प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को नगालैंड के तुएनसांग में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। वहां उपस्थित भारी जन-समुदाय को देखकर उन्होंने कहा, “हमारा देश कितना विविध है, कितना विस्तृत है, फिर भी कितना एकजुट है, उसका अहसास यहां नगालैंड आकर होता है। अलग-अलग जनजातीय समुदाय, लेकिन जन-गण का गान सभी एक स्वर में करते हैं। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की विहंगम तस्वीर आज यहां देख रहा हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ जब सभी राज्यों, सभी समाज को साथ लेकर चलने का ईमानदारी से प्रयास होता है, तभी इतनी बड़ी तादाद में आकर लोग आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे कई मित्र यहां पर गठबंठन की लहर देखकर संकट में आ जाएंगे। दरअसल, जो लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं, जिनको समाज को बांटना, तोड़ना, लड़ाकर रखने की आदत है, उन्हें यहां की जनता ने जवाब दे दिया है।
नगालैंड की भलाई के लिए उठ रही हर आवाज का सम्मान करते हैं
बीते कुछ वर्षों में नगालैंड में आई राजनीतिक अस्थिरता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि अब आगे बढ़ने का समय है। 4 साल में 4 कैबिनेट की स्थिति बनना ठीक नहीं है। अब ऐसी स्थिर सरकार की आवश्यकता है, जो नागालैंड के विकास के लिए काम करे। यहां की राजनीतिक समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। अगले कुछ महीनों में नगालैंड के लोगों के लिए सम्मानजनक और उनके राजनीतिक अधिकारों का आदर करने वाला समाधान प्राप्त करने की उम्मीद है। नगालैंड के लोगों की इस चिंता का समाधान हमारे देश को और मजबूत करेगा। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि हमारी सरकार नगालैंड की भलाई के लिए उठ रही हर आवाज का सम्मान करती है। लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के साथ हमारी सरकार ने बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखा है। नगालैंड के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है।
नगालैंड की अनूठी जीवन शैली देश का राष्ट्रीय गौरव है
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां की अनूठी जीवन शैली भारत का राष्ट्रीय गौरव है और उसकी रक्षा के लिए ‘केंद्र सरकार और मैं स्वयं भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं।’ पूर्वी नगालैंड EMPO एरिया बहुत पिछड़ा क्षेत्र है। नगालैंड के साथ-साथ EMPO एरिया पर भी सरकार विशेष ध्यान देगी। देश के विकास में नगालैंड के प्रतिभावान लोगों ने अमूल्य योगदान दिया है। सभी क्षेत्रों में नगालैंड के लोगों ने अपने भारत का मान बढ़ाया है। वो नगालैंड के लोगों के कठिन परिश्रम, बहादुरी के हमेशा प्रशंसक रहे हैं। नगालैंड के लोगों के संकल्प और योगदान से ही न्यू इंडिया और न्यू नगालैंड का सपना साकार होगा।
पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर
उन्होंने कहा कि, “पूर्वोत्तर के लिए मेरा विजन है, ट्रांसफॉर्मेशन बाय ट्रांसपोर्टेशन।” सरकार ने हाल ही में नॉर्थ-ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम को मंजूरी दी है। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए केंद्र सरकार सौ प्रतिशत फंडिंग करती है। इसके तहत तीन वर्षों में लगभग 5,300 करोड़ रुपये देगी। नई योजना में मोटे तौर पर वॉटर सप्लाई, पावर, कनेक्टिविटी और विशेष रूप से पर्यटन तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का निर्माण शामिल है। सरकार के सभी मंत्रालयों में इस क्षेत्र के विकास के लिए 10 प्रतिशत राशि रखना अनिवार्य किया गया है। प्रधानमंत्री के अनुसार नगालैंड में कनेक्टिविटी की समस्या दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। 4 साल से कम समय में नेशनल हाइवे का विस्तार 1,000 किलोमीटर से 1,500 किलोमीटर हो चुका है। अभी वहां लगभग 6,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अगले 3-4 साल में क्षेत्र की सड़कों पर सरकार 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। रेल कनेक्टिविटी के लिए पूर्वोत्तर में 5,500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। उत्तर-पूर्व की हर राजधानी को ब्रॉडगेज से जोड़ने का काम हो रहा है। 3 हजार करोड़ रुपये की लागत से दीमापुर-कोहिमा नई रेल लाइन का काम भी शुरू हो चुका है। नगालैंड में पावर कनेक्टिविटी सुधारने के लिए केंद्र लगभग 1 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। पिछले तीन साल में नगालैंड के उन गांवों में भी बिजली पहुंच चुकी है, जहां अब तक नहीं पहुंची थी। सौभाग्य योजना के तहत भी यहां घर-घर में भी बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। नगालैंड के घरों में 10 लाख एलईडी लगाए गए हैं, जिससे करीब 50 करोड़ रुपये का बिजली बिल कम हुआ है। कोहिमा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार 1,800 करोड़ रुपया खर्च करेगी। राज्य में 8,500 घरों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है और नए घर बनाने एवं पुराने घरों को ठीक करने के लिए 160 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। 4 साल में नगालैंड की महिलाओं को प्रसव के समय की परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
नगालैंड में नई ऊंचाइयों पर जाने का भरपूर सामर्थ्य
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत सरकार उत्तर-पूर्व में ऑर्गेनिक खेती का विस्तार 100 प्रतिशत क्षेत्रों में करना चाहती है। इसके लिए देश में 10 हजार से ज्यादा ऑर्गेनिक ट्रस्ट विकसित किया जा रहा है और उत्तर-पूर्व में 100 एफपीओ बनाया गया है,जिससे 50 हजार किसान जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने ये भी बताया कि बांस को घास की श्रेणी में लाने से नगालैंड के लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि, “नगालैंड के एनर्जेटिक नौजवान, यहां की क्रिएटिव महिलाएं , यहां के इनोवेटिव किसान, यहां का डेमोग्राफिक डिविडेंड, राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।” यहां स्पोर्ट्स का टैंलेंट है जो राज्य को नई पहचान दिला सकता है। आईटी और बीपीओ यहां के अंग्रेजी जानने वाले नौजवानों के लिए बहुत बड़े अवसर की तरह है। प्रधानमंत्री ने ये भी बताया कि नगालैंड के 27 हजार लोग प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ उठा कर स्वरोजगार में लगे हैं। पिछले बजट में आदिवासी इलाकों के लिए जो एकलव्य मॉडल स्कूल खोलने का प्रस्ताव है, उससे भी नगालैंड की जनता को बहुत लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नगालैंड के विकास में भ्रष्टाचार बहुत बड़ा चैलेंज है। योजनाओं की राशि का पूरा लाभ सामान्य लोगों को मिलना बहुत जरूरी है। केंद्र से जितना पैसा आता है, उसका पाई-पाई राज्य के विकास पर खर्च होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने पारदर्शी चुनाव का अभियान शुरू करने के लिए नगालैंड की जनता, संगठनों और सिविल सोसाइटी के लोगों की बहुत सराहना की है।
Gratitude to the people of Nagaland for the support. Every Indian is proud of Nagaland’s culture and the state’s rich contribution to our nation. pic.twitter.com/NE1rQ5VrTU
— Narendra Modi (@narendramodi) February 22, 2018