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कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर: नवंबर में यूपीआई से रिकॉर्ड लेनदेन

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कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। ऑनलाइन लेनदेन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार यूपीआई और भीम के जरिए रिकॉर्ड 221 करोड़ से ज्यादा लेनदेन हुए हैं। इससे पता चलता है कि कोरोना संकट के बाद देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है।

एनपीसीआई के मुताबिक नवंबर, 2020 में यूपीआई के जरिए 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ। जो पिछले साल से 81 प्रतिशत ज्यादा है। नवंबर, 2019 में 122 करोड़ तो इस साल नवंबर में 221 करोड़ से ज्यादा यूपीआई लेनदेन हुए हैं। लेनदेन राशि में 106 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है। नवंबर, 2019 के 1.89 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल नवंबर में रिकॉर्ड 3.9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने डिजिटल पेमेंट के बढ़ावे और डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। डालते हैं एक नजर-

अब UPI से ऑटोमैटिक रेकरिंग पेमेंट की सुविधा
रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मद्देनजर अब यूपीआई के जरिए भी रेकरिंग भुगतान करने की सुविधा प्रदान कर दी है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता और मर्चेंट निकायों के बीच एक सहमति बनती है और महीने की तयशुदा तारीख पर निश्चित बकाया राशि का खुद भुगतान हो जाता है। 

सुरक्षित पैमेंट के लिए ई-मैंडेट को मिली मंजूरी
अभी तक यह सुविधा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रूमेंट और वॉलेट के जरिए भुगतान पर उपलब्ध थी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि अब रेकरिंग भुगतान की सुविधा यूपीआई के लिए भी उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘यूपीआई के जरिए रेकरिंग भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिये ई-मैंडेट की मंजूरी दी जाती है।’

यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर शुल्क खत्म
मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए रुपे कार्ड और यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर एमडीआर शुल्क (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) को खत्म कर दिया है। इससे लोगों को यह फायदा होगा कि उन्हें ट्रांजेक्शन करते समय कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इस कार्ड पर ग्राहकों को मुफ्त में 10 लाख रुपये की कीमत का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर दिया जाता है।

विदेश यात्रा पर मिलेगा 16 हजार कैशबैक
देश में एनपीसीआई द्वारा रूपे कार्ड नेटवर्क का प्रबंधन किया जाता है। अब इस कार्ड से संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सिंगापुर, श्रीलंका, ब्रिटेन, अमेरिका, स्पेन, स्विट्जरलैंड और थाइलैंड की यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को रुपे इंटरनेशनल कार्ड को एक्टिवेट कराने पर मासिक 16,000 रुपये तक का कैशबैक मिलेगा। हालांकि इसके लिए ग्राहकों को न्यूनतम 1,000 रुपये का लेनदेन करना होगा।

विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी है। भारत अब 44 वें स्थान पर पहुंच गया है। आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार, भारत 2018 में 48वें स्थान से आगे बढ़कर 2019 में 44वें पर पहुंच गया है। भारत ने सभी कारकों ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में काफी सुधार दर्ज किया है। अमेरिका इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।

RTGS और NEFT के माध्यम से लेनदेन पर अब नहीं लगेगा कोई चार्ज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी मुहिम के तहत मोदी सरकार ने नेट बैंकिंग में RTGS और NEFT के माध्यम से भुगतान करने पर या पैसों के लेनदेन पर शुल्क खत्म करने का फैसला किया है।

मोदी सरकार के फैसले के बाद आरबीआई RTGS और NEFT पर बैंकों से अब प्रोसेसिंग और टाइम वैरिंग चार्ज नहीं वसूलेगा। हालांकि बैंक ग्राहकों से इस फीस से ज्यादा शुल्क वसूलते हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के मुताबिक आरबीआई की प्रोसेसिंग फीस और टाइम वैरिंग चार्ज खत्म होने के बाद बैंक भी ग्राहकों से कम शुल्क लेंगे। RTGS से बड़ी धनराशि एक से दूसरे खाते में तत्काल स्थानांतरित करने की सुविधा है, वहीं NEFT के जरिये अधिकतम दो लाख रुपये तत्काल किसी भी खाते में डाले जा सकते हैं। इन दोनों पर इंटरनेट बैंकिंग और बैंक शाखा का शुल्क लगता है। स्टेट बैंक NEFT पर एक से पांच रुपये लेता है, वहीं RTGS पर 5 से 50 रुपये शुल्क वसूला जाता है।

अब छोटे सेविंग एकाउंट्स पर चेक जैसी सुविधाएं मुफ्त
मोदी सरकार ने छोटे खाताधारकों के हित में एक और बड़ा फैसला किया है। अब प्राथमिक बचत खाताधारकों यानी जीरो बैलेंस एकाउंट वालों को चेकबुक और अन्य सुविधाएं मुफ्त में मिलेंगी। पहले सामान्य बचत खातों को ही चेक जैसी सुविधाएं निशुल्क मिलती थीं और इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है। छोटे खाताधारकों को बैंक अब रुपे कार्ड और अन्य सुविधाएं देने से भी इनकार नहीं कर सकते हैं।

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