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प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका को दिखाया पाकिस्तान का असली चेहरा, सारी दुनिया के आतंकवाद का एक ही स्रोत

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकवाद को लेकर बहुत सख्त है। पाकिस्तान न केवल हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया में फैले ‘इस्लामिक आतंकवाद’ का आका बना हुआ है। पाकिस्तान दुनिया के सामने सफाई देता फिरता है कि आतंकवादी उसके बस से बाहर हैं, वो ‘नॉन स्टेट एक्टर’ हैं लेकिन ऐसा क्यों होता है कि दुनिया में जब भी कोई आतंकवादी हरकत होती है, उसका कोई न कोई तार पाकिस्तान से जुड़ ही जाता है। 

सिंगापुर में आयोजित फिनटेक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस को पाकिस्तान की यही हकीकत दिखाई। उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि विश्व भर में हुए आतंकवादी हमलों के सभी सुराग किसी न किसी प्रकार से एक ही तार और एक ही स्थान से जुड़े होने की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने इशारों में पड़ोसी देश के चुनाव में ‘जमात-उद-दावा’ के सक्रिय रूप से शामिल होने का जिक्र किया और कहा कि मुंबई हमले में शामिल लोगों को पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव में एक राजनीतिक प्रक्रिया में मुख्यधारा में लाना, केवल भारत और अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का कारण होना चाहिए। ‘जमात-उद-दावा’ मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का संगठन है। इसे भी लश्कर का मुखौटा माना जाता है।

हाल ही में संपन्न पाकिस्तान के चुनाव में बेहद दुर्दांत आतंकवादी सरगना भी खडे़ हुए थे। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने आतंकवादी सरगना हाफिज सईद के ‘जमात-उद-दावा’ और ‘फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन’ को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर कर दिया है। मोदी-माइक पेंस की बातचीत के बारे में भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच इस बात पर अच्छी सहमति बनी है कि आंतकवाद निरोधक सहयोग को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जाए। साथ ही दोनों देशों ने यह भी माना कि ये एक चुनौती है जिसके खिलाफ हमें एक साथ तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर लड़ना है।’

इस मुलाकात में अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी 26/11 के मुंबई हमले का जिक्र किया। इस हमले में पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादी शामिल थे। हमले में करीब 164 बेगुनाहों की मौत हो गई थी। सुरक्षाबलों ने 10 में से 9 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। इनमें से केवल एक आतकंवादी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था। उसे कोर्ट ने हमले के 6 साल बाद फांसी की सजा सुनाई थी।

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