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Ground Breaking Ceremony: 21वीं सदी में भारत की ग्रोथ को गति देगा उत्तर प्रदेश- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज, 3 जून को लखनऊ में यूपी निवेशक शिखर सम्मलेन के तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह का शुभारंभ किया। ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं कृषि और संबद्ध क्षेत्र, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, एमएसएमई, विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मा, पर्यटन, रक्षा और एयरोस्पेस, हथकरघा और कपड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं। ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूपी 21वीं सदी में भारत की ग्रोथ को गति देगा। उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में भारत की पांचवें-छठे हिस्से की आबादी रहती है। यानी यूपी के एक व्यक्ति की बेहतरी भारत के हर छठे व्यक्ति की बेहतरी होगी। मेरा विश्वास है कि ये यूपी ही है, जो 21वीं सदी में भारत की ग्रोथ स्टोरी को मोमेंटम देगा। और इसी दस वर्ष को आप देख लीजिए, एक उत्तर प्रदेश हिन्‍दुस्‍तान का बहुत बड़ा ड्राइविंग फोर्स बनने वाला है। इन 10 वर्षों में आपको दिखाई देगा।’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने निवेशकों को उत्तर प्रदेश के युवाओं की क्षमता, समर्पण, कड़ी मेहनत और समझ में विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने उद्योगपतियों से काशी आने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, “काशी के प्रतिनिधि के रूप में, मैं आपसे मेरी काशी आने का आग्रह करूंगा। काशी अपने प्राचीन गौरव के साथ स्वयं के एक नए संस्करण में उभर सकता है और यह तथ्य उत्तर प्रदेश की क्षमताओं का जीवंत उदाहरण है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिन प्रस्तावों पर आज हस्ताक्षर किए गए हैं, वे उत्तर प्रदेश में नई संभावनाएं पैदा करेंगे। ये प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की विकास गाथा में बढ़ते विश्वास को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा, “केवल हमारे लोकतांत्रिक भारत के पास एक भरोसेमंद साथी के मानदंडों को पूरा करने की शक्ति है, जिसकी तलाश आज दुनिया कर रही है। आज दुनिया भारत की क्षमता को देखने के साथ-साथ उसके प्रदर्शन की भी सराहना कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, जी20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और वैश्विक खुदरा सूचकांक में दूसरे नंबर पर है। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है। पिछले साल दुनिया के 100 से ज्यादा देशों से रिकॉर्ड 84 अरब डॉलर का एफडीआई आया। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 417 अरब डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के माल का निर्यात कर नया रिकॉर्ड बनाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हम रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं। हमने नीतिगत स्थिरता, समन्वय, कारोबार में आसानी पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, “हमने अपने सुधारों के जरिए, भारत को एक राष्ट्र के रूप में मजबूत करने के लिए काम किया है। एक देश-एक टैक्स, जीएसटी; एक देश-एक ग्रिड; एक देश- एक मोबिलिटी कार्ड; एक देश-एक राशन कार्ड। ये प्रयास हमारी ठोस और स्पष्ट नीतियों के प्रतिबिंब हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि तेजी से विकास के लिए, हमारी डबल इंजन सरकार अवसंरचना, निवेश और विनिर्माण पर एक साथ काम कर रही है। इस वर्ष के बजट में 7.50 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का अभूतपूर्व आवंटन इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थिति से कारोबारी समुदाय में विश्वास मजबूत हुआ है, उद्योग के लिए एक उचित माहौल बना है और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हुआ है।

उन्होंने बताया कि इस साल के बजट में गंगा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के क्षेत्र के लिए रसायन मुक्त प्राकृतिक कृषि गलियारे की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का मार्ग 1100 किमी लम्बा है और यह 25-30 जिलों को कवर करती है। इससे प्राकृतिक खेती के बड़े अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट जगत के लिए अब कृषि क्षेत्र में निवेश करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजनाओं और पूंजीगत व्यय के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से भी राज्य को लाभ होगा। उन्होंने राज्य के रक्षा गलियारे को नए अवसरों का अग्रदूत बताया। आधुनिक पावरग्रिड, गैस पाइपलाइन, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे की रिकॉर्ड संख्या, आर्थिक क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को मजबूत करना, आधुनिक रेलवे अवसंरचना, पूर्वी और पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर जैसे कदमों की उत्तर प्रदेश में मौजूदगी से राज्य के विकास को नयी गति मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। उन्होंने बताया कि 2014 में हमारे देश में केवल 65 मिलियन ब्रॉडबैंड ग्राहक थे। आज इनकी संख्या 78 करोड़ को पार कर गई है। 2014 में एक जीबी डेटा की कीमत करीब 200 रुपये हुआ करती थी। आज इसकी कीमत घटकर 11-12 रुपये हो गई है। भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है, जहां डेटा इतना सस्ता है। 2014 में, देश के 100 से भी कम ग्राम पंचायत ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े थे। आज ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े ग्राम पंचायतों की संख्या भी ढाई लाख को पार कर गई है। 2014 से पहले, हमारे पास केवल कुछ सौ स्टार्ट-अप थे। लेकिन आज देश में पंजीकृत स्टार्ट-अप की संख्या भी 70 हजार के करीब पहुंच रही है। हाल ही में भारत ने भी 100 यूनिकॉर्न का रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री ने निवेशकों और उद्योगपतियों को आश्वासन देते हुए कहा, “हम नीति, निर्णयों और इरादे से विकास के साथ हैं। हम सभी आपके प्रत्येक प्रयास में आपके साथ रहेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे।”

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