10 दिन तक बंद रहने के बाद बुधवार, 20 दिसंबर से दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में फिर से कामकाज शुरू हो गया। एक नवजात की अस्पताल की लापरवाही से मौत के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य निदेशक ने उसकी लाइसेंस रद्द कर दी थी। आरोप लग रहे हैं कि अगर दिल्ली की केजरीवाल सरकार के फैसले में कोई चूक नहीं थी तो फिर कोर्ट ऑफ फाइनेंसियल कमिश्नर को उसके आदेश को ही रद्द क्यों करना पड़ गया ? आरोप लगाया जा रहा है कि केजरीवाल सरकार ने मैक्स अस्पताल से पहले ही डील कर ली थी।
नवजात की मौत पर केजरीवाल सरकार ने नौटंकी की थी ?
कोर्ट ऑफ फाइनेंसियल कमिश्नर को जिस तरह से नवजात की मौत के जिम्मेदार अस्पताल को राहत देनी पड़ी है, उससे सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल सरकार ने बिना तैयारी के कार्रवाई की थी। अगर उसके आदेश में दम था तो नवजात की मौत का आरोपी अस्पताल इतनी आसानी से कैसे बच निकला ? या फिर केजरीवाल की सरकार ने अपने अनगिनत नौटंकियों की सीरीज में एक और नौटंकी का इजाफा किया था ? अस्पताल पर रोक लगाने के बाद तो आम आदमी पार्टी की सरकार ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं, तो क्या वे सब सस्ती लोकप्रियता के हथकंडे मात्र थे ?
Max Hospital का लाइसेंस रद्द करना एक ड्रामा था
अपराधी डॉक्टर पर कोई कार्यवाही नही
चारो तरफ़ विज्ञापन , प्रचार का ढोल
Max hospital order पर stay LG ने नहीं finance commissioner ने दिया है जो Finance Minister मनीष सिसोदिया को रिपोर्ट करते हैं।
खेल ख़तम
पैसा हजम— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 20, 2017
नवजात बच्चे को मृत बताने वाला शालीमार बाग का मैक्स अस्पताल आज से शुरू।लाइसेंस रद्द होने के मामले पर फिलहाल फाइनेंसियल कमिश्नर ने स्टे लगा दिया है।दिल्ली सरकार ने दी हरी झंडी।सरकार ने रद्द किया था लाइसेंस।@ArvindKejriwal जी, स्टेज पर खड़े होकर की गई बड़ी बड़ी बातों का क्या हुआ?
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) December 20, 2017
अस्पताल पर एफआईआर क्यों नहीं की गई ?
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या एक सोची-समझी साजिश के तहत अस्पताल को बंद करने का मात्र दिखावा किया गया था ? दिल्ली सरकार का इरादा नेक था तो क्या एक जीवित नवजात को मृत बताने वाले अस्पताल और उस डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर कराई गई? क्या दिल्ली सरकार की कार्रवाई के पीछे का असली खेल कुछ और था ?
Lt. Gov. has not given the stay on Max hospital order. Finance commissioner has given stay order. Finance commissioner works under Finance Minister Manish Sisodia.
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 20, 2017
Max hospital resumes its operations as manages to get a stay on license cancellation!
So guys, get ready for the statement by @ArvindKejriwal
“हमने तो किया था जी,court ने ही stay दे दिया” https://t.co/dbWES4yhPw— Manisha Kadyan (@manisha_kadyan) December 20, 2017
मैक्स अस्पताल के साथ डील पहले ही कर ली गई थी ?
क्या दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नहीं पता था कि हल्के कानूनी प्रावधानों के इस्तेमाल करने से मैक्स अस्पताल को बचने का रास्ता मिल सकता है ? अगर दिल्ली सरकार तसल्ली के साथ कानून के जानकारों से राय लेकर लाइसेंस रद्द करती तो शायद उसका ऐसा अंजाम नहीं होता। सवाल उठना लाजिमी है कि अस्पताल का लाइसेंस रद्द करते समय ही उसे फिर से बहाल होने का रास्ता भी दिखा दिया गया था ?
Stay on Max Hospital license cancellation. As I told earlier about deal! https://t.co/CDnHfAfYBz
— Prashant P. Umrao (@ippatel) December 20, 2017
Within 10 days, Kejriwal sadji has cancelled cancellation of Max hospital licence.
Publicity done✔
Herogiri done✔
Backroom deal done✔
U Turn done✔Mere AAPiyon, bajao taali?!
— गीतिका (@ggiittiikkaa) December 20, 2017
अगर एक नियामक निकाय अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के निर्णय को रोकता है तो निश्चित ही उसके पीछे कोई ठोस कारण रहे होंगे। अगर लाइसेंस रद्द करते समय दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की होतीं, तो आज वह दोषी अस्पताल फिर से कत्तई नहीं खुल पाता। शायद इसीलिए केजरीवाल सरकार पर एक तीर से दो शिकार करने की चाल चलने के आरोप लग रहे हैं। पहले जनता की वाहवाही लूटो, फिर अस्पताल से गुप्त डील करके उसे खुली छूट दिलवा दो।