जब इरादे बुलंद हों तो बाधाएं हार मान ही लेती हैं। साल 2021 में दुनिया के साथ-साथ देश ने भी कोरोना संक्रमण की दूसरी भयानक लहर देखी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूर-दृष्टि और मजबूत इरादों, कोरोना को हराने की दमदार रणनीति और मिशन-मोड पर परियोजनाओं के संचालन के चलते साल 2021 में सर्वांगीण और समावेशी विकास की नई कहानी लिखी गई। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के साथ ही एक नए भारत के सपने को साकार करने की ओर हमारा देश बढ़ रहा है। भारत विकास के पथ पर इस साल बुलंद भारत को बुलंद तस्वीर बनी। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। एक्सप्रेस वे और हवाई अड्डा का निर्माण हो रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था भी अब पटरी पर लौटती नजर आ रही है। इंटरनेट को गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है।
ऐसे में चलिए साल 2021 में भारत के विकास के लिए क्या-क्या काम हुए, उन पर नजर डालते हैं…..
एक्सप्रेस-वे : इस विस्तार से देश को मिलेगी तेज रफ्तार
साल 2021 में एक्सप्रेस-वे की दिशा में उत्तर प्रदेश समेत देश में बेहतर काम हुआ। यूपी से बाहर मुंबई—नागपुर समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस-वे का काम भी इस साल पूरा हो गया। वहीं दिल्ली—मुंबई, दिल्ली—देहरादून, दिल्ली—कटरा और अमृतसर लिंक एक्सप्रेस तथा बेंगलुरू—चेन्नई एक्सप्रेस वे को लेकर बड़ी तैयारी है। इस समय देश में आजादी के बाद सबसे ज्यादा 2037 किमी लंबे 18 एक्सप्रेस वे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर में लखनऊ और गाजीपुर के बीच 340 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही, मेरठ और प्रयागराज के बीच 36,230 करोड़ की लागत से तैयार होने किए जाने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे को भी मंजूरी मिली।
हवाई नेटवर्क : बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों का भी रखा ख्याल
साल 2021 हवाई नेटवर्क को छोटे शहरों तक पहुंचाने का भी गवाह बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल यूपी के प्रमुख बौद्ध स्थल कुशीनगर में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, बरेली, ग्वालियर, जबलपुर भी हवाई नेटवर्क से जुड़ गए। ग्रेटरनोएडा का जेवर एयरपोर्ट लगातार सुर्खियों में रहा। इस साल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी देश में हवाई यात्रा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए काफी काम किया है। पूरे भारत में कनेक्टिविटी में सुधार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से 100 रूट शुरू किए गए। 12 हवाई अड्डों का संचालन किया गया, जिसमें 3 हेलीपोर्ट शामिल हैं।
हवाई अड्डे : मुद्रीकरण, विकास, ई-गवर्नेंस और ड्रोन नियम-21
ड्रोन नियम 2021 को 25 अगस्त 2021 को अधिसूचित किया गया। नीति का उद्देश्य भारत को ड्रोन के अनुसंधान और विकास, परीक्षण, निर्माण और संचालन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। पीपीपी मॉडल के तहत लखनऊ, अहमदाबाद, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम सहित 6 हवाई अड्डों को प्रबंधन के लिए सौंप दिया गया। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत, अगले 3 वर्षों में मुद्रीकरण के लिए 25 अतिरिक्त हवाई अड्डों की पहचान की गई। 25 सितंबर 2021 को, AAI ने देश में विमानन उद्योग विकास को बढ़ाने के लिए एक उदार FTO नीति की घोषणा की। एयरसेवा 3.0 को 02 अक्टूबर 2021 को शिकायत निवारण की बेहतर सुविधा के साथ लाइव किया गया। 11 नवंबर 2021 को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (ईजीसीए) में ई-गवर्नेंस शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य डीजीसीए की प्रक्रियाओं और कार्यों में व्यापार करना, पारदर्शिता और स्वचालन को आसान बनाना है।
रेलवे स्टेशन : देश को विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले स्टेशन की सौगात
देश को इस साल अपना पहला एयरपोर्ट जैसी खूबियों वाला अत्याधुनिक सुविधाओं वाला विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन भी मिला। यह भोपाल का हबीबगंज स्टेशन है, जिसे रानी कमलापति के रूप में नया नाम तो दिया ही गया है, इसके साथ ही इसे एकदम हाईटेक स्टेशन बना दिया गया है। साल 1955 में बने जर्मन हेडलबर्ग रेलवे स्टेशन पर रोजाना करीब 42 हजार यात्री आते हैं, लेकिन यहां पर भीड़ नहीं होती है और ना ही कोई परेशानी। इसी स्टेशन की तरह रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में भी सेफ्टी, सिक्योरिटी की सुविधा दी गई है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को बनाने में लगभग 450 करोड़ रुपए खर्च किया गए हैं। इस साल रेलवे ने रूट के इलेक्ट्रिफिकेशन पर भी खूब मेहनत की। इसके अलावा रेलवे मंत्रालय द्वारा इस साल रिकॉर्ड 6015 किलोमीटर रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया।
इंटरनेट युग : अब गांव-गांव तक फोकस, यूजर 62 करोड़ पार
आज के जेट स्पीड वाले युग में इंटरनेट की महत्ता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समझा। उनकी दूरगामी सोच के चलते इंटरनेट अब शहरों के साथ-साथ हर गांव-गांव तक पहुंचने लगा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में 4.7 करोड़ नये यूजर इंटरनेट से जुड़े है और इसके साथ ही देश में इंटरनेट चलाने वालों की संख्या बढ़कर 62.4 करोड़ के पार पहुंच गई है। यानि कि अब करीब आधी आबादी की इंटरनेट तक पहुंच है। साल 2021 में 5जी की तैयारियां भी तेजी से की गईं। देश में 5G फोन आ गए हैं। इसके अलावा, देश में सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों की संख्या 44 करोड़ के पार पहुंच गई। यह संख्या 8 करोड़ बढ़ी है।
हेल्थ इंफ्रा : मेडिकल क्षेत्र कोरोना संकट को अवसर में बदल मजबूत हुआ
कोरोना संकटकाल ने देश को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का सबक दिया। देश ने इसे चुनौती के रूप में लिया और न सिर्फ कोरोना वैक्सीन भारत में बनी, बल्कि भारत ने इस साल एक मजबूत हेल्थ इंफ्रा भी खड़ा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर को 15 के 18 साल की आयु वर्ग के किशोरों को तीन जनवरी के वैक्सीनेशन शुरू कराने की घोषणा करते हुए कहा कि देश को पैनिक में आने की जरूरत नहीं है। आज देश में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा आईसीयू बेड हैं। देश में इस समय 18 लाख आइसोलेशन बेड और 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार हैं। 90 हजार बेड बच्चों के लिए भी हैं। 3000 ऑक्सीजन प्लांट भी काम कर रहे हैं। राज्यों को दवाओं का बफर स्टॉक तैयार करने में मदद दी जा रही है। भारत में कोरोना की वैक्सीन भी साल 2021 में ही आई और टीकाकरण शुरू किया गया। कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत ने 21 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली। दुनिया में भारत सबसे कम समय में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार करने वाला पहला राष्ट्र बना। भारत की इस उपलब्धि को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सराहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैक्सीनेशन में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने पर देशवासियों को बधाई भी दी।
इंडस्ट्रियल इंफ्रा : राज्यों को जोड़ने वाले इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मिली तेजी
भारत के 17 राज्यों को जोड़ने वाले 11 औद्योगिक गलियारों (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ) के निर्माण को तेजी मिली है। इसके लिए नवंबर 2021 में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की मंजूरी दे दी। इसके इस्तेमाल से यह औद्योगिक गलियारे तैयार किए जाएंगे। देश में बन रहे लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारे तैयार किए जाएंगे। राज्य सरकारों ने इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है। औद्योगिक गलियारा एक ऐसा आर्थिक पारिस्थितक तंत्र है जो परिवहन गलियारे के इर्द गिर्द खड़ा किया जाता है। इस तंत्र के ज़रिए दो बड़े आर्थिक केंद्रों को जोड़ा जाता है। इन दो केंद्रों की आर्थिक गतिविधियों के संचालन लिए ये परिवहन गलियारा एक तंत्रिका केंद्र की तरह काम करता है।