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बिहार में नीतीश सरकार से मुआवजा मांगा तो मिली लाठियां, बक्सर पावर प्लांट के बाहर किसानों पर पुलिस का लाठीचार्ज, गुस्साई भीड़ ने फूंक दीं गाड़ियां

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बिहार में नीतीश बाबू की सरकार सिर्फ लोगों के जख्मों पर नमक ही छिड़कने का काम कर रही है। कुछ दिन पहले ही ड्राई स्टेट बिहार में जहरीली शराब के कई लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि सरकार शराब पीने वालों को मुआवजा क्यों दे !! अब बिहार के ही बक्सर में अपनी ही जमीन का मुआवजा मांगने के लिए दो माह से अनशन पर बैठे किसानों की मांग पूरी करने के बजाए नीतीश सरकार की पुलिस ने किसानों पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस की निर्मम कार्रवाई के किसान भी आक्रोशित हो गए और चौसा पावर प्लांट पर धावा बोल दिया। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए फायरिंग की तो किसान और भड़क गए और उन्होंने कुछ गाड़ियों में आगजनी कर दी।पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण का वाजिब मुआवजा न मिलने से किसान नाराज
बिहार के बक्सर जिले में थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसान व ग्रामीण पिछले 2 महीने से से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे थे। किसानों और स्थानीय लोगों को मांग नियमानुसार मुआवजा देने की थी, लेकिन सरकार और पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी उन्हें कम मुआवजा दे रही थी। इससे किसानों में सरकार के खिलाफ रोष था, लेकिन यह तब और उग्र हो गया जबकि बिहार सरकार की पुलिस ने रात के समय घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों पर लाठी बरसाई। इस लाठीचार्ज में कई महिलाएं और बच्चे भी घायल होने की खबर है। इस लाठीचार्ज से नाराज किसान और अधिक आक्रोशित हैं।आधी रात में बिहार के पुलिस कर्मियों ने घर में घुसकर महिलाओं पर ढाया जुल्म
बक्सर के मुफस्सिल थाने के चौसा में बनारपुर गांव के पास थर्मल पावर प्लांट लग रहा है। किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है, इसका विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। मंगलवार रात 11:30 में गांव में पुलिस पहुंची। घर में सो रहे किसानों के दरवाजे को जोर-जोर से पीटने लगी। कुछ किसानों ने तो अपना दरवाजा ही नहीं खोला, लेकिन जिन किसानों ने अपना दरवाजा खोला, उन पर पुलिस टूट पड़ी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान महिलाओं और बच्चों को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस नरेंद्र तिवारी के साथ चार लोगों को गिरफ्तार कर के ले गई है।लाठीचार्ज से नाराज ग्रामीणों और पुलिस के बीच कई बार हुई झड़प, पुलिस ने की फायरिंग
बिहार के बक्सर में जमीन मुआवजे को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों और किसानों ने चौसा पावर प्लांट पर हमला बोल दिया है। इस क्रम में पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं। पुलिस और ग्रामीण बुधवार सुबह लाठी-डंडे लेकर एक-दूसरे के सामने आ गए। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया तो वे भी पावर प्लांट पर टूट पड़े। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी। प्लांट के गेट पर भी आगजनी की गई। पुलिस ने हवाई फायरिंग करके भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी होती रही। ग्रामीण हटने के लिए तैयार नहीं हुए तो भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। गौरतलब है कि जिला भू-अर्जन कार्यालय के अनुसार चौसा क्षेत्र के चौदह गांवों के मौजे के 137.0077 एकड़ जमीन पर रेल कॉरिडोर बनना है। इसके लिए 55.445 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जाएगी। इसमें कई गांव के मौजे के तहत कुल 309 किसानों की भूमि की अधिसूचना निकाली गई है।किसानों ने प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगाया, 13 गाड़ियां जलाईं, डीएम मौके पर
किसानों का 85 दिन से शांतिपूर्वक चल रहा विरोध प्रदर्शन पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के कारण उग्र हो गया। किसानों ने प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए। उस समय पुलिस ने कुछ नहीं किया, लेकिन रात को पुलिस ने बनारपुर गांव में घुसकर मारपीट की। चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहां मौजूद एक शख्स ने घटना का वीडियो बना लिया। पुलिस की ज्यादती के विरोध में बुधवार सुबह लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर प्लांट पर पहुंच गए और हमला कर दिया। मौके पर DM, SDM और DSP समेत जिले के थानों की फोर्स पहुंच गई है। इस मामले में अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। भीड़ ने पुलिस की दो वज्र वाहन, तीन बाइक, कंपनी की तीन बसें, 3 अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस और क्रेन में आग लगा दी।प्लांट में होगा 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन, 2019 में रखी थी आधारशिला
गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने 1320 मेगावाट के इस प्लांट की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी थी। ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपए है। इसे SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) बना रही है। अभी तक 75% काम पूरा हो गया है। इस प्लांट से 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। करार के अनुसार संयंत्र से उत्पादित बिजली का 85% बिहार को दिया जाएगा। बक्सर के चौसा में एसजेवीएन के पॉवर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण पहले ही किया गया था। कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की करवाई शुरू की तो किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांग कर रहे हैं। जबकि कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण करने पर अड़ी है।

 

 

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