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राजस्थान में हिंदू की मॉब लिंचिंग, चोरी के शक में जिहादयों ने बेदर्दी से पीट-पीटकर चिरंजीलाल को मार डाला, गौतस्कर पहलूखां की मौत पर छातियां पीटने वाले अभी चुप हैं

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राजस्थान की कांग्रेस सरकार में हिन्दू दोयम दर्जे के नागरिक बन गए हैं। जहां एक ओर मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से मुस्लिमों को मॉब लिंचिंग से लेकर तमाम तरह की खुली छूट मिली हुई है वहीं हिन्दुओं को अपने पर्व के दौरान भी पाबंदियों और तुगलकी फरमानों का सामना करना पड़ता है। राजस्थान के अलवर में एक फिर जिहादियों ने एक हिंदू को पीट-पीट कर मार डाला। लेकिन मॉब लिंचिंग को लेकर देश और दुनिया में तूफान खड़ा करने वाले सभी मौन हैं, क्योंकि मरने वाले का नाम चिरंजीलाल है और मारने वाले मुस्लिम हैं और राज्य में कांग्रेस की सरकार है। मुस्लिमों द्वारा लगातार मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी गहलोत सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। गौतस्कर पहलूखां की मौत पर छातियां पीटने वाले सेक्यूर गैंग भी अभी चुप है। वहीं दूसरी तरफ अभी किसी मुस्लिम की मौत हुई होती तो संविधान खतरे में आ जाता। राजस्थान की गहलोत सरकार आखिर इस तरह का डबल स्टैंडर्ड कब तक रहती रहेगी।

मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ ने चिरंजीलाल को मार डाला

राजस्थान में भीड़ के उन्मादी होकर लोगों की हत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब अलवर जिले से मॉब लिंचिंग का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। अलवर के गोविंदगढ़ कस्बे में 14 अगस्त को मुस्लिमों की जमात ने एक सब्जी बेचने वाले चिरंजीलाल को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। अगले दिन उसकी जयपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। सब्जी का ठेला लगाने वाला 45 साल का चिरंजीलाल खेत में गया था। उसी दौरान एक चोर ट्रैक्टर चुराकर भाग रहा था। पीछे से सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक चोरों का पीछा कर रहे थे। चोरों ने खुद को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़ा और भाग गए। इतने में ही पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक आ गए। वहां मौजूद चिरंजीलाल को मुस्लिम समुदाय के 20-25 लोगों ने चोर समझकर बुरी तरह से पीट दिया। पुलिस ने घायल चिरंजीलाल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। भीड़ के उन्माद की ये कोई पहली घटना नहीं है। राजस्थान में कई बेगुनाह लोग लिंचिंग का शिकार हुए हैं।

पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने घटना के संबंध में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नामजद आरोपी विक्रम खां सहित अन्य आरोपियों असद खां पुत्र मकबूल,स्याबु पुत्र असरफ खां, साहुन पुत्र जुमे खां, तलीम पुत्र यासीन खां, कासिम पुत्र साहाबदीन खां, पोला उर्फ ताफिक पुत्र रूजदार खान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो को भी बरामद कर लिया है। इस मामले में अन्य आरोपियों के बारे में जांच की जा रही है।

मुस्लिम तुष्टीकरण का परिणाम हैं ये घटनाएंः सतीश पूनिया

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत के राज में लगातार बहुसंख्यक हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी के साथ समुदाय विशेष की मॉब लिंचिंग की घटना कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण हुई है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पीरियड में अपराध और अपराधियों का हौसला बढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं और अपीजमेंट के कारण लगातार अपराधियों को संरक्षण मिला है। गहलोत कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह नाकाम सीएम और गृहमंत्री साबित हुए हैं। पुलिस की ढिलाई, प्रशासनिक कमजोरी रही है। पुलिस की पंचलाइन है, अपराधियों में डर और आमजन में विश्वास, अब आमजन असुरक्षित है और अपराधी अपराध करते वक्त यह सोचता नहीं है, उसका क्या होगा। ऐसे हालातों से पानी सिर से ऊपर गुजर चुका है। राजस्थान की कानून व्यवस्था को जो नजर लगी है, अशोक गहलोत के सियासी बयान उसको ठीक नहीं कर पाएंगे। इससे पहले मॉब लिंचिंग अलवर, झालावाड़ और जयपुर सहित कई जिलों में हो चुकी हैं, जिसमें लगातार बहुसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

देश में मानवाधिकार की बात करने वाले मौनः अरुण चतुर्वेदी

बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी बोले- अलवर जिले के गोविंदगढ़ में जिस तरह घेरकर के समुदाय विशेष के लोगों ने वहां के एक बहुत ही साधारण और आर्थिक दृष्टि से कमजोर चिरंजीलाल सैनी को मारने का काम किया है, वह पूरे राजस्थान में आम आदमी के लिए चिन्ता की बात है। अपराध के नजरिए से राजस्थान पहले नम्बर पर आया है और राजस्थान में अलवर क्राइम में टॉप पर है। मैं राजस्थान के सीएम और गृहमंत्री से पूछना चाहता हूं, इस तरह की घटना किसी दूसरे समुदाय की ओर से की गई होती तो किस तरह का वातावरण होता और कैसे कार्रवाई होती। चतुर्वेदी ने कहा आज चिरंजीलाल सैनी के परिवार के लोग न्याय की गुहार कर रहे हैं। लेकिन देश में ह्यूमन राइट्स की बात करने वाले लोग मौन हैं। क्योंकि चिरंजीलाल सैनी को मारने वाले लोग विशेष समुदाय से हैं। उन्होंने कहा कि अपेक्षा थी कि राजस्थान सरकार लगातार हो रही घटनाओं से सबक लेकर कानून व्यवस्था को मजबूत करेगी, लेकिन जाती हुई सत्ता के भागीदारों में मची मलाई खाने की होड़ में जिस तरह थाने और चौकी आज सत्ताधारी दल के विधायकों के रहमों करम पर हैं, उसने राजस्थान और विशेषकर अलवर में इस प्रकार की घटनाओं को और बढ़ावा दिया है।

राजस्थान में मॉब लिंचिंग की घटनाएं :

बीते 5 सालों की बात करें तो राजस्थान के कई जिलों में खौफनाक मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने दिल को दहला दिया। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पांच सालों में एक दर्जन से ज्यादा लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों की जान जा चुकी है।

25 जुलाई, 2018 को बाड़मेर जिले में एक दलित युवक खेताराम भीम की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। खेताराम भीम का कथित तौर पर एक मुस्लिम युवती से प्रेम संबंध था।

16 जुलाई, 2019 को दलित युवक हरीश जाटव की मॉब लिंचिंग हुई थी। युवक का कसूर केवल इतना था कि उसके बाइक से एक मुस्लिम महिला को टक्कर लग गई थी।

31 जुलाई, 2019 में मुख्यमंत्री के गृह जिले में जोधपुर के देचू थाने के गोलाई में पेड़ से बांधकर एक युवक को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला गया।

22 सितंबर, 2019 को झालावाड़ में धुलीचंद मीणा को मोटर पंप चोरी के आरोप में इस कदर बेरहमी से पीटा गया कि उसकी जान चली गई।

2020 में दौसा में जीवा राम मीणा और जीतू की एक गुट ने मिलकर हत्या कर दी।

1 जुलाई, 2021 को झालावाड़ में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मिलकर कृष्णा वाल्मीकि को बुरी तरह पीटा और फरार हो गए। घटना के चार दिन बाद कृष्णा की उपचार के दौरान मौत हो गई।

15 सितंबर, 2021 को अलवर के 19 साल का योगेश अपनी बाइक से गांव जा रहा था. इस दौरान एक बालिका उसकी बाइक से टकरा गई थी। इस पर मुस्लिम समाज के लोगों ने योगेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। उसके बाद मारपीट में घायल युवक की 3 दिन बाद जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।

10 मई, 2022 को भीलवाड़ा में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता आदर्श तापड़िया की हत्या कर दी गई थी।

14 अगस्त, 2022 को अलवर में चिरंजीलाल की हत्या संदेह के आधार पर ही कर दी गई।

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