल में वो प्रस्ताव देखे भी गए हैं या नहीं। इससे स्थिति स्पष्ट नहीं होने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसलिए सीएम के हस्ताक्षर के साथ ही कोई प्रस्ताव भेजा जाए।

एलजी ने नियमों का हवाला देते हुए लिखा कि कार्यालय प्रक्रिया नियमावली, 2022 के पैरा 7.11 (iv) की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें प्रावधान है कि ‘दुर्लभ और अत्यावश्यक मामलों में’ जब मंत्री दौरे पर होते हैं/बीमार होते हैं और उनकी स्वीकृति लेनी होती है। टेलीफोन पर, मंत्री के निर्णय को उनके निजी सचिव द्वारा लिखित रूप में सूचित किया जाएगा। ऐसे मामलों में मंत्री के मुख्यालय में लौटने/फिर से कार्यभार ग्रहण करने पर पुष्टिकरण ऑनफाइल प्राप्त किया जाएगा। एलजी ने फाइलों की निर्बाध आवाजाही को सक्षम बनाने के लिए सीएमओ को जल्द से जल्द ई-ऑफिस प्रणाली शुरू करने की सलाह दी।

गौरतलब है कि एलजी कार्यालय को भेजी जा रही फाइल शहर के प्रशासन और शासन के साथ ही “अत्यंत संवेदनशील” मामलों से संबंधित होती हैं। एलजी वीके सक्सेना ने इस महीने के शुरू में ही दिल्ली कैबिनेट की पूरी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। एलजी सक्सेना ने केजरीवाल सरकार पर निर्धारित सांविधानिक प्रक्रिया का जानबूझकर उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मसले पर गौर करने को कहा था। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार नियम, 1993 के निर्धारित वैधानिक प्रावधानों का अक्षरश: पालन कराने के लिए भी कहा था।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद और पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उपराज्यपाल को ट्वीट करके लिखा है, ”सीएम अरविंद केजरीवाल न केवल खुद को एक पोर्टफोलियो से दूर रखते हैं, बल्कि भ्रष्टाचार और गबन के लिए अवैध फैसलों से खुद को बचाने के लिए सीएम के रूप में फाइलों पर हस्ताक्षर भी नहीं करते हैं। वाह.. एलजी सर की इस चिट्ठी से दूध का दूध और शराब का शराब होना शुरू हो गया है।”

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