प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को विधानसभा चुनाव अभियान के सिलसिले में मेघालय और नगालैंड के दौरे पर पहुंचे थे। मेघालय के फुलबारी में बड़ी संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के भोलेपन का वहां की सरकारों ने पिछले 50 वर्षों में भारी दुरुपयोग किया है। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग मेघालय में जाति -संप्रदायवाद का जहर फैला रहे हैं, जबकि हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं।
हम संप्रदाय के आधार पर राजनीति करने वाले लोग नहीं हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इराक में केरल की 46 नर्सों को आतंकवादी उठाकर ले गए थे, लेकिन सरकार उन्हें आतंकियों की चंगुल से छुड़ाकर लाने में सफल रही। उन 46 में से ज्यादातर ईसाई संप्रदाय की थीं। अफगानिस्तान में आतंकियों द्वारा अगवा किए गए फादर एलेक्सी प्रेम कुमार को 18 महीने बाद छुड़ाकर लाने में भी सरकार कामयाब रही। वो वहां प्रभु यीशु का संदेश देने गए थे। बंगाल की एक बेटी जूडिथ डिसूजा को भी अफगानिस्तान में आतंकियों ने उठा लिया था। वो भी चर्च के लिए काम कर रही थी, लेकिन सरकार एक महीने के भीतर उसे भी सही-सलामत वापस लेकर आ गई। यमन में फादर टॉम को भी आतंकी उठा ले गए थे। वो भी चर्च के लिए काम करने गए थे। उन्हें भी जिंदा वापस लाया गया। उनकी सेहत बहुत खराब हो चुकी थी, तो सरकार ने उनके स्वास्थ्य की भी चिंता की। प्रधानमंत्री के मुताबिक इस देश का हर नागरिक हमारी जिम्मेदारी है। देश पर हर नागरिक का उतना ही हक है, जितना देश के प्रधानमंत्री का है, ये हमारी विचारधारा है।
मेघालय में कमल का फूल खिलने वाला है
प्रधानमंत्री ने फुलबारी की जनसभा में जुटी भीड़ को देखकर कहा कि इस बार यहां फूल की बारी होनी चाहिए। ये मौसम भी पतझड़ का है, जिसमें पुराने पत्ते गिरकर नए आते हैं। राजनीति में भी यहां पुराना गिरकर, कमल का फूल खिलने वाला है। ये समय मेघालय के भाग्य बदले का है, मेघालय में परिवर्तन का समय है। सालों तक यहां के लोगों ने एक ही पार्टी को झेला है, इसलिए वो इसे टेकन फॉर ग्रांटेड लेते हैं। यही कारण है कि अब मेघालय को भारतीय जनता पार्टी को अवसर देना चाहिए।
मेघालय के लोगों की ईमानदारी का दुरुपयोग हुआ है
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 4 साल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए राज्य को 470 करोड़ रुपये दिए गए। 1,100 किलोमीटर सड़क बननी थी, आधा काम भी नहीं हुआ। पता नहीं सड़क कहां गई, पैसे कहां गए? स्थिति ऐसी है कि मेघालय के गावों में सड़क पर लगता है, खेतों में चल रहे हैं। 100 में से 80 रुपये दिल्ली से आता है, लेकिन पता ही नहीं चलता कि रुपये कहां जाते हैं? मेघालय में आज ऐसी सरकार है, जहां बिना कमीशन के कोई काम नहीं होता। यहां बिचौलियों का कारोबार चल रहा है। जो बेटी पैदा भी नहीं, उसके नाम पर विधवा पेंशन लिया जाता है। जो इंसान है ही नहीं, उसे भी सरकारी नौकरी मिल जाती है। यहां घोटालों की भरमार है। बच्चों के पौष्टिक आहार का पैसा भी खा लिया जाता है। मेघालय के मुख्यमंत्री के डॉक्टर होने के बावजूद हेल्थ सेक्टर बदहाल है। 50 प्रतिशत महिलाएं अपने घरों में ही प्रसव कराने को मजबूर हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 470 करोड़ रुपया दिए गए, जो खर्च ही नहीं हुए।
श्री मोदी के अनुसार केंद्र सरकार ने मेघालय के बाकी बचे 900 से ज्यादा गांव में भी बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर दिया है। सौभाग्य योजना के तहत यहां के लाखों परिवारों को बिजली देने का वादा पूरा किया जाएगा, जिसपर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च निर्धारित है। राज्य में 3.30 लाख एलईडी बल्ब लगाए गए हैं, जिससे 20 करोड़ रुपये बचे हैं। प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार मेघालय के पास हेरिटेज टूरिज्म, हैंडीक्राफ्ट टूरिज्म, इको टूरिज्म,वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म का सामर्थ्य है। भारत सरकार टूरिज्म के क्षेत्र को भरपूर ताकत देना चाहती है, क्योंकि यह कम लागत में ज्यादा कमाई देने वाला क्षेत्र है।