देश रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रास्ते पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर 1.2 करोड़ लोगों ने अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी। जनता की भागीदारी के साथ जीएसटी और नोटबंदी जैसे बड़े निर्णय लेने में भी सरकार हिचकिचाती नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठाने और चीन जैसे ताकतवर देश से भी सामना करने में सरकार पीछे नहीं हटती है। किसानों, शोषितों और पीड़ितों के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ भारत आज आर्थिक दृष्टि से सबसे गति से प्रगति करने वाला देश है। साढ़े तीन साल के कार्यकाल में में सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगना भी एक बड़ी उपलब्धि है। ऐसी तमाम उपलब्धियां हैं जो प्रधानमंत्री मोदी के कुशल, सक्षम और समर्थ नेतृत्व की बदौलत है। पूरे विश्व को एक परिवार मानकर अपनी नीतियां बनाने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अल्प कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए हैं जो उनके नेतृत्व कुशलता का प्रमाण है। दुनिया में धाक जमाने वाली कई ऐसे उदाहरण सामने हैं जो सिर्फ और सिर्फ मोदी ही कर सकते हैं।
वसुधैव कुटुंबकम और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सत्ता संभालते ही यह संदेश दे दिया था कि सनातन संस्कृति के आधार मानते हुए उनकी नीति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हर संबोधन में हमेशा विश्व शांति की बात की है। विश्व आर्थिक मंच की दावोस में हुई बैठक में उन्होंने भारत की इस नीति को एक बार फिर दुनिया के सामने दोहराया। इससे पहले भी उन्होंने SAARC सेटेलाइट की योजना बनाई और उसे समयबद्ध पूरा भी करवाया। प्रधानमंत्री जन धन योजना, 12 रुपये साल की जीवन सुरक्षा बीमा और 330 रुपये सालाना की जीवन ज्योति बीमा योजना लागू बारे में सोचना और उसे लागू कर देना भी कोई आसान कार्य नहीं है। नेशनल हेल्थ स्कीम के तहत 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा योजना लाने की पहल भी जनकल्याणकारी सोच का ही परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए सभी कार्यों का आकलन करें तो ये स्पष्ट है कि उनकी नीति वसुधैव कुटुंबकम के साथ ही सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की है।
‘कट्टर तिकड़ी’ को एक साथ साध गए पीएम मोदी
विदेश नीति के तौर पर उनकी उपलब्धियां आंकी जाए तो इस बात से अंदाजा लग जाएगा कि किस तरह उन्होंने इजरायल और फिलीस्तीन जैसे आपस में दुश्मन देशों के बीच संतुलन स्थापित किया। विशेष यह कि प्रधानमंत्री ने बारी-बारी दोनों ही देशों का दौरा किया और भारत की विदेश नीति के अपने स्टैंड पर कायम रहे। दोनों ही देशों ने भारत के बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। 10 फरवरी को जब प्रधानमंत्री ने फिलीस्तीन का दौरा किया तो ऐसा अद्भुत नजारा दिखा जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। जॉर्डन के हेलिकॉप्टर पर सवार प्रधानमंत्री मोदी फिलीस्तीन के आसमान में उड़ रहे थे और उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही थी इजरायल की वायुसेना। विश्व राजनीति के लिए ऐसा अनोखा काम कोई और नही हो सकता है।
History in the making. In a first-ever visit by an Indian Prime Minister to Palestine, PM @narendramodi on the way to Ramallah in a chopper provided by Jordan government and escorted by choppers from Israel Air Force. pic.twitter.com/Nx7AtyLS8W
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) 10 फ़रवरी 2018
अमेरिका और रूस से एक साथ दोस्ती
अमेरिका और रुस की अदावत सभी जानते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की के कूटनीतिक कौशल के कारण आज दोनों ही देश भारत के साथ खड़े दिखते हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में जिस तरह से रुस ने भारत का साथ देते हुए चीन की हेकड़ी गुम कर दी वह काबिले तारीफ है। ठीक इसी तरह पाकिस्तानपरस्त रहे अमेरिका को भारत की तरफ ले आना भी बड़ी बात है। आज अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने का खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका ने भारत से दोस्ती की खातिर आज पाकिस्तान को हर मंच पर अकेला छोड़ दिया है।
Asean देशों को चीन के ‘चंगुल’ ये छुड़ाया
26 जनवरी, 2018 को नई दिल्ली के राजपथ पर विश्व ने एक और अनोखा दृश्य तब देखा जब आसियान देशों के 10 राष्ट्राध्यक्ष भारत की जमीन पर एक साथ दिखे। थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई आसियान के नेताओं ने भारत को अपनी इस इच्छा से अवगत कराया है कि रणनीतिक तौर पर अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा मुखर भूमिका निभाए। साफ है कि आसियान देशों के नेताओं का पीएम मोदी पर भरोसा व्यक्त किया जाना विश्व राजनीति में भारत के दबदबे को दिखा रहा है।
अच्छे और बुरे आतंकवाद का फर्क मिटाया
प्रधानमंत्री मोदी की सत्ता संभालने से पहले तक दुनिया में आतंकवाद को दो नजरिये से देखा जाता था। एक अच्छा आतंकवाद और दूसरा बुरा। हर तरह के आतंकवाद झेल रहे भारत ने दुनिया में इस फर्क को देखने के नजरिये में बदलाव किया। दुनिया अब हर तरह के आतंकवाद की निंदा करती है और उसे काउंटर करने के लिए कार्रवाई कर रही है।
पाकिस्तान को Isolate कर कमाल किया
अमेरिका की सरपरस्ती में पलता-बढ़ता रहा पाकिस्तान आज चीन की गोद में जा बैठा है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण पाकिस्तान के पास सिवा इसके चारा नहीं बचा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत में आतंकवाद बंद करने को कहा है और अफगानिस्तान में भी उससे आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। आज चीन के सिवा पाकिस्तान के पक्ष में बोलने वाला पूरी दुनिया में कोई भी देश नहीं है।
पेरिस डील में अगुआई के लिए भारत आगे आया
जलवायु परिवर्तन को लेकर जब अमेरिका ने नेतृत्व करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की तो यूरोपियन यूनियन ने भारत से इसका नेतृत्व संभालने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी साफ तौर पर कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की चिंता हमारे पूर्वजों ने हमें विरासत में दिया है। इसी का परिणाम है कि बीते एक वर्ष में भारत के वन क्षेत्र में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
डोकलाम पर चीन को औकात में लाया
जून,2017 में जब चीन ने भारत-चीन और भूटान के बीच स्थित विवादित क्षेत्र में अपनी सेना भेज दी तो भारत ने भी अपनी सेना वहां खड़ी कर दी। 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद जब चीन की सेना उस जगह से 200 मीटर पीछे गई तब भारत ने अपनी सेना वहां से हटाई। यह सब प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक बाजीगरी का परिणाम था कि भारत ने बिना आक्रामक हुए चीन की हेकड़ी गुम कर दी। इतना ही नहीं इस मसले पर विश्व समुदाय में चीन की जितनी किरकिरी हुई उतनी पहले कभी नहीं हुई थी।
मथाला एयरपोर्ट पर चीन को हड़काया
श्रीलंका को दिये कर्ज के बदले जब चीन ने उससे हंबनटोटा बंदरगाह 99 साल के लिए ले लिया तो भारत ने हंबनटोटा बंदरगाह के पास मथाला एयरपोर्ट ले लिया। श्रीलंका के साथ इस तरह की डील करने के बाद यह साफ हो गया कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क है और चीन की चाल का माकूल जवाब देने के लिए हर वक्त तैयार है।
इंडिया फर्स्ट के साथ नेबरहुड मस्ट की पॉलिसी
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की कमान संभाली तो अपने पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने शुरू किए। नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों के दौरे किए और सह अस्तित्व के सिद्धांत को अपनाते हुए अपन नीतियां बनाई। सार्क सेटेलाइट हो या फिर संयुक्त पावरग्रिड बनाने की योजना हो, ये सभी पीएम मोदी की इंडिया फर्स्ट के साथ नेबरहुड मस्ट पॉलिसी के तहत है।