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अब घाना में घर-घर पहुंचेगी प्रधानमंत्री मोदी की उज्ज्वला योजना

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना अब घाना के घर-घर पहुंचेगी। प्रधानमंत्री मोदी उज्ज्वला योजना से घाना इतना प्रभावित हुआ है कि उसने अपने यहां ऐसी ही योजना लागू करना चाहता है। इसके लिए उसने भारत के साथ एक समझौता किया है। घाना ने अपनी नेशनल एलपीजी प्रमोशन पॉलिसी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए भारत से तकनीकी मदद मांगी है। भारत अब घाना को एलपीजी से जुड़ी नीतियों को अमल में लाने के लिए तकनीकी और विशेषज्ञता सहयोग प्रदान करेगा। दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और घाना के उच्चायुक्त माइकल एरॉन की मौजुदगी में इंडियन ऑयल ने घाना के नेशनल पेट्रोलियम अथॉरिटी के साथ एमओयू पर दस्तखत किए। घाना में सिर्फ 23 प्रतिशत आबादी के पास एलपीजी कनेक्शन है और घाना उज्ज्वला योजना की तरह एक योजना लागू कर कम से कम 50 प्रतिशत आबादी को एलपीजी उपलब्ध कराना चाहती है।

समय से सात माह पहले हासिल किया 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। आज इसी योजना का असर है कि 7 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने एक नया कीर्तिमान स्‍थापित कर दिया। स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराने की योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने समय से सात माह पहले 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 8 करोड़वां मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को सरकार 7 सितंबर, 2019 तक 8 करोड़ 03 लाख गैस कनेक्शन जारी कर चुकी है।

अब लक्ष्य आठ से बढ़ाकर दस करोड़ करने की तैयारी
उज्ज्वला योजना की सफलता को देखते हुए मोदी सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना का लक्ष्य आठ करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ करने की तैयारी कर रही है। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के पास आठ करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थी गैस कनेक्शन के लिए आवेदन कर चुके हैं। अब तक करीब 10 करोड़ 80 लाख आवेदन मिले हैं। इनमें से आठ करोड़ 12 लाख से अधिक आवेदन सही पाए गए हैं।

भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता
आज इसी योजना का असर है कि साफ ईंधन यानि गैस पर खाना बनाने वाले परिवारों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की इस पहल से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता बन गया है। एशिया एलपीजी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम सचिव एमएम कुट्टी ने कहा कि एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी पहुंच बढ़ने से एलपीजी उपभोग में औसतन 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे 2.25 करोड़ टन के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता बन गया है।

देश के हर परिवार के पास होगा गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 1 मई, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अब तक 8 करोड़ 03 लाख से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस वक्त देश में करीब 27 करोड़ गैस कनेक्शन हैं। 2011 की जनगणना के समय देश में 24.7 करोड़ परिवार (हाउसहोल्ड) थे। दिसंबर, 2019 तक देश में कुल परिवार की संख्या करीब 28 करोड़ हो चुकी है। मोदी सरकार की योजना अब देश के हर परिवार में गैस पहुंचाने की है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की पात्रता का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत बाकी बचे सभी घर को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जाएगा।

उज्ज्वला की वजह से 93% परिवारों में अब रसोई गैस पर बनता है खाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने और उनके बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर उज्ज्वला योजना शुरू की थी। इसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। आज इसी योजना का असर है कि देश में साफ ईंधन यानि गैस पर खाना बनाने वाले परिवारों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है।

रसोई गैस पर खाना बनाने वाले परिवारों की संख्या 38% बढ़ी
गौरतलब है कि पांच वर्ष पहले देश के सिर्फ 55 प्रतिशत परिवारों में ही रसोई गैस पर खाना बनता था, वहीं आज यह आंकड़ा 93 प्रतिशत पहुंच गया है। यानि रसोई गैस पर खाना वाले परिवारों की संख्या में रिकॉर्ड 38 फीसदी की वृद्धि हुई है। मोदी सरकार की इस स्कीम के तहत बीपीएल परिवारों की वयस्क महिलाओं के नाम पर मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है। इस योजना के तहत एससी-एसटी परिवार, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थी, अंत्योदय अन्न योजना, जंगल में रहने वाले लोग, अति पिछड़े लोग, चाय बागानों में काम करने वाले आदिवासी, नदियों के बीच बने द्वीपों पर रहने वाले लोग शामिल हैं। 

बीमारी से भी मुक्ति दिला रही है प्रधानमंत्री मोदी की उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कारण महिलाओं में सांस संबंधी बीमारी के मामलों में 20 प्रतिशत कमी आई है। लोकसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चूल्हे के धुएं के कारण गरीब महिलाएं सबसे ज्यादा दमा-खांसी से पीड़ित होती हैं। यह योजना दमा-खांसी के मामलों में 20 प्रतिशत तक कमी लाने में भी सफल रही है। एक रिसर्च से पता चला है कि जहां एलपीजी रसोई गैस का इस्तेमाल होता है, वहां सांस के रोगियों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है। ‘इंडियन चेस्ट सोसाइटी (ICS)’ और ‘चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन (CRF)’ ने दो साल की पड़ताल के बाद यह पाया है कि जिस रसोई में एलपीजी पहुंची है, वहां श्वास रोग और अन्य बीमारियां 20 प्रतिशत तक घटी हैं। 

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