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कोरोना से निपटने में केजरीवाल सरकार नाकाम, दिल्ली की हर पांच में से एक जांच पॉजिटिव

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दिल्ली सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरफ विफल साबित हो रही है। लॉकडाउन खोलने के बाद से दिल्ली में कोरोना संक्रमितों लोगों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक हफ्ते के आकंड़े के मुताबिक दिल्ली में हर पांच में से एक जांच कोरोना पॉजिटिव है। राजधानी दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में 45,783 सैंपल की जांच हुई है, इनमें से 8389 पॉजिटिव केस मिले हैं। इस हिसाब से संक्रमण दर 18.32 प्रतिशत रही है। इसका मतलब ये हुआ कि जांच कराने वाले लगभग हर पांचवेें व्यक्ति की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

सात दिन में 10 फीसदी मामले बढ़ गए

अगर 28 मई से 3 जून के आंकड़े की बात करें तो महज सात दिन में दस  फीसदी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए। 28 मई को 2,615 लोगों की जांच की गई जिनमें 1,024 लोग संक्रिमत मिले। 29 मई को 7,649 में से 1,106 लोग, 30 मई को 7,113 में से 1,163, 31 मई को 6,045 लोगों की जांच की गई जिनमें 1,295 लोग संक्रमित पाए गए।  एक जून को 4,753 में से 990, दो जून को 6,070 में से 1,298 और तीन जून को 6,538 में से 1,513 लोग और 4 जून को 6,538 लोगों की जांच की गई जिनमें से 1513 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

केजरीवाल के कारण बेटी ने पिता को खोया

‘दिल्ली कोरोना’ एप को लॉन्च करते समय अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि कोरोना के केस बढ़ रहे हैं लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, हमने हमने इतना इंतजाम किया हुआ है कि अगर आपके घर में कोई बीमार होता है तो उसके लिए बेड, ऑक्सीजन और आईसीयू का इंतजाम है। लेकिन दो दिन बाद ही केजरीवाल के इस दावे की पोल खुल गई। बेड न मिलने की वजह से एक मरीज ने लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के बाहर दम तोड़ दिया। मृतक एक जून को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। घरवालों की शिकायत है कि मरीज को एक तरीख से लगातार दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट करने की कोशिश की गई लेकिन उन्हें कहीं जगह नहीं मिली।

गुरुवार की सुबह जब मरीज की हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें दिल्ली के लोक नायक अस्पताल लाया गया। लेकिन अस्पताल ने मरीज को एडमिट करने से मना कर दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद घर वाले खुद मरीज को स्ट्रेचर पर सुलाकर इमरजेंसी में ले जाने लगे तो एक डॉक्टर ने मरीज को भर्ती किया। कुछ समय के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले पर सफाई देते हुए अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब मरीज अस्पताल लाया गया तो वो पहले से ही मृत था। वहीं मृतक की बेटी अमरप्रीत ने ट्वीट कर आपने पिता की मौत की जानकारी देते हुए कहा कि वो अब नहीं रहे, हमारी सरकार ने हमें फेल कर दिया।

पिता को अस्पताल लाने के बाद अमरप्रीत ने ही ट्वीट कर कहा “मेरे पिता को तेज बुखार है, हमें जल्द उन्हें अस्पताल में भर्ती करना है, मैं लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के बाहर खड़ी हूं और ये लोग इन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं। मेरे पिता को कोरोना है, तेज बुखार है, उन्हे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वो बिना मदद के नहीं बच पाएंगे। प्लीज मदद कीजिए।”

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