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Politics in Congress: अपनी सरकार पर बरसे प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा, थर्ड ग्रेड टीचर की नहीं सुनी तो 13 जिलों में कांग्रेस का होगा सूपड़ासाफ, पायलट के अनशन के समर्थन में आए पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

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किसी भी राज्य में चुनाव के नजदीक आने पर पक्ष-विपक्ष के परस्पर वार तेज हो जाना आम बात है, लेकिन राजस्थान में तो जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेसी अपनी ही सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ तेज हमले करने लगे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सीएम गहलोत के खिलाफ सियासी तलवार लेकर निकले ही हुए हैं। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपने ही शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को खरी-खरी सुना दी। डोटासरा ने शिक्षा मंत्री पर तंज करते हुए कहा कि उनपर उम्र का असर हैं। इसलिए वो भूल रहे हैं, लेकिन यदि थर्ड ग्रेड टीचर्स की समस्याएं और तबादलों का निपटारा तत्काल न किया तो इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में 13 जिलों में कांग्रेस का पूरी तरह से सूपड़ासाफ हो जाएगा। दूसरी ओर कभी गहलोत के करीबी रहे पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अनशन के मुद्दे पर सचिन पायलट का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि पायलट सही हैं, हमने वादा किया था तो अब कार्रवाई भी होनी चाहिए।विधानसभा चुनाव के समय तो शिक्षा मंत्री के कपड़े फटे बिना नहीं रहते
विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे और शिक्षा मंत्री पद से हटाए गए डोटासरा ने कहा कि अच्छा है मुख्यमंत्री ने मुझे शिक्षा मंत्री पद से हटा दिया, क्योंकि चुनावी साल में तो अब कपड़े फटने वाला वक्त है। चुनाव के नजदीक शिक्षा मंत्री के कपड़े फटे बिना नहीं रहते। इसलिए मैं तो एकदम सेफली निकल गया। अब बारी शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की है। जयपुर के राजस्थान कॉलेज में राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ के सत्कार कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर नहीं करने पर 13 जिलों की स्कूलों में दिक्कत होने से कांग्रेस को चुनाव में वोट न मिलने की चेतावनी देते हुए शिक्षा मंत्री पर तंज कसा है।…नहीं तो कांग्रेस कौ एक ही एमएलए कोनी आवलो 13 जिलां मं तो!
डोटासरा ने सीएम अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से कहा कि आप दोनों इन ग्रेड थर्ड टीचर्स की समस्या का समाधान भी कर दीजिए। यह काम नई भर्ती से पहले कीजिए, अगर इनके तबादले नहीं किए तो 13 जिलों में एक भी नहीं आएगा। आपके और मेरे कपड़े फाड़ेंगे। डोटासरा ने ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले को लेकर राजस्थानी में कहा-‘मुख्यमंत्रीजी शिक्षा मंत्रीजी थां दोन्यां हूं ही निवेदन है…आं थर्ड ग्रेड आलां को भी कांटों काट द्यो बिचारां को….आ नई भर्ती ल्यावो न बिसं पहली पहली जचा दीज्यो, नहीं तो एक ही कोनी आवलो 13 जिलां मं तो, थारा म्हारा कपड़ा फाड़ला।’शिक्षा मंत्री कल्ला पर डोटासरा का वार- ‘उम्र का असर है, भूल गए होंगे’
डोटासरा ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर तंज कसते हुए कहा- शिक्षा मंत्री बैठे हैं, मैंने तो देखा कल्लाजी बोलेंगे, लेकिन कल्लाजी भूल गए। उम्र का असर है, आपका दोष नहीं है। डोटासरा ने कहा कि दो चार दिन में बैठक कर इस काम के बारे में समझ लीजिए कैसे करना है। अफसरों को बुला लीजिए, कैसे करना है, यह तय कर लीजिए। अफसर फिर भी नहीं समझते हैं तो मुख्यमंत्री से हटवा दीजिए। ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले तो हमें नई भर्ती से पहले करने चाहिए। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि संगठन सर्वोपरि है। कांग्रेस प्रस्ताव पारित कर भिजवाए, ये पूरा करते हैं।सीएम गहलोत के क्षेत्र सरदारपुरा में तो सब काम हो गए क्या?
डोटासरा ने कहा- सब काम तो मुख्यमंत्री के मन के भी नहीं होते हैं। सरदारपुरा में तो सब काम हो गए क्या? मैं खूब बजट ले गया, लेकिन अब भी मैं जाता हूं तो लोग मेरे कपड़े फाड़ते हैं। कोई सड़क मांगता है, कोई कुछ मांगता है। काम तो होने ही चाहिए और मांग भी होनी चाहिए। जिस दिन नेता से उम्मीद खत्म हो जाएगी, उस दिन सब कुछ शून्य हो जाएगा। आप मांग करते हो, हमें भी अच्छा लगता है, लेकिन मांग पूरी नहीं होने पर आप लोहे की छड़ गर्म करके जानवर को दागते हैं, उस तरह का बर्ताव कर जाते हो, वह मत कर देना।पायलट पर भी तंज- मैं दूसरों की तरह सड़क पर कांग्रेस की बुराई नहीं करता
डोटासरा ने सीएम से कहा कि मैं कभी नकली बात नहीं करता। मेरे तकलीफ हो तो मैं कह भी देता हूं कि मुख्यमंत्री यह तकलीफ है। मैं सीमा में रहकर और नाप तोल कर सुरक्षित स्थान पर अपनी बात कहता हूं। डोटासरा ने इशारों-इशारों में सचिन पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि मैं दूसरे नेताओं की तरह नहीं हूं। मैं उन दूसरों की तरह बाजार में सड़क पर खड़ा होकर कांग्रेस की बुराई नहीं करता। मेरे खून और संस्कारों में यह बात नहीं है। यह मैं कभी नहीं कर सकता।पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी किया पाटलट के अनशन का समर्थन
दूसरी ओर कांग्रेस में मौकों को ताड़कर परस्पर वार करने की सियासी तिकड़में भी खूब चल रही हैं। कभी मुख्यमंत्री के खासमखास रहे पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने पलटी मारी है। उन्होंने सचिन पायलट के मुद्दे का समर्थन किया है। पायलट के अनशन पर रघु शर्मा ने कहा- भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, मुझे भी मालूम है। उस समय यह बहुत बड़ा मुद्दा था। उस मुद्दे पर कारगर कार्रवाई तो होनी चाहिए, इसमें क्या बात है? रघु शर्मा ने कहा- मैंने भी एक ही साल में दो चुनाव लड़े थे, पहले अजमेर से सासंद का और फिर केकड़ी से विधायक का, उस समय भ्रष्टाचार बहुत बड़ा मुद्दा था। आज आम आदमी भी करप्शन से कंसर्न रखता है, हमारी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की बात करती रहती है, अब कार्रवाई भी तो होनी चाहिए। काबिले गौर है कि इससे पहले खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी पायलट के अनशन का समर्थन कर चुके हैं।

क्या तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं
काबिले गौर है कि डोटासरा जब खुद शिक्षा मंत्री थे तो सीएम के सामने ही शिक्षा विभाग में तबादलों के नाम पर पैसे खाने का मामला उजागर हुआ था। तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार  खुद ही शिक्षकों के तबादले में पैसों के लेन-देन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- हम सुनते हैं कि तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं। पता नहीं, आप बताइए सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में बैठे शिक्षकों की तरफ से आवाज आई- हां, पैसे देने पड़ते हैं। हैरतअंगेज यह कि पैसों के बारे में सवाल भी खुद मुख्यमंत्री ने ही पूछा था। टीचर्स ने कहा-हां पैसे खिलाने पड़ते हैं। अध्यापकों से एक-स्वर में जवाब सुनकर गहलोत बगलें झांकने लगे। उनके मुख से बस इतना ही निकल पाया–कमाल है… तब न पैसे चलेंगे, न विधायक के पास जाना पड़ेगा
गहलोत ने कहा, क्या यह बात सही है? पैसे देने पड़ते हैं क्या? फिर आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। गहलोत बोले- कमाल है। टीचर्स पैसे देकर ट्रांसफर करवाने को लालायित रहते हैं। इस पर कोई पॉलिसी बन जाए, सबको मालूम रहे कि उसका तबादला कब होना है? तब फिर न पैसे चलेंगे, न विधायक के पास जाना पड़ेगा। गहलोत ने कहा- ट्रांसफर पॉलिसी ऐसी बन जाए, जिससे किसी की हार्ट बर्निंग न हो। अभी क्या हो रहा है कि जिसकी सांसद-विधायक के साथ चल गई उसका हो जाता है। विधायक आकर मंत्री के कपड़े फाड़ते हैं कि मेरे तो 50 ही तबादले किए, मेरे तो 100 किए, 150 ही किए। अरे, भाई कोई अंत तो हो।नाराज डोटासरा बोले- मेरे स्टाफ ने चाय भी पी हो तो बता देना
गहलोत के भाषण खत्म करने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने माइक संभाला। ऐसा लगा था कि उनको मुख्यमंत्री और टीचर्स के बीच हुआ पैसे वाला संवाद चुभ गया। गहलोत के बयान ने शिक्षा मंत्री डोटासरा के सामने असहज स्थिति पैदा कर दी। डोटासरा ने तत्काल सफाई भी दी। डोटासरा ने कहा- सीएम साहब ने तबादलों में पैसे की बात छेड़ी है। लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि मेरे शिक्षा मंत्री रहते मेरे यहां स्टाफ में एक चाय पीने का भी बता देना तो मुझे कह देना। मुख्यमंत्री जी का इशारा था कि कहीं न कहीं जेब कट जाती है। बीजेपी राज में कांग्रेस तबादला उद्योग चलाने के आरोप लगाती थी। उस वक्त विधानसभा में गोविंद सिंह डोटासरा आरोप लगाने में आगे रहते थे। अब बीजेपी को पलटवार करने का मौका मिल गया है।शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया : बीजेपी
भाजपा ने इस विषय को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादले के लिये पैसे देन की बात पूछी तो सभी शिक्षकों ने एक स्वर में ‘हां’ में जवाब दिया।’’ उन्होंने लिखा, शिक्षक समाज का दर्पण होता है, जो कभी झूठ नही बोल सकता। आज शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया है।

डोटासरा ने ऐसे भाषण दिया मानो ये विदाई भाषण हो : सीएम
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक पद पर रखने के संकेत दिए। डोटासरा के भाषण के बाद सीएम ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने इस तरह से भाषण दिया मानो यह उनका विदाई भाषण हो। डोटासरा ने हाईकमान को भी एक पद पर रहने का कई बार आग्रह कर लिया है। मुझे लगता है कि अब डोटासरा जी सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पद पर ही रहना चाहते हैं।

 

 

 

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