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PM Modi के स्वच्छता अभियान की प्रेरणा से राम मंदिर भेजी सोने-चांदी की झाड़ू, कोटा से राम-सीता के लिए सोने के मुकुट भी पहुंचे, मासूम भाई-बहन स्केटिंग शू पहनकर अयोध्या यात्रा पर रवाना

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अयोध्या में भारी हर्षोल्लास के साथ आयोजित होने होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश-दुनिया में उत्साह है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में अपनी भक्ति और सेवा को दिखाने के लिए लोगों ने अलग-अलग तरीकों का सहारा लिया है। किसी ने 108 मीटर लंबी अगरबत्ती तैयार की है तो कोई आभूषण-मुकुट आदि लेकर अयोध्या पहुंच रहा है। इस बीच कोटा के राहुल जैन ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरणा लेकर अयोध्या राम मंदिर के लिए दो विशेष झाड़ू का निर्माण कराया है। इसमें सबसे खास बात यह है कि सोने-चांदी की मूठ वाले इन झाड़ुओं को तीन मुस्लिम युवाओं ने पूरी आस्था के साथ बनाया है। आपको बता दें कि राहुल जैन इससे पहले पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत विशाल झाड़ू का निर्माण कर भिजवा चुके हैं।

 

पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान की प्रेरणा से बनवाई झाड़ू व्यवसायी राहुल जैन के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प सबका साथ सबका विकास के साथ-साथ कौमी एकता का भी है और कोटा में तैयार की गई झाडू इसी की अनुपम मिसाल है। प्रभु श्री राम के लिए इस विशेष सोने के झाड़ू को बनाने में अल्ताफ हुसैन ने अपनी कार्य कुशलता का परिचय दिया है। इसके साथ ही चांदी का कार्य तैयब भाई और जुबेर भाई ने खूबसूरती के साथ किया है। मनोज सोनी ने सोने की झाड़ू का कार्य बखूबी करके अपने राम भक्ति का परिचय दिया है। राहलु जैन के मुताबिक पूरा देश राम के नाम में डूबा है। ऐसे में हम भी राम भक्त होने के नाते अपने हिस्से की सेवा भगवान श्री राम के चरणों में प्रस्तुत करना चाहते हैं। राहुल के अनुसार झाड़ू भेंट करने का उद्देश्य पीएम मोदी का स्वच्छता का संदेश देना भी है। उन्होंने भगवान श्री नाथ जी नाथद्वारा मंदिर के लिए भी चांदी का विशेष झाड़ू बनाकर तैयार किया था।अष्टधातु का किया इस्तेमाल, लिम्का बुक का रिकॉर्ड के लिए भेजा
राम लला मंदिर के लिए विशेष झाड़ू बनाने के लिए सोने और चांदी के स्टैंड बनाए गए हैं जिनको आम बोलचाल की भाषा में पाइप कहा जाता है। सोने के झाड़ू को मजबूती देने के लिए अष्टधातु का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि इसमें प्रमुख रूप से सोने का इस्तेमाल किया गया है। सोने और चांदी दोनों झाड़ू की लंबाई करीब 40 इंच हैं जो 7 दिन में तैयार किए गए। वहीं, झाड़ू के पाइप की लंबाई करीब 18 इंच है जिनको आकर्षक बनाने के लिए कारीगरों ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर इसमें खूबसूरती के रंग भरे हैं। देश की सबसे महंगी झाड़ू में शुमार और आकर्षक होने के साथ भगवान श्री राम मंदिर सेवा में भेजी जा रही सोने और चांदी की झाड़ू को वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए राहुल जैन ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी आवेदन किया है।

मिजोरम की तक विशेष घास से निर्मित की गई है झाड़ू
एनडीटीवी राजस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक व्यवसायी राहुल जैन कहते हैं कि ऐसा माना जाता है कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है। दीपावली और धनतेरस पर विशेष पूजा की जाती है। इस झाड़ू को बनाने के लिए मिजोरम की ताज मखमली घास का इस्तेमाल किया गया है। जिसको समय-समय पर मंदिर समिति से संपर्क कर बदला भी जा सकेगा। जैन ने बताया कि झाड़ू के निर्माण और राम मंदिर में सोने और चांदी की झाड़ू भेंट करने को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी से सहमति प्राप्त हो गई है। कोटा के प्रसिद्ध गोदावरी धाम पर विशेष पूजा अर्चना के साथ ही सोने और चांदी की झाड़ू के दर्शन करवाए गए।

पाली से पैरों में स्केटिंग शू पहन अयोध्या रवाना हुए भाई-बहन
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह युवाओं में ही नहीं, बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। राजस्थान के पाली जिले के दो भाई बहन 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के लिए घर से स्केटिंग शू पहनकर निकल पड़े हैं। पाली जिले के रूचियार गांव के निवासी दोनों भाई-बहन पाली से अयोध्या तक लगभग 1000 किलोमीटर से अधिक की दूरी स्केटिंग शू से चलकर तय करेंगे। रामचरितमानस में एक चौपाई है, ‘प्रबिसि नगर कीजै सब काजा, हृदय राखि कौशलपुर राजा’ को चरित्रार्थ करने निकले 12 वर्षीय कैलाश चौधरी और 7 वर्षीय सिमरन चौधरी की हठ के आगे उनके अभिभावकों की एक न चली और उनके प्रण को पूरा करने के लिए वो भी उनके साथ हो लिए। राम के प्रति आस्था दोनों को उनकी दादी ने अयोध्या भेजने का फैसला किया।

सिमरन 22 जनवरी को अयोध्या में आठवां जन्मदिन मनाएगी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गत 11 जनवरी को दोनों भाई-बहन ने भीनमाल से अपनी यात्रा की शुरूआत की है और पाली पहुंचने पर हिन्दू संगठनों की ओर से उनका स्वागत किया गया। कैलाश के पिता वालाराम चौधरी ने बताया कि उनकी माता पुनि देवी चौधरी भगवान राम की भक्ति भाव में हमेशा लीन रहती है और उनसे प्रेरणा लेकर पुत्र कैलाश और छोटे भाई की पुत्री सिमरन ने अयोध्या यात्रा की योजना बनाई। अयोध्या यात्रा के लिए रवाना हुईं 7 वर्षीय सिमरन चौधरी की 22 जनवरी को जन्मदिन है। सिमरन अपना 8वां जन्मदिन अयोध्या पहुंचकर भगवान राम का दर्शन करके मनाना चाहती हैं।कोटा में श्रीराम और सीता माता के लिए 51 तोला सोने के दो मुकुट तैयार
राजस्थान के कोटा जिले के रामधाम आश्रम में 51 तोला सोने से दो मुकुट तैयार करवाए गए हैं। यह दोनों ही मुकुट अयोध्या के लिए रवाना कर दिए गए हैं, जो रामघाट स्थित बड़े भक्तमाल मंदिर में भगवान राम और सीता माता की देव प्रतिमाओं को अर्पित किए जाएंगे। अयोध्या के बड़ा भक्तमाल और कोटा स्थित रामधाम आश्रम के पीठाधीश आचार्य अवधेश कुमार ने बताया कि इन दोनों मुकुट को तैयार करवाने में करीब डेढ़ महीने का समय लगा है। इसके लिए केकड़ी और जयपुर से कारीगरों को कोटा बुलवाया गया था। आचार्य अवधेश कुमार ने बताया कि इन मुकुट में बनी कलाकृति की खास विशेषता है। 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम का जब राज्याभिषेक हुआ था, तो उन्हें जो मुकुट धारण करवाया गया था, इसे हूबहू उसी स्वरूप में बनवाया गया है। इसी के आधार पर इसका निर्माण हुआ है. वाल्मीकि रामायण में भी चंद्रिका शैली के मुकुट का उल्लेख है। इस मुकुट में लताएं और अन्य चित्रण क्रमबद्ध रहता है.

देशभर के 5 लाख मंदिरों में होगा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का LIVE
राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है। इसी विश्वास के साथ इस मंदिर को तैयार किया गया है जिसे बनने में 500 साल का समय लगा है। अब अयोध्या में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां धूमधाम और जोरों-शोरो से की जा रही है। राम मंदिर का न्योता देश के हर घर में भेजा जा रहा है, ताकि इस दिन का वह लाइव रहकर साक्षी बन सके। साथ ही 22 जनवरी के बाद ज्यादा से ज्यादा राम भक्त अपने प्रभु का अयोध्या जाकर दर्शन कर सकें। क्योंकि यह कई पीढ़ियों का सपना था कि अयोध्या में राम जी का मंदिर बने। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 5 लाख मंदिरों में एलईडी के माध्यम से सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा, ताकि बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन सकें। भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मॉरीशस, आयरलैंड, फिजी, इंडोनेशिया और जर्मनी देशों के मंदिरों और अन्य स्थल पर बड़े पैमाने पर रामलला का कार्यक्रमों का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। न्यूयॉर्क शहर में प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर पर श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दिखेगा।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए जैसे-जैसे 22 जनवरी की तिथि नजकीक आ रही है, वैसे-वैसे भक्तों का उत्साह, उमंग, आस्था और जोश बढ़ता जा रहा है। अपने राम लला के लिए देश-दुनिया से कई चीजें आ रही हैं। चलिए जानते हैं किन-किन जगह से क्या खास चीजें भेजी जा रही हैं।

राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद सोने की पादुकाएं विराजित होंगी
राम लला मंदिर में सोने-चांदी की बनी चरण पादुकाएं भी दर्शनार्थ रखी जाएंगी। हैदराबाद में एक किलो और सात किलो चांदी से इसे तैयार किया गया है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। ये चरण पादुकाएं एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाई गई हैं। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। ये पादुकाएं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी और इसके बाद बद्रीनाथ के होते हुए अयोध्या लाई जाएंगी। श्रीचल्ला श्रीनिवास इन पादुकाओं को हाथ में लेकर अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिन की परिक्रमा भी कर चुके हैं।युवाओं में राम का क्रेज, पीठ पर बनवा रहे राम लला मंदिर का टैटू
अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इंदौर के युवाओं में अलग ही क्रेज है। 22 जनवरी के राम ज्योति महोत्सव के लिए दुकानें, सड़क, मॉल, बाजार भगवान ‘श्रीराम’ के बैनर, पोस्टर, झंडे आदि से सजने लगे हैं। युवाओं में ‘श्रीराम’ भक्ति का जुनून इस कदर है कि वे सिर पर ‘श्रीराम’ का नाम, सीने और बांह पर भगवान का फोटो और पीठ पर रामलला मंदिर का टैटू बनवा रहे हैं। इंदौर के एक टैटू आर्टिस्ट ने भक्ति स्वरूप 20-21 जनवरी को ‘श्रीराम’ से संबंधित 1008 टैटू फ्री में बनाने की घोषणा भी की है। इधर, 6 हजार पतंगों से श्रीराम प्रतिकृति बनाई। युवाओं में पिछले कुछ सालों से धार्मिक प्रसंगों, गरबा आदि के दौरान में हाथ, सिर, गले आदि पर टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ा है। शहर के सीनियर आर्टिस्ट रोहित सनेचा ने बताया कि अधिकांश युवा हाथ पर ‘श्रीराम’ गुदवाने के लिए आ रहे हैं। इसी तरह कुछ ‘श्रीराम’ के नाम के साथ उनकी छोटी फोटो गुदवा रहे हैं, तो कुछ माथे पर छोटे अक्षर में ‘श्रीराम’ गुदवा रहे हैं।

राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगा 2100 किलो का घंटा
राम मंदिर में लगने के लिए एक घंटा भी तैयार किया गया है, जो कि इस मंदिर की शोभा बढ़ाएगा। इस घंटे को बनाने में करीब 2 साल का समय लगा है। इसे अष्टधातु से तैयार किया गया है। इससे निकलने वाले आवाज काफी अद्भूत होगी, जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देगी। इस घंटे को बनाने में करीब 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसका वजन 2100 किलो है। इस घंटे की ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट है। ये घंटा जलेसर में तैयार किया गया है।

जोधपुर से 600 किलो घी, 11 रथों में 108 कलश
रामलला की पहली आरती के लिए जोधपुर से घी भेजा गया है। श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला के संचालक महर्षि संदीपनी महाराज के मुताबिक 22 जनवरी 2024 में रामलला राम मंदिर में विराजेंगे। रामलला की आरती और हवन में हमारी गौशाला में तैयार घी का इस्तेमाल किया जाएगा। यह सौभाग्य की बात है कि जोधपुर से रामकाज के लिए घी भेजा है। गौशाला से 11 विशेष रथ रवाना किए गए हैं। इन रथों को गौशाला में ही 6 महीने से तैयार किया जा रहा था। हर रथ पर 3.5 लाख रुपए लागत आई है। इन रथों में 108 स्टील के कलश रखे हैं, जिनमें कुल 600 किलो घी है। यह घी खास तौर से रामलला की पहली आरती और हवन के लिए ही हम 9 साल से तैयार करके इकट्‌ठा कर रहे थे।

108 फीट लंबी अगरबत्ती एक माह से ज्यादा जलेगी
गुजरात से एक ऐसी धूपबत्ती भेजी गई है, जो 108 फीट लंबी है और जिसका वजन 3,610 किलोग्राम बताया जा रहा है। ये सिर्फ इस खास अवसर के लिए तैयार कि गई है। इसे रोड के जरिए अयोध्या भेजा गया। अब ये प्राण प्रतिष्ठा के दिन जलाई जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि ये धूपबत्ती करीब-करीब होली के पर्व तक जलेगी। इस ऐतिहासिक अगरबत्ती को बनाने में कई महीनों का समय लगा है।

उज्जैन में 51 किलो की अगरबत्ती, भोपाल में राम नामी दीपक
उज्जैन के उन्हेल रोड पर ग्राम सोंडग में 51 किलो की बड़ी अगरबत्ती बनाई जा रही है। इस अगरबत्ती को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अंगारेश्वर मंदिर में प्रज्वलित किया जाएगा। इसका निर्माण काय के गोबर, गाय के घी, चंदन, गूगल फूलों व अन्य सुगंधित पदाथों के प्रयोग से महिला कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। भोपाल में युवा भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को खास बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। युवाओं ने राम नाम वाले दीपक बना रहे हैं। इन दीपक को 22 जनवरी को घर घर राम के नाम का दीपक जलाने के लिए वितरित किया जाएगा। मंदिरों में पूजा अर्चना का आयोजन किया जाएगा।

ओडिशा में दुनिया का सबसे बड़ा दीया किया गया तैयार
अयोध्या के राम लला मंदिर में जलने के लिए कई सारे दीये लगाए जाएंगे। लेकिन ये दीया बेहद खास होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दुनिया (रामलला की मूर्ति) का सबसे बड़ा दीया कहा जा रहा है जिसे राउरकेला ओडिशा में तैयार किया गया है। इसे बनाने में कई महीने लगे हैं। 22 जनवरी से पहले इसे अयोध्या पहुंचा दिया जाएगा, ताकि प्राण प्रतिष्ठा के दिन इसे प्रजवल्ति किया जा सके।

श्री महाकाल मंदिर से राम लला मंदिर आएंगे 5 लाख लड्डू
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में कहा कि हम तो सौभाग्यशाली है। अयोध्या बुला रही है और भक्त जा रहे हैं। हम वह द्दश्य देखेंगे। दो हजार साल पहले भी सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या में राम का मंदिर बनवाया था। उसी मंदिर को पांच सौ साल पहले बाबर ने तोड़ा है। जब दोबारा मंदिर का निर्माण हो रहा है तो इसमें मध्य प्रदेश कैसे पीछे रह सकता है। विक्रमादित्य की नगरी और महाकाल मंदिर उज्जैन से अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पावन समारोह पर 5 लाख लड्डू भेजे जायेंगे। बाबा महाकाल का प्रसाद अयोध्या जाएगा।

गुजरात ने दरियापुर से आया 500 किलो का नगाड़ा
गुजरात से विशेष रथ से 500 किलोग्राम का विशाल नगाड़ा बुधवार को अयोध्या लाया गया और इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया। चंपत राय के मुताबिक इस नगाड़े को उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा। गुजरात विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री अशोक रावल ने पत्र भेजकर नगाड़ा स्वीकार करने की सिफारिश की है। नगाड़ा लेकर अयोध्या आए चिराग पटेल ने बताया,“ इस पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है। ढांचे में लोहे और तांबे की प्लेट का भी इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण डबगर समाज के लोगों ने किया है। हिंदू संस्कृति के प्रतीक इस विशाल नगाड़े का निर्माण कर्णावती महानगर के दरियापुर में किया गया है।”

 

सूरत से आ रही है माता सीता की विशेष साड़ी और हार
देश में कपड़े का हब कहे जाने वाले गुजरात के सूरत शहर में तैयार की गयी एक विशेष साड़ी को 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजा जा रहा है। सूरत में कपड़ा उद्योग से जुड़े कारोबारी ललित शर्मा ने कहा कि इस साड़ी पर भगवान राम और अयोध्या मंदिर की तस्वीरें उकेरी गयी हैं और इसे माता सीता के लिए तैयार किया गया है। साड़ी तैयार करने वाले कपड़ा कारोबारी राकेश जैन ने कहा कि यह वस्त्र माता जानकी के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में खुशी का माहौल है क्योंकि भगवान राम का कई वर्षों बाद अयोध्या मंदिर में अभिषेक किया जा रहा है। माता जानकी और भगवान हनुमान सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं।’’

400 किलो का ताला खोलने के लिए 30 किलो की चाबी
तालानगरी अलीगढ़ से राम लला मंदिर के लिए चार सौ किलो का पीतल और स्टील का ताला भेजा जा रहा है। ज्वालापुरी गली नंबर पांच निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुक्मिणी शर्मा ने इसे अपने हाथों से बनाया है। दंपति के मुताबिक उनका वर्षों पुराना सपना साकार हो गया है। दंपती ने बताया कि यह दुनिया का सबसे वजनी ताला है। जिसकी तीन फुट चार इंच लंबी चाबी 30 किलोग्राम की है। इसे बनाने में उनके रिश्तेदार शिवराज और उनके बच्चों ने भी मदद की है।

नेपाल से 3 हजार उपहार, श्रीलंका की अशोक वाटिका से चट्टान
नेपाल के जनकपुर में मां सीता की जन्मभूमि से भगवान राम के लिए 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे हैं। चांदी के खड़ाऊं, आभूषण और कपड़ों सहित तमाम उपहारों को इस सप्ताह जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के काफिले में अयोध्या लाया गया। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल भी अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार के साथ अयोध्या आया। इस प्रतिनिधिमंडल ने महाकाव्य रामायण में वर्णित अशोक वाटिका की एक चट्टान भेंट की है।जयपुर से सीता रसोई के लिए सरसों के तेल के 2100 पीपे भेजे
अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह जयपुर की भी अहम भागीदारी रहने वाली है। जयपुर में तैयार किए गए सरसों के तेल से अयोध्या की सीता रसोई में पकवान तैयार होंगे। प्रसाद और भोजन ने 2100 पीपे तेल जयपुर से अयोध्या भेजे गए हैं। एक शोभा यात्रा के रूप में विशेष वाहन तैयार किया गया जिस पर भगवा पताका सजाई गई। साधु संतों के सानिध्य में इस विशेष वाहन के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट का लवाजमा भी रवाना किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तेल के पीपे अयोध्या ले जाने वाली शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

 

 

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