प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन असम के गुवाहाटी से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के बीच चलेगी। दोनों स्टेशनों के बीच यह ट्रेन कुल 410 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली यह ट्रेन इन दोनों जगहों को जोड़ने वाली वर्तमान में सबसे तेज ट्रेन की तुलना में एक घंटे की बचत करेगी। वंदे भारत 5 घंटे 30 मिनट में इस यात्रा को पूरा करेगी, जबकि यहां अभी तक की सबसे तेज ट्रेन इसी यात्रा को पूरा करने में 6 घंटे 30 मिनट का समय लेती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की रेल कनेक्टिविटी के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी से जुड़े तीन काम एक साथ हो रहे हैं। पहला, आज नॉर्थ ईस्ट को अपनी पहली मेड इन इंडिया, वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है। ये पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है। दूसरा, असम और मेघालय के लगभग सवा चार सौ किलोमीटर ट्रैक पर बिजलीकरण का काम पूरा हो गया है। तीसरा, लामडिंग में नवनिर्मित डेमू-मेमू शेड का भी आज लोकार्पण हुआ है। मैं इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए असम, मेघालय सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट और पश्चिम बंगाल के साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसी सप्ताह, केंद्र में एनडीए की सरकार के 9 साल पूरे हुए हैं। बीते 9 साल, भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों के रहे हैं, नए भारत के निर्माण के रहे हैं। कल ही देश को आज़ाद भारत की भव्य-दिव्य आधुनिक संसद मिली है। ये भारत के हज़ारों वर्ष पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को हमारे समृद्ध लोकतांत्रिक भविष्य से जोड़ने वाली संसद है। बीते 9 वर्षों की ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं, जिनके बारे में पहले कल्पना करना भी मुश्किल था। 2014 से पहले के दशक में इतिहास के घोटालों के हर रिकॉर्ड टूट गए थे। इन घोटालों ने सबसे ज्यादा नुकसान देश के गरीब का किया था, देश के ऐसे क्षेत्रों का किया था, जो विकास में पीछे रह गए थे।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने सबसे ज्यादा गरीब कल्याण को प्राथमिकता दी। गरीबों के घर से लेकर महिलाओं के लिए टॉयलेट तक, पानी की पाइपलाइन से लेकर बिजली कनेक्शन तक, गैस पाइपलाइन से लेकर एम्स-मेडिकल कॉलेज तक, रोड, रेल, जलमार्ग, पोर्ट, एयरपोर्ट, मोबाइल कनेक्टिविटी, हमने हर क्षेत्र में पूरी शक्ति से काम किया है। आज भारत में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम की पूरी दुनिया में बहुत चर्चा हो रही है। क्योंकि यही इंफ्रास्ट्रक्चर तो जीवन आसान बनाता है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर तो रोजगार के अवसर बनाता है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर तेज विकास का आधार है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, ऐसे हर वंचित को सशक्त करता है। इंफ्रास्ट्रक्चर सबके लिए है, समान रूप से है, बिना भेदभाव के है। और इसलिए ये इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण भी एक तरह से सच्चा सामाजिक न्याय है, सच्चा सेकुलरिज्म है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछले 9 वर्षों में पहले की तुलना में नॉर्थ ईस्ट में रेलवे के विकास के लिए बजट भी कई गुणा बढ़ाया गया है। 2014 से पहले नॉर्थ ईस्ट के लिए रेलवे का बजट औसत बजट करीब-करीब ढाई हज़ार करोड़ रुपए का होता था। इस बार नॉर्थ ईस्ट का रेल बजट 10 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है। यानि लगभग 4 गुणा बढ़ोतरी की गई है। इस समय मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय और सिक्किम की राजधानियों को बाकी देश से जोड़ने का काम भी तेज गति से चल रहा है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट की सभी राजधानियां ब्रॉडगेज नेटवर्क से जुड़ने वाली हैं। इन प्रोजेक्ट्स पर एक लाख करोड़ रुपए का खर्च किया जा रहा है। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी के लिए बीजेपी की सरकार कितनी प्रतिबद्ध है।’
समारोह का संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज जिस स्केल के साथ, जिस स्पीड के साथ हम काम कर रहे हैं, वो अभूतपूर्व है। अब नॉर्थ ईस्ट में पहले के मुकाबले, तीन गुना तेजी से नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। अब नॉर्थ ईस्ट में पहले के मुकाबले, 9 गुना तेजी से रेल लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है। पिछले 9 वर्षों में ही नॉर्थ ईस्ट के रेल नेटवर्क का बिजलीकरण शुरु हुआ और अब शत-प्रतिशत लक्ष्य की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसी ही स्पीड और स्केल के कारण, आज नॉर्थ ईस्ट के अनेक क्षेत्र पहली बार रेलसेवा से जुड़ रहे हैं। नागालैंड को 100 साल के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन अब मिला है। जहां कभी नैरो गेज पर धीमी रेल चलती थी, वहां अब सेमी-हाईस्पीड वंदे-भारत और तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलने लगी हैं। आज नॉर्थ ईस्ट के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे के विस्टाडोम कोच भी नया आकर्षण बन रहे हैं।’