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ओमिक्रॉन को लेकर पीएम मोदी ने कसी कमर: कांग्रेस दे रही सीख विदेशों से ट्रैवल बैन व्यवहारिक नहीं

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ओमिक्रॉन को WHO ने ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है, जिसे लेकर धीरे-धीरे दुनिया ओमिक्रॉन की चिंता में डूबती जा रही है। ओमिक्रॉन को पहले वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में डाला गया था, अब इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा गया है। क्योंकि दुनिया में ओमिक्रॉन वायरस तेजी से फैल रहा है, इसमें कई बार म्यूटेशन यानि जेनेटिक बदलाव हो चुके हैं। साथ ही इस वायरस से किसी भी देश में कोरोना का तेज प्रसार संभव है। आप ओमिक्रॉन के आतंक का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि भारत में डेल्टा प्लस के कई वैरिएंट पाए जाने के बाद भी, WHO ने ना तो इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में डाला था और ना ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा था।

वैरिएंट ऑफ कंसर्न क्यों है खतरनाक

  • वैरिएंट ऑफ कंसर्न ब्रेकथ्रू केसेज को बढ़ा सकता है
  • इससे वैक्सीन का असर कम हो सकता है
  • अब तक अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा को वैरिएंट ऑफ कंसर्न
  • चारों वैरिएंट अलग-अलग देशों में मचा चुके है तबाही
  • डेल्टा वैरिएंट ने भारत में मचाई थी तबाही 

ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण दुनिया भर में बन रहे हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके आधार पर ही उड़ान शुरू करने के फैसले को रिव्यू किया जा सकता है, हलांकि ये इस बात पर निर्भर करेगा की कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में हालात कैसे हैं। इसके आलावा ‘एट रिस्क’ कैटेगरी में रखे गए देशों से आ रहे पैसेंजर्स की भी कड़ी निगरानी की जा रही है। 

ओमिक्रॉन दे सकता है वैक्सीन को चकमा-AIIMS प्रमुख 

बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन में तीस से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं, जिसकी वजह से आशंका है कि कोरोना वायरस का ये म्यूटेंट वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है। ऐसे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे ओमिक्रॉन को लेकर सख्ती से क्वारैंटाइन और आइसोलेशन की गाइडलाइन को लागू किया जाए, ज्यादा टेस्टिंग हों, सरकार ने वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने के बारे में भी निर्देश दिए हैं।

‘एट रिस्क’ देशों से आने वाले लोगों का दिल्ली एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और हॉन्गकॉन्ग- से आने वाले लोगों के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट जरूरी होगा। मुंबई में भी दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों को RT- PCR टेस्ट कराना जरूरी होगा। ये सावधानी इसलिए बरतनी जरूरी है कि क्योंकि ओमिक्रॉन को डेल्टा से 7 गुना खतरनाक बताया जा रहा है। डेल्टा वैरिएंट ने ही भारत में कोरोना की दूसरी लहर में  हड़कंप मचाया था।

किन-किन देशों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए।

  • सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट का पता चला
  • वहां इस वैरिएंट से 77 लोग इंफेक्ट हो गए हैं।
  • बोत्सवाना में भी 4 लोग इस वैरिएंट से इंफेक्टेड मिले हैं
  • बोत्सवाना में क्सीनेटेड लोग भी इसकी चपेट में आ गए हैं
  • हॉन्ग कॉन्ग में भी इस नए वैरिएंट के 2 केस मिले हैं।
  • इजराइल में भी इस वैरिएंट से इन्फेक्टेड मामला मिला है

दुनिया भर के देशों में सबसे बड़ी चिंता वैकेसीन को लेकर भी है, बोत्वाना जैसा देश जहां कोरोना के नए वैरिएंट से हड़कंप मचा है, वहां की सरकार ने मोडर्ना कंपनी से वैक्सीन का करार किया था, लेकिन वहां वैक्सीन की डिलिवरी में देर हुई है, जबकि मोडर्ना ने वैक्सीन के लिए वहां के लोगों से 29 डॉ़लर प्रति डोज वसूले हैं। 

देश पर कोरोना का नया खतरा मंडरा रहा है . सरकार इसे लेकर तमाम तैयारियां कर रही है, लेकिन कांग्रेस सहित मोदी विरोधी दल इस मसले पर भी राजनीति करने में जुटे हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री ने तो विदेशों से ट्रैवल बैन का विरोध किया है। उनका कहना है कि ये कदम व्यवहारिक नहीं होगा। 

भारत में कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने संभाला मोर्चा

जैसे ही दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ का पता चला प्रधानमंत्री मोदी भी हरकत में आ गए। दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच देश में कोरोना की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए शनिवार (27 अक्टूबर, 2021) को एक अहम बैठक की। डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल सहित कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे। लगभग 2 घंटे तक चली इस बैठक में अधिकारियों के साथ नए वैरिएंट पर चर्चा के साथ कुछ एहतियातन कदम उठाने पर विचार हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।

‘ओमिक्रॉन’ को लेकर पीएम मोदी की हिदायतें

  • नए वैरिएंट के लिए हमें अभी से तैयारी की जरूरत है।
  • नए वैरिएंट से और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है।
  • निगरानी और कंटेनमेंट जैसी सख्ती जारी रखी जाए।
  • मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का सही पालन किया जाए।
  • अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी पर जोर दिया जाए।
  • अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में छूट की योजना की समीक्षा की जाए।
  • वैक्सीन की दूसरी डोज की कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया जाए।
  • जिन्हें पहली डोज मिली है, उन्हें दूसरी डोज समय पर दी जाए।

12 देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग अनिवार्य

कोरोना के इस नए वैरिएट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पूरी तरह सतर्क है। इस जानलेवा वेरिएंट को रोकने के लिए भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, हांगकांग और बोत्सवाना सहित 12 देशों के नाम जारी किए हैं और उन्हें ‘जोखिम’ वाले देशों की श्रेणी में शामिल किया है। इन देशों से आने वाले हवाई यात्रियों की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया गया है। इन सभी यात्रियों को भारत सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट बी.1.1.529 को ‘ओमिक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है।

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