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केजरीवाल का एक और झूठ – 75 साल के इतिहास में सिसोदिया को छोड़कर एक भी शिक्षामंत्री नहीं जो सुबह 6 बजे स्कूलों का दौरा करता हो, लोग पूछ रहे- 6 बजे स्कूल खुलता है क्या?

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति ही झूठे वादे पर टिकी हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकलकर आए केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनाने के दौरान भ्रष्टाचार को खत्म का संकल्प व्यक्त किया था और 15 दिन के भीतर लोकपाल गठन का वादा किया था जो कि आज तक पूरा नहीं हो सका। अब एक-एक कर जब दिल्ली सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के कारनामे सामने आ रहे हैं तो केजरीवाल को कुछ सूझ नहीं रहा है। अमेरिका के अखबार न्यूयार्क टाइम्स में पेड न्यूज छपवाकर सरकार पर लगे दाग को साफ करने की जुगत से लेकर, सिसोदिया को भारत रत्न देने की बात कह कर केजरीवाल इन दिनों तमाम प्रयास कर रहे हैं जिससे उनकी सरकार पर लग रहे दाग को छिपाया जा सके। यही नहीं वे झूठे वादे से लेकर ऐसी बातें भी कर बैठते हैं जिस पर लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते।

गुजरात के भावनगर में केजरीवाल ने कहा, ”आज मैं अपने साथ देश ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर आया हूं। इन्हें(BJP) लगता है दुनिया में सबकुछ बिकता है। 75 साल के इतिहास में एक भी शिक्षामंत्री का नाम मुझे बता दे कोई जो सुबह 6 बजे स्कूलों को दौरा करता हो?”

अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग चुटकी ले रहे हैं। आप भी देखिए-

 

केजरीवाल-सिसोदिया के शिक्षा मॉडल की खुली पोल: दसवीं की टॉप 10 रैंकिंग से दिल्ली बाहर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को लेकर देश-दुनिया में काफी ढिंढोरा पीटते रहते हैं। हर जगह दिल्ली मॉडल की बात करते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल सरकार आने के बाद से स्कूली शिक्षा में काफी गिरावट आई है। मनीष सिसोदिया दिल्ली के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बताते हैं, लेकिन इस साल के दसवीं के नतीजे देखकर आप खुद जान जाएंगे कि हकीकत क्या हैं। दिल्ली में सरकारी स्कूलों के दसवीं का रिजल्ट 81.27 प्रतिशत रहा है, जो देश के ओवरऑल 94.40 प्रतिशत से काफी कम है। दिल्ली ना सिर्फ रिजल्ट बल्कि रैंकिंग के मामले में काफी नीचे आ गई है। दसवीं की रैंकिंग में दिल्ली टॉप 10 से बाहर हो गई है। दिल्ली को 15वें नंबर से संतोष करना पड़ा है। नोएडा और पटना रैंकिंग में दिल्ली से आगे हैं। इतना ही नहीं इस बार दिल्ली 10वीं और 12 वीं दोनों की रैंकिंग में टॉप तीन से बाहर है। ये है केजरीवाल के शिक्षा का दिल्ली मॉडल।

नवोदय विद्यालय के लिए नहीं दी जमीन

लोकसभा में दिल्ली के स्कूल पर उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से मनोज तिवारी को पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी। प्रधान ने कहा कि 2016-17 के दौरान देशभर में 62 नए जवाहर नवोदय विद्यायल स्‍वीकृत किए गए थे। इनमें से 7 नए नवोदय विद्यालय दिल्‍ली के तहत स्‍वीकृत किए गए थे। हालांकि, दिल्‍ली सरकार की ओर से इन नवोदय विद्यालयों की स्‍थापना के लिए जरूरी भूमि और स्‍थायी आवास उपलब्‍ध न कराए जाने से ये विद्यालय शुरू नहीं हो पाए। इससे पता चलता है कि केजरीवाल सरकार शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है।

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