Home नरेंद्र मोदी विशेष सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी: MODI Government की इन टॉप-10 अहम खूबियों से...

सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी: MODI Government की इन टॉप-10 अहम खूबियों से मिले भारत की तरक्की के संकेत, तीसरे टर्म में बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ECONOMY 

SHARE

देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने वाली पीएम मोदी की नीतियों का असर वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है। यही वजह है कि दुनियाभर के इकोनॉमिस्ट मान रहे हैं कि पिछले साल जिस भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 282 लाख करोड़ रुपये था, वो 2028 तक करीब दोगुनी यानि 500 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है। आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट बताती है कि तब तक दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 18 प्रतिशत के पार हो जाएगी। इकोनॉमिस्ट ने इसके लिए टॉप-10 ऐसे संकेतक भी तलाशे हैं, जिनके चलते भारत आर्थिक तरक्की की राह पर सरपट दौड़ेगा। एक बड़ी वजह तो इस साल भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत रहेगी, जो दुनिया में सर्वाधिक होगी। इन सबके चलते भारत अगले कुछ वर्षों तक सबसे तेजी से तरक्की करने वाला देश बना रहेगा।

भारत की 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी
एडवाइजरी फर्म डेलॉयट इंडिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5-6.8 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है। त्योहारी मौसम में खर्च बढ़ने और अगले साल आम चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से इस वृद्धि को समर्थन मिलेगा। डेलॉयट ने महीने की शुरुआत में जारी अपनी इंडिया इकोनॉमी आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत को वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए हर वित्त वर्ष में कम से कम 6.5 प्रतिशत की जरूरत होगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के लिए सालाना आठ-नौ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की जरूरत होगी। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जो कि एक साल पहले की अवधि के 7.2 प्रतिशत से अधिक है।

त्योहारी मौसम और चुनाव के चलते ज्यादा डिमांड से जीडीपी दर और बढ़ेगी
डेलॉयट इंडिया की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि “पहली तिमाही की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हमने इस वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान को संशोधित किया है। उम्मीद है कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5-6.8 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगा। इसका मुख्य कारण आने वाले महीनों में त्योहारी खर्च बढ़ना और उसके बाद अगले साल के मध्य में होने वाले चुनावों से पहले सरकारी खर्चों में तेजी आना है।” इसी वजह से अगले 5 साल में, यानी 2028 तक वैश्विक हिस्सेदारी 18 प्रतिशत तक होने की संभावना है, जो अभी 16% से कुछ कम है। इसके साथ ही डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी से निपटना निस्संदेह आसान नहीं होगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन मिलकर दुनिया की आर्थिक तरक्की में 50% हिस्सेदारी रखते हैं।

पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन, तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प और मोदी सरकार की शानदार नीतियों के चलते भारत की ओर दुनिया देख रही है। भारत की अर्थव्यवस्था को तेज होती रफ्तार के पीछे ये टॉप-10 वजह हैं…1.उत्पादन: हर सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की डिमांड बढ़ी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्री- कोविड लेवल से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां डिमांड के चलते उत्पादन क्षमता का 76.3% तक डिलीवर कर रही हैं। 2019 में कारखाने उत्पादन क्षमता का 75% तक उपयोग कर रहे थे। इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। जल, थल और नभ तीनों में भारत की मारक क्षमता बढ़ी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान परवान चढ़ता जा रहा है। अब मोदी सरकार भारत को डिफेंस प्रोडक्शन हब बनाने की जुटी है। अभी देश को अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादातर सैन्य साजो-सामान दूसरे देशों से आयात करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार की कोशिश अगले 10 वर्षों में भारत को दुनिया के पांच बड़े सैन्य उपकरण बनानेवाले देशों में शामिल करना है।

2.मुद्रा: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.350 बिलियन डॉलर बढ़ गया
विदेशी भंडार भारत में 22% बढ़ा मौजूदा वित्त वर्ष में भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार 22% बढ़ा। चीन में यह भंडार सिर्फ 1.9% बढ़ा। भारत विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। आरबीआई के के आंकड़ों के अनुसार, 16 जून, 2023 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.350 बिलियन डॉलर बढ़ गया। अब, आरक्षित निधि $596.098 बिलियन हो गई है। सोने के भंडार को छोड़कर, अन्य सभी घटकों में सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर तेज वृद्धि देखी गई। आश्चर्यजनक रूप से, विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) जो भंडार का सबसे बड़ा घटक है, ने समग्र निधि से बेहतर प्रदर्शन किया है।

3.रोजगार: नए अवसरों से बेरोजगारी दर में लगातार आ रही है कमी
बेरोजगारी दर लगातार गिर रही बेरोजगारी की दर मई 2023 में 8% से ज्यादा थी। अब 7.1% पर है। 39.97% आबादी के पास रोजगार। 40.87% योग्य श्रमशक्ति के पास अत्यधिक काम है। रोजगार के मोर्चे पर ही नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)-ईपीएफओ पेरोल डेटा शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा कर्मचारी जोड़ने का रिकॉर्ड बना है। EPFO से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार ईपीएफओ ने अगस्त में 16.99 लाख सदस्य अपने साथ जोड़े हैं।

4. भरोसा: मोदी सरकार पर भारतीय उपभोक्ताओं का विश्वास कायम
सर्वाधिक, यूरोप से डेढ़ गुना भारतीय उपभोक्ताओं का भरोसा सर्वाधिक। उपभोक्ता सूचकांक 90 है। यूरोजोन में 60 है। इंग्लैंड को छोड़ दें तो यूरोजोन-अमेरिका में उपभोक्ताओं का भरोसा गिरा है। बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI – Consumer Price Index in Hindi) एक बाजार आधारित सूचकांक है, जिसका उपयोग किसी देश की खुदरा मुद्रास्फीति की गणना के लिए किया जाता है। यह प्राथमिक उपकरण है जिसका उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति समिति की बैठकों के दौरान मुद्रास्फीति लक्ष्यों का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।

5.आवास: देश में 2019 के बाद नए घरों के लिए आई सबसे ज्यादा डिमांड
हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (एचपीआई) सालाना आधार पर 5.1 प्रतिशत बढ़ा है। यह वृद्धि पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल यानि 2019 के बाद सबसे ज्यादा है। रियल एस्टेट को बैंकों द्वारा दिए एडवांस भी 38 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख करोड़ रूपये हो गए हैं। एनारॉक रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हाउसिंग सेक्टर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और इस साल इसमें और तेजी है। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की सेल 2021 के मुकाबले 2022 में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ी। वहीं मोदी सरकार के अच्छे बजट के चलते घरों के खरीदार और विक्रेता दोनों ही पक्ष उत्साहित हैं। इसके अलावा पीएम आवास योजना शहरी और ग्रामीण में एक करोड़ से ज्यादा आवास बन चुके हैं।

6. वाहनः 25-30% की दर से बढ़ रहे ■ कमर्शियल-निजी वाहनों का पंजीकरण 25%-30% की दर से बढ़ रहा। ऐसी स्थिति चुनिंदा देशों में है। इस साल हर माह 2 लाख वाहनों का पंजीकरण हो रहा है। मोदी सरकार ईवी पर फोकस कर रही है। आने वाले पांच वर्षों में ईवी की सालाना बिक्री एक करोड़ को पार कर जाएगी। इसके साथ ही 80 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
7. स्टील-सीमेंट की मांग बढ़ रही ■ स्टील का उपभोग सितंबर में 17.9% बढ़ा। सीमेंट की मांग 18.9% बढ़ी है। यह भी 9 माह में सर्वाधिक। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेज होने का सबसे बड़ा संकेत है।
8. महंगाई के मोर्चे पर ■ भी अब राह आरबीआई सर्वे में मध्यवर्ग का मानना है वस्तुओं के कम। अधिकांश के दाम पिछले साल के मुकाबले 7-8% ज्यादा। सितंबर 21 में महंगाई 12% थी। अब 6.3% पर।9. हवाई सफर ■ 40% की दर से बढ़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई रूट्स पर यात्री भार 40.5% तक बढ़ा। इंटरनेशनल कार्गो में 22.5% की बढ़त । विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी 22.6% की बढ़ोतरी हुई है।
10. रुपया अन्य करंसी से कम गिरा ■  रुपया डॉलर को छोड़ सभी करंसियों के मुकाबले मजबूत। डॉलर के मुकाबले 0.3% ही कमजोर। चीनी युआन 0.7%, यूरो 2.2% और पाउंड 2.5% तक गिरा है।

 

Leave a Reply