प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत देश में निर्मित की गई अत्याधुनिक इंजनलेस ट्रेन टी-18 ने दूसरे ट्रायल में 180 किलोमीटर प्रतिघंटे का रिकॉर्ड बनाया है। कुछ दिनों पहले ही इस ट्रेन का ट्रायल शुरू किया गया था। पहले ट्रायल में यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से दौड़ी थी। ट्रेन का दूसरा ट्रायल कोटा से सवाईमाधोपुर के बीच किया जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक वीडियो ट्वीट किया है।
जोर स्पीड का झटका धीरे से लगा: Train 18 exceeds 180kmph during trial. The stability of water bottles at this speed is testament to the quality of workmanship and design of our engineers pic.twitter.com/CImC49ljgm
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) 2 December 2018
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक टेन 18 ने ट्रायल के दौरान 180 की स्पीड हासिल की। हालांकि अभी कई ट्रायल होने हैं। अभी इस ट्रेन को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाए जाने की संभावना है। आपको बता दें कि इससे पहले इसी रेल खंड पर हुए ट्रायल में T-18 ट्रेन 170 किमी की स्पीड से दौड़ी थी। इस ट्रेन को इसी महीने के अंत तक नई दिल्ली- वाराणसी रूट पर चलाए जाने की संभावना है।
जानिए देश की पहली बिना इंजन वाली ‘T-18’ ट्रेन की खूबियां
मोदी सरकार के महात्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट के तहत देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन T-18 कई खूबियों से लैस है।
इस ट्रेन को स्वदेशी तकनीकि से लगभग 100 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है। यह एक हाईटेक, ऊर्जा-कुशल, खुद से चलने वाली या बिना इंजन के चलने वाली ट्रेन है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक चेन्नई की इंटीग्रल रेल कोच फैक्ट्री में निर्मित इस तरह की भारत की पहली ट्रेन T-18 भारतीय रेल के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।
मेक इन इंडिया के तहत इस ट्रेन को आधी लागत में बनाया गया है। इस ट्रेन में 16 डिब्बे हैं और इसके यात्रियों को ढोने की क्षमता भी उतनी ही है, जितनी 16 डिब्बों के अन्य ट्रेन में होती है लेकिन इसमें इंजन नहीं है। यह 15-20 फीसदी ऊर्जा कुशल है और कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ती है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन को महज 18 महीनों में ही विकसित कर लिया गया, जबकि उद्योग का मानदंड 3-4 सालों का है।
इसमें सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिए गए हैं, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि सुरक्षित सफर हो। आईसीएफ ऐसे छह ट्रेन सेट को जल्द ही उतारने वाली है।
आम ट्रेनों से एकदम अलग ट्रेन-18 बिना इंजन की होगी। सब-अर्बन ट्रेनों की तरह इस ट्रेन के दोनों छोर पर मोटर कोच होंगे, यानी ये दोनों दिशाओं में चल सकेगी।
इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 170 किमी प्रतिघंटा के करीब रहने वाली है। यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होगी, सभी कोच एक दूसरे से कनेक्टेड होंगे।
स्टेनलेस स्टील की बॉडी वाली इस ट्रेन में वाई-फाई, एलईडी लाइट, पैसेंजर इनफर्मेशन सिस्टम और पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी।