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कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों को मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात, हर महीने 4 हजार रुपये के साथ 23 की उम्र में मिलेंगे 10 लाख रुपय

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 30 मई को कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई। बच्चों के लिए हर महीने चार हजार रुपये की व्यवस्था की गई है। उन्हें 18 से 23 साल की उम्र तक स्टाइपेंड मिलेगा और 23 साल हो जाने पर 10 लाख रुपये अलग से मिलेंगे। इसके साथ ही 5 लाख तक के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड भी मिलेगा। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिनके माता और पिता, दोनों नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। मुझे संतोष है कि बच्चों की अच्छी और अबाधित पढ़ाई के लिए उनके घर के पास के ही सरकारी या फिर प्राइवेट स्कूलों में उनका एड्मिशन कराया जा चुका है। पीएम केयर्स के जरिए ऐसे बच्चों की कॉपी-किताबों और यूनिफॉर्म्स के खर्चों को भी उठाया जाएगा। अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसे बच्चे जब अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18 साल से 23 साल तक के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे, तब 10 लाख रुपए एक साथ आपको मिलेंगे। एक और बड़ी चिंता स्वास्थ्य से जुड़ी भी बनी रहती है। कभी कोई बीमारी आ गई, तो इलाज के लिए पैसे चाहिए होते हैं। लेकिन, किसी भी बच्चे को, उनके गार्जियन्स को उसके लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिया जा रहा है। इस कार्ड से पाँच लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा भी आप बच्चों को मिलेगी।’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘इन सब प्रयासों के बीच हमें ऐहसास है कि कई बार बच्चों को भावनात्मक सहयोग और मानसिक मार्गदर्शन की भी जरूरत पड़ सकती है। परिवार के बड़े-बुजुर्ग तो हैं हीं, लेकिन एक कोशिश सरकार ने करने का प्रयास किया है। इसके लिए एक विशेष ‘संवाद’ सेवा भी शुरू की है। ‘संवाद हेल्पलाइन’ पर विशेषज्ञों से बच्चे, मनोवैज्ञानिक विषयों पर सलाह ले सकते हैं, उनसे चर्चा कर सकते हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये प्रयास किसी एक व्यक्ति, एक संस्था या सरकार का मात्र प्रयास नहीं है। PM Cares में हमारे करोड़ों देशवासियों ने अपनी मेहनत, अपने पसीने की कमाई को जोड़ा है। किसी ने अपने पूरे जीवन की कमाई दान कर दी, तो किसी ने अपने सपनों के लिए जोड़ी गई पूंजी इसमें लगा दी। इस फंड ने कोरोनाकाल के दौरान अस्पताल तैयार करने में, वेंटिलेटर्स खरीदने में, ऑक्सिजन प्लांट्स लगाने में बहुत मदद की। इस वजह से कितने ही लोगों का जीवन बचाया जा सका, कितने ही परिवारों का भविष्य बचाया जा सका। और जो हमें असमय छोड़ गए, आज ये फंड उनके बच्चों के लिए, आप सबके भविष्य के लिए काम में आ रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज जब हमारी सरकार अपने 8 वर्ष पूरे कर रही है, तो देश का आत्मविश्वास, देशवासियों का खुद पर भरोसा भी अभूतपूर्व है। भ्रष्टाचार, हजारों करोड़ के घोटाले, भाई-भतीजावाद, देशभर में फैल रहे आतंकी संगठन, क्षेत्रीय भेदभाव, जिस कुचक्र में देश 2014 से पहले फंसा हुआ था, उससे अब बाहर निकल रहा है। ये आप सभी बच्चों के लिए इस बात का भी उदाहरण है कि कठिन से कठिन दिन भी गुजर जाते हैं। सबका साथ – सबका विकास, सबका विश्वास – सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए भारत अब तेज गति से विकास कर रहा है। स्वच्छ भारत मिशन हो, जनधन योजना हो, उज्जवला योजना हो या फिर हर घर जल अभियान, बीते 8 वर्ष गरीब की सेवा, गरीब के कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में भारत ने जो ऊंचाई हासिल की है, वो पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। आज दुनिया में भारत की आन-बान-शान बढ़ी है, वैश्विक मंचों पर हमारे भारत की ताकत बढ़ी है। और मुझे खुशी है कि भारत की इस यात्रा का नेतृत्व युवा शक्ति ही कर रही है। मुझे भरोसा है कि आप सभी, हमारे बच्चे, हमारे युवा इसी हौसले और मानवीय संवेदनशीलता के साथ देश और दुनिया को रास्ता दिखाएंगे।

 

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