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मोदी सरकार का फैसला- कभी नहीं होगी बंद जनधन योजना, ओवरड्राफ्ट-बीमा हुआ दोगुना

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जनधन योजना ने गरीब लोगों के जीवन में एक क्रांति ला दी है। प्रधानमंत्री जनधन योजना का उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। लोगों को बैंक खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) को हमेशा खुली रहने वाली योजना बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही योजना में कुछ और प्रोत्साहन जोड़ने का भी फैसला किया गया है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना की भारी सफलता को देखते हुए सरकार ने इस योजना को हमेशा खुली रखने का फैसला किया है। योजना अनिश्चित काल तक खुली रहेगी। पीएमजेडीवाई को अगस्त, 2014 में शुरू किया गया था। तब योजना को चार साल के खोला गया था। आम जनता को बैंकों से जोड़ने और उन्हें बीमा और पेंशन जैसी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इसकी शुरुआत की गई।

ओवरड्राफ्ट-बीमा दोगुना
वित्त मंत्री ने कहा कि जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए होगा। उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगा और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।

32.41 करोड़ खाते खोले
अरुण जेटली ने कहा कि योजना के तहत अब तक 32.41 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं और इनमें अब तक 81,200 करोड़ रुपये की राशि जमा है। जनधन खाते खोलने वालों में 53 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि इनमें 83 प्रतिशत खाते आधार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 59 प्रतिशत बैंक खाते ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं और 24.4 करोड़ लोगों के पास रुपे कार्ड है।

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