Home समाचार केरल में लगातार दूसरे दिन 40 हजार से ज्यादा कोरेना के मामले,...

केरल में लगातार दूसरे दिन 40 हजार से ज्यादा कोरेना के मामले, देखिए पक्षकारों के केरल मॉडल की सच्चाई

SHARE

कोरोना महामारी के इस संकट काल में छोटा सा राज्य केरल देश को डरा रहा है। केरल शुरू से ही कोरोना हब बना हुआ है। पौने चार करोड़ से भी कम की आबादी वाला केरल 55.52 लाख मामलों के साथ कोरोना के मामले में देश में दूसरे स्थान पर बना हुआ है। केरल में पिछले 24 घंटे में 41,668 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 55,52,668 हो गई, जबकि 106 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 51,607 पर पहुंच गई है। कोरोना से मौत के मामले में यह छोटा सा राज्य देश में दूसरे स्थान पर है।

केरल सरकार की लापरवाही के कारण लगातार दूसरे दिन राज्य में कोरोना के नए मामले 40,000 का आंकड़ा पार कर गए हैं। गुरुवार को 46,387 जबकि शुक्रवार को कोरोना के 41,668 नए मामले सामने आए। इससे जांच में पॉजिटिविटी दर अब तक के उच्चतम स्तर 43.76 प्रतिशत पर पहुंच गई है। राज्य में वर्तमान में 2,24,258 सक्रिय मामले हैं। शुक्रवार को राज्य में ओमिक्रोन के 54 नए मामले दर्ज किए गए। इससे केरल में अभी तक ओमिक्रोन के कुल 761 मामले सामने आए हैं।

केरल ने कोरोना मौत के मामले को दबाने की भी कोशिश की। अदालत की सख्ती के बाद केरल ने बैकलॉग जोड़ने शुरू किए। इससे कोरोना से मौत के मामले अचानक काफी बढ़ गए। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 21 अक्तूबर, 2021 से लेकर 11 नवंबर, 2021 के बीच 21 दिनों में सरकारी डेटा में दिखाई गई 7,838 मौतों में सिर्फ 1,257 ताजा मामले थे। इनमें से 6,581 मौतें पहले के थे। लेफ्ट सरकार इसी तरह आंकड़े को कम दिखाकर केरल मॉडल पर पक्षकारों से वाहवाही प्राप्त कर अपने पक्ष में माहौल बनाती थी।
कोरोना मामले में आगे होने के बाद भी यहां की वामपंथी सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट दे दी थी। इससे राज्य में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हो गया। तथाकथित सेकुलर, लिबरल पक्षकारों के बल पर केरल मॉडल को लेकर वाहवाही लूटने वाली वामपंथी सरकार कोरोना प्रबंधन में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।

इन आंकड़ों से साफ है कि प्रोपगेंडा और लेफ्ट मीडिया के बल पर दुनिया भर में केरल मॉडल का बखान करने वाली केरल सरकार की पोल खुल गई है। बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट को लेकर 20 जुलाई, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये डरावना है कि ऐसे हालात होने को बावजूद पाबंदियों में इस तरह छूट दी गई। कोरोना के इस हालात में रियायत देना सॉरी स्टेट ऑफ अफेयर है। 

इस सबके बावजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कोरोना को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका नजारा पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के साथ छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में देखने को मिला।

सीएम पी विजयन बैठक के दौरान चाय पीते और कुछ खाते दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि वे सिर्फ बैठक में शामिल होने की औपचारिकता निभा रहे थे। उनकी हरकत से साफ लग रहा था कि बैठक में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। देखिए वीडियो-

इतना सब होने के बाद भी लेफ्ट के करीबी पक्षकार केरल के सीएम का पक्ष ले रहे हैं और केरल मॉडल की प्रशंसा करने में जुटे हुए हैं। इसे क्या कहिएगा

Leave a Reply