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मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश! इस्लामी देशों को भड़काने की कोशिश में भी टूल किट

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बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा प्रकरण के बाद इस्लामिक देशों ने जिस तरह से कई दिन बाद विरोध करना शुरू किया, उसको लेकर लोगों की शंका गहरा गई है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे भी टूलकिट का हाथ है। किसान आंदोलन के समय जिस तरह से मियां खलीफा के साथ दुनिया भर के लोगों से ट्वीट करा कर सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने की कोशिश की गई, उसी तरह से नूपुर शर्मा मामले में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए मुस्लिम देशों का इस्तेमाल किया गया। नूपुर शर्मा की टिप्पणी के पांच दिनों बाद तक सब कुछ शांत रहा, लेकिन जैसे ही एक जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को ईडी ने समन भेजा। टूटकिट गैंग हरकत में आ गई। इसके साथ ही यूक्रेन-रूस संकट के बाद भारत जिस तरह से रूस से सस्ते तेल के लिए सौदा कर रहा था, उससे अमेरिका के साथ कतर नाराज था। साथ ही हाल में में भारत ने जिस तरह से अमेरिका और यूरोपीय देशों को मानवाधिकार और नस्लवादी हिंसा पर खुद के गिरेबान में झांकने को कहा, उससे इस मुद्दे ने उन्हें भारत के खिलाफ एक मौका दे दिया और उन्होंने इस्लामिक देशों को भड़काना शुरू कर दिया।

पाकिस्तान ने चलाया भारत विरोधी कैंपेन
इस मामले में सामने आए टूलकिट से यह भी पता चलता है कि पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़कर भारत विरोधी अभियान चलाया। इसके लिए कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और पत्रकारों और कई राजनेताओं के अकाउंट का इस्तेमाल भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए किया गया।

 

आखिर क्या था मामला?
नूपुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल पर चर्चा के दौरान शिवलिंग को फव्वारा बताए जाने पर सवाल किया कि जैसे लोग बार-बार उनके भगवान का मजाक उड़ा रहे हैं, वैसे ही वो भी दूसरे धर्मों का भी मजाक उड़ा सकती हैं। इसके बाद नूपुर ने जो कुछ भी कहा, उसे मुस्लिम मौलाना जाकिर नाइक भी कह चुका है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने जाकिर नाइक का वो वीडियो भी शेयर किया, जिसमें वो हदीस के हवाले से मुसलमानों के बीच कहता दिख रहा है कि पैगंबर ने 6 साल की बच्ची से शादी की थी और 9 साल की उम्र में उससे शारीरिक संबंध बनाए थे। लेकिन यही बात जब नूपुर शर्मा ने कही तो दुनिया भर में बवाल हो गया। यहां आप सुनिए कि जाकिर नाइक ने क्या कहा था।

नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद दुनिया भर के इस्लामी देशों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इन मुस्लिम देशों में जहां ना तो सही मायने में लोकतंत्र है ना दूसरे धर्म को मानने की पूरी आजादी, दूसरों से धर्मनिरपेक्षता की बात करने लगे। इससे उन्होंने एक बात फिर साबित करने की कोशिश की कि कोई गैर-मुसलमान इस्लाम के बारे में कुछ नहीं बोल सकता, चाहे वो सही हो या गलत। जबकि हिंदू धर्म के बारे में चाहे कुछ भी बोल लो। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो नूपुर शर्मा को बयान को अपने धर्म का अपमान बता रहे थे वो खुद दूसरे की आस्था और धर्म का मजाक उड़ा रहे थे। एक तरह से इसने हिंदू धर्म के लोगों को एकजुट और जागृत करने का ही काम किया। लोग नूपुर शर्मा के पक्ष में खड़े हो गए।

नीदरलैंड के नेता ने लगाई लताड़
इतना ही नहीं नीदरलैंड्स के नेता गीर्ट विल्डर्स ने नूपुर शर्मा पक्ष लेते हुए कहा कि अलकायदा जैसे इस्लामिक आतंकियों के सामने ना झुकें क्योंकि ये संगठन बर्बरता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन पाखंडियों की मत सुनें। इस्लामिक देशों में लोकतंत्र नहीं है। कोई नियम, कानून या स्वतंत्रता नहीं है। वे अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करते हैं और मानवाधिकारों का अपमान करते हैं।

नूपुर शर्मा को मिला पाक पत्रकार का साथ
नूपुर के पक्ष में एक पाकिस्तानी पत्रकार तहा सिद्दीकी का एक बयान वायरल हो रहा है। तहा ने एक ट्वीट में कहा है कि आयशा के 9 साल की उम्र में मोहम्मद से शादी करने को लेकर ‘सत्यापित’ हदीसों का हवाला देने के लिए भारतीय जनता पार्टी और नूपुर शर्मा पर हमला करने के बजाए मुस्लिम नेताओं को एक साथ आना चाहिए और अगर गलत लिखा है तो उसे हटा देना चाहिए। लेकिन अगर यह सच नहीं है तो कोई भी मोहम्मद पर बाल विवाह करने का आरोप नहीं लगा सकता है।

भले ही कतर सहित मुस्लिम देशों ने नूपुर मामले में भारत के खिलाफ विरोध जताया और भारतीय वस्तुओं के बहिष्कार की बात करने लगे, लेकिन उन्हें जल्दी ही इस बात का एहसास हो गया कि उनके पास तो भारत को देने के लिए सिर्फ तेल है जो वो रूस या दूसरे देशों से मंगा सकता है, लेकिन अगर भारत ने उन्हें गेहूं, चावल, सब्जी, फल के साथ मांस भेजना बंद कर दिया तो उनके लिए एक हफ्ता भी गुजारा मुश्किल हो जाएगा। इस लिए अब ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है। कतर जैसे दूसरे मुस्लिम देश भी जल्द रास्ते पर आ जाएंगे। बस अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा रखिए।

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