कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी की मंगलवार (31 अगस्त, 2021) को पहली पुण्यतिथि थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने भी पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया। लेकिन जिस तरह से गांधी परिवार ने चुप्पी साधी, वैसी किसी को उम्मीद नहीं थी। प्रणब मुखर्जी की पहली पुण्यतिथि पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ओर से कोई ट्वीट तक नहीं किया गया। इसको लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर हैरानी जतायी। साथ ही उन्हें पुण्यतिथि याद रखने की नसीहत भी दी।
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली पुण्यतिथि पर जिस तरह से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चुप्पी साधी, वैसी किसी को उम्मीद नहीं थी. मुखर्जी की पहली पुण्यतिथि पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की ओर से कोई ट्वीट तक नहीं किया गया.
कुछ दिखा @ajitanjum ?— राधादेव शर्मा ?? (@RADHA_83) September 1, 2021
आज #प्रणव_मुखर्जी की पहली पुण्यतिथि है..
काँग्रेस को प्रणब दा` और नरसिम्हा राव की जयंती और पुण्यतिथि याद रखनी चाहिए..
|| ॐ शांतिः || ??
— Pragath Shukla (@PragathShukla) August 31, 2021
उपराष्ट्रपति एम. वैकेया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी को याद किया और अपनी श्रद्धांजलि दी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जिक्र करते हुए नायडू ने ‘प्रणब मुखर्जी स्मृति व्याख्यान’ में कहा, ‘वह जिस तरह के सर्वसम्मति बनाने वाले थे, मुझे यकीन है कि यदि आज वह जीवित होते, तो प्रणब दा ने पूर्व प्रभाव से लागू होने वाले कराधान को समाप्त करने के संसद में हाल में पारित विधेयक का स्वागत किया होता।’
उधर दिवंगत प्रणब मुखर्जी की दूरदर्शी और राजनेता के तौर पर प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति का सार्वजनिक जीवन शानदार रहा और वह अपने प्रशासनिक कौशल और कुशाग्रता से उन जिम्मेदारियों निभाते थे, जो उनके कंधे पर आती थी। पूर्व राष्ट्रपति की पहली पुण्यतिथि पर मंगलवार को आयोजित पहले प्रणब मुखर्जी मेमोरियल व्याख्यान में प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘वह अद्वितीय बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण थे, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया।’
गौरतलब है कि 31 अगस्त, 2020 को मुखर्जी ने दुनिया को अलविदा कहा था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एक अस्पताल में लंबे समय से भर्ती रहे मुखर्जी कोरोना संक्रमित थे। प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1969 में की थी। लंबे समय तक कांग्रेस में रहकर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोदी सरकार ने 2019 में प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया था।