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पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बीच हजारों भारतीयों के लिए आई खुशखबरी! H-1B वीजा नियमों में ढील देगी बाइडेन सरकार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा हजारों भारतीय के लिए खुशखबरी लेकर आई है। पीएम मोदी के वॉशिंगटन पहुंचते ही बाइडेन सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि जल्द ही एच-1बी वीजा को लेकर घोषणा की जा सकती है। पीएम मोदी के अमेरिका के दौरे के मद्देनजर अमेरिका ने भारतीयों को तोहफा देने की तैयारी कर ली है। सरकार के करीबी सूत्रों की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है कि बाइडेन प्रशासन ने एच1बी वीजा नियमों में ढील देने का मन बनाया है। प्रशासन के इस फैसले से हजारों कुशल भारतीय वर्कर्स को अमेरिका जाने और वहां काम करने और रहने की सुविधा मिलेगी। इसका सीधा फायदा उन हजारों भारतीयों को होगा जो काम की तलाश में या रहने के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं।

एच-1बी वीजा से भारतीयों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत एच-1बी वीजाधारकों को यह सुविधा देगा और आने वाले सालों में इस सेवा में विस्तार किया जा सकता है। इस योजना से सबसे ज्यादा भारतीयों को फायदा होगा क्योंकि एच-1बी वीजा लेकर अमेरिका में काम करने वाले लोगों में सबसे ज्यादा तादाद भारतीयों की ही है।

एच1बी वीजा से 73 फीसदी भारतीयों का फायदा
एच1बी वीजा प्रोग्राम के सबसे ज्‍यादा यूजर्स भारतीय हैं। वित्त वर्ष 2022 में इस प्रोग्राम के तहत 73 फीसदी भारतीयों को फायदा हुआ। जबकि कुल 442,000 वर्कर्स ने इसके लिए अप्‍लाई किया था।

विदेश जाए बिना अमेरिकी वीजा रिन्‍यू करने का मौका मिलेगा
इस ऐलान के बाद कुछ भारतीय और दूसरे विदेशी वर्कर्स को विदेश जाए बिना अमेरिका में अपने वीजा को रिन्‍यू करने का मौका मिल सकेगा। अभी तक एच-1बी वीजाधारकों को अपने देश लौटना होता था और उसके बाद ही एच-1बी वीजा रिन्यू हो पाता था। आने वाले समय में इसे एक पायलट प्रोग्राम के तहत बढ़ाया जा सकता है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘हम सभी मानते हैं कि हमारे लोगों की गतिशीलता हमारे लिए एक बड़ी संपत्ति है। इसलिए हमारा लक्ष्य इसे बहुमुखी तरीके से अपनाना है।’ इस अधिकारी के मुताबिक विदेश विभाग पहले से ही चीजों में बदलाव लाने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने के लिए बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है।

अमेरिकी सरकार कंपनियों को देती है 65,000 एच-1बी वीजा
सूत्रों का कहना है कि जब तक घोषणा नहीं हो जाती और उन्हें अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक इस पर कोई भी टिप्‍पणी नहीं की जाएगी। हर साल, अमेरिकी सरकार कुशल विदेशी श्रमिकों की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 एच-1बी वीजा उपलब्ध कराती है। इसके अलावा एडवांस्‍ड डिग्री वाले प्रोफेशनल्‍स के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा मुहैया कराती है। वीजा तीन साल तक चलता है। इसे अगले तीन साल के लिए रिन्‍यू किया जा सकता है।

अमेरिका में कंपनी में काम करने वालों के लिए दिया जाता है H1B वीजा
एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स इस वीजा सबसे अधिक हासिल करते हैं।

एच-1बी वीजा इस्तेमाल करने वाली भारतीय कंपनियों में इंफोसिस, टीसीएस
एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली भारतीय कंपनियों में इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), अमेजन, अल्फाबेट और मेटा जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं। भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रौद्योगिकी उद्योग के कर्मचारी भी शामिल हैं।

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