Home समाचार लंगर-भंडारा, प्रसाद और मुफ्त दिए जाने वाले भोजन पर नहीं लगेगा जीएसटी

लंगर-भंडारा, प्रसाद और मुफ्त दिए जाने वाले भोजन पर नहीं लगेगा जीएसटी

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वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा-गिरजाघर में बांटे जाने वाले प्रसाद या इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं लगेगा। मीडिया में इस तरह की खबरें चलाई जा रही हैं कि धार्मिक संस्‍थानों द्वारा संचालित अन्‍न क्षेत्रों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर जीएसटी (वस्‍तु एवं सेवा कर) लगेगा। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह बात पूरी तरह से गलत है। इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं देना होगा। इसके अलावा धार्मिक स्‍थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों, दरगाह में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्‍य है। साफ है कि मंदिर के लड्डु या नारियल प्रसाद पर जीएसटी नहीं देना होगा।

हालांकि, प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्‍चे माल एवं उनसे जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा। इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन वस्‍तुओं की ढुलाई से जुड़ी सेवा इत्‍यादि शामिल हैं। इनमें से ज्‍यादातर कच्‍चे माल और इनसे जुड़ी सेवाओं के अनगिनत उपयोग हैं। जीएसटी व्‍यवस्‍था के तहत जब किसी विशेष उद्देश्‍य के लिए आपूर्ति की जाती है तो वैसी स्थिति में चीनी इत्‍यादि के लिए अलग टैक्‍स दर तय करना अत्‍यंत मुश्किल है।

चूंकि जीएसटी एक बहु-स्तरीय कर है, इसलिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायतों का समुचित प्रबंधन मुश्किल है। यही कारण है कि जीएसटी में अंतिम उपयोग पर आधारित नहीं दी गई हैं। अत: ऐसे में धार्मिक संस्‍थानों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले प्रसादम अथवा भोजन में उपयोग होने वाले कच्‍चे माल अथवा इससे जुड़ी सेवाओं के लिए अंतिम उपयोग आधारित रियायत देना वांछनीय नहीं है।

व्हाट्सअप, फेसबुक और टिवटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए तरह-तरह की अफवाहें और खबरें फैलाई जा रही थी। जिससे लोगों में जीएसची को लेकर काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। इसी को देखते हुए वित्त मंत्रालय लगातार सोशल मीडिया के जरिए ही लोगों के सामने सच रखने में लगा हुआ है, साथ ही उसकी लोगों से अपील भी है कि आधिकारिक स्रोतों के अलावा किसी अन्य माध्यमों से भेजे गए संदेश को आगे नहीं बढ़ाएं।

 

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