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दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित : 2013 में केजरीवाल ने कहा- कमांडो फोर्स बनाएंगे, अब कह रहे LG और केंद्र जरूरी कदम उठाए, बेशर्मी की हद देखिए

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सस्ती लोकप्रियता के लिए बसों में महिलाओं की यात्रा को तो फ्री कर दिया लेकिन ठोस नीतिगत फैसले नहीं लिए जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चत हो सके। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल ने वर्ष 2013 में कहा था कि अगर वह सरकार बनाते हैं तो स्पेशल कमांडो फोर्स बनाएंगे। लेकिन 9 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज केजरीवाल को इस स्पेशल कमांडो फोर्स बनाने की याद ही नहीं आई। अब जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में यह सामने आया है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में दिल्ली देश का सबसे असुरक्षित शहर है तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से साफ पल्ला झाड़ लिया और केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से जरूरी कदम उठाने की अपील है। दिल्ली में शराब की एक बोतल पर एक फ्री की योजना लाने वाले केजरीवाल के झूठे वादों और इरादों की हकीकत यह है कि जब काम करने की बात आए तो जिम्मेदारी दूसरे पर डाल दो। बेशर्मी की हद देखिए कि अब स्पेशल कमांडो फोर्स बनाने की चर्चा तक नहीं हो रही है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा के मामले में दिल्ली देश का सबसे असुरक्षित शहर है। दिल्ली में हर रोज दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म होता है। दिल्ली में 2021 में महिलाओं से जुड़े 13892 आपराधिक मामले सामने आए हैं। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। 2020 में महिलाओं के साथ 9782 आपराधिक मामले सामने आए थे। यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है कि पूरे देश में महिलाएं दिल्ली में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सभी 19 महानगरों की श्रेणी में कुल अपराधों का 32.20 प्रतिशत हैं। दिल्ली के बाद वित्तीय राजधानी मुंबई थी, जहां ऐसे 5,543 मामले और बेंगलुरु में 3,127 मामले आए थे। मुंबई और बेंगलुरु का 19 शहरों में हुए अपराध के कुल मामलों में क्रमश: 12.76 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत का योगदान है। बीस लाख से ज्यादा आबादी वाले अन्य महानगरीय शहरों की तुलना में 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण (3948), पतियों द्वारा क्रूरता (4674) और बालिकाओं से बलात्कार (833) से संबंधित श्रेणियों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में दिल्ली में हर दिन औसतन दो लड़कियों से बलात्कार हुआ। एनसीआरबी ने कहा कि बालिकाओं के मामले में 2021 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत 1,357 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में बच्चियों से बलात्कार के 833 मामले दर्ज किए गए, जो महानगरों में सबसे ज्यादा हैं। साइबर अपराधों को अंजाम देने का मकसद धोखाधड़ी, यौन शोषण और जबरन वसूली करना था. शिकायत करने वालों में ज्यादातर 12 से 17 साल की उम्र की नाबालिग लड़कियां थीं। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) के.पी.एस. मल्होत्रा ने कहा, कोविड-19 (वैश्विक महामारी) के बाद से हम ऑनलाइन मामले ज्यादा दर्ज कर रहे हैं। हमने वित्तीय धोखाधड़ी और यौन शोषण के मामलों में वृद्धि देखी है।

 

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