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केजरीवाल सरकार EXPOSED…स्वास्थ्य मंत्री जैन के बाद डिप्टी सीएम सिसोदिया जाएंगे जेल, इधर कमीशन का Video Viral, उधर शराब घोटाले में एक्शन में आई ED, दिल्ली-हरियाणा सहित 30 जगहों पर छापेमारी

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आखिरकार केजरीवाल सरकार की काली करतूतों का परिणाम अब जनता के सामने आने लगा है। शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर जांच से आम आदमी पार्टी की पहले ही काफी किरकिरी हो रही है। शिक्षा के ‘दिल्ली मॉडल’ की पोल सरकार के शिक्षा घोटाला में उजागर हो गई है। मोहल्ला क्लीनिक का ड्रामा करने वाले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तो करोड़ों के मनी लॉंड्रिंग केस में जेल में ही हैं। अब बारी केजरीवाल सरकार के डिप्टी सीएम की है। सीबीआई के बाद अब शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी एक्शन में आ गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मंगलवार सुबह कई जगह छापेमारी की है।ठेकेदारों को करोड़ों का फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में किया गया ‘खेल’
दिल्ली की आबकारी नीति में करोड़ों के भ्रष्टाचार की कहानी सीबीआई की टीम पहले ही उजागर कर चुकी है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा 17 अगस्त को ये मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद इस मामले में सीबीआई ने 30 से ज्यादा जगह सर्च ऑपरेशन चलाया। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को सबसे पहला और मुख्य आरोपी बनाया गया। डिप्टी सीएम के ही इशारे पर आबकारी नीति में शराब ठेकेदारों को करोड़ों का फायदा पहुंचाने का खेल किया गया था। इस केस में कई अज्ञात आरोपियों, कंपनियों समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया। सीबीआई द्वारा दर्ज इसी मामले को टेकओवर करके ईडी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है।

शराब लाइसेंस होल्डर से जमा पैसों को अधिकारियों के लिए मैनेज करते थे आरोपी
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की टीम ने आबकारी घोटाले में जांच के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। ईडी के सूत्रों के मुताबिक ये सर्च शराब घोटाले में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों और बिचौलियों के यहां की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, महाराष्ट्र के मुम्बई, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के 30 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। एफआईआर में दर्ज आरोपी विजय नायर, मनोज राय, अमरदीप ढल, समीर महेंद्रू आबकारी नीति के निर्धारण और लागू कराने और गड़बड़ियों मे शामिल थे, जबकि अमित अरोड़ा, दिनेश और अर्जुन पांडे सिसोदिया के करीबी थे. ये सभी आरोपी अधिकारियों के लिए शराब लाइसेंस होल्डर से जमा हुए पैसों को मैनेज करते थे।

बिचौलियों का कमीशन फिक्स करने का स्टिंग ऑपरेशन सोशल मीडिया पर वायरल
इसके अलावा आरोपी अरुण रामचन्द्र पिल्लई, विजय नायर के माध्यम से समीर महेन्द्रू से आरोपी अधिकारियों को पैसा पहुचाने का काम करता था। आरोप है कि L1 लाइसेंस होल्डर रिटेलर को क्रेडिट नोट इशू कर देते थे और बही खातों में गलत एंट्रीज दिखाकर पैसे को पब्लिक सर्वेंट तक पहुंचाते थे। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार आरोप है कि अर्जुन पांडेय ने विजय नायर के जरिये समीर महेंद्रू से 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी रकम कैश में ली थी। इस मामले में बिचौलियों का एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें मनचाही आबकारी नीति के लिए बिचोलियों के कमीशन की खुलकर बातें हो रही हैं।

उपराज्यपाल ने की थी CBI जांच की सिफारिश, पिछले महीने CBI ने भी मारी थी रेड
बता दें कि 22 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। एलजी ने यह सिफारिश मुख्य सचिव की ओर से राजनिवास को 8 जुलाई को सौंपी गई उस रिपोर्ट के आधार पर की थी, जिसमें इन सभी खामियों का जिक्र किया गया था। इस रिपोर्ट की एक प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी गई थी। एलजी की सिफारिश के बाद दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले को लेकर सीबीआई की टीम ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास समेत कई ठिकानों पर रेड मारी थी। इस दौरान सीबीआई की टीम आबकारी नीति से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज और मनीष सिसोदिया का लैपटाप साथ ले गई थी।

कपिल मिश्रा का निशाना, सिसोदिया भी जाएंगे जेल, सरकार की कैबिनेट बैठक तिहाड़ में होगी
भाजपा नेता कपिल मिश्रा लगातार आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमलावर रहते हैं। एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल पर कपिल मिश्रा ने जबरदस्त तरीके से निशाना साधा है। उन्होंने इसको लेकर एक म्यूजिक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही साथ ही यह भी कहा है कि अब तिहाड़ के आंगन में कैबिनेट की मीटिंग होगी। आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया से भी लगातार शराब नीति में पूछताछ की जा रही है। इन सबके बीच कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल सरकार की नाकामियों पर एक गाना लॉन्च किया है।

केजरीवाल समेत AAP को पता ही नहीं दिल्ली में कितने ठेके खुलवाए
अब जब दिल्ली की AAP सरकार, सीएम अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से शराब के ठेके के बारे में बात की जाती है तो वो इसे छोड़कर सब बात करने लगते हैं। बच्चों को बहलाने की तरह शराब घोटाले से ध्यान हटाने के लिए विधायकों के खरीद-फरोख्त की बातें करने लगते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि सीएम केजरीवाल से लेकर दूसरे नेताओं को ये नहीं पता कि दिल्ली में शराब के कितने ठेके दिए गए हैं। दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगाने वाले केजरीवाल हर बार नई संख्या बता देते हैं। देख लीजिए वीडियो-

 

 

 

 

 

 

 

 

 

शराब घोटाले में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की विस्तृत जांच में मिलीं ये सात ‘खामियां’

1. मनीष सिसोदिया के निर्देश पर एक्साइज विभाग ने एयरपोर्ट जोन के एल-1 बिडर को 30 करोड़ रुपये रिफंड करने का निर्णय लिया। बिडर एयरपोर्ट अथॉरिटीज से जरूरी एनओसी नहीं ले पाया था। ऐसे में उसके द्वारा जमा कराया गया सिक्योरिटी डिपॉजिट सरकारी खाते में जमा हो जाना चाहिए था, लेकिन बिडर को वह पैसा लौटा दिया गया।
2. सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना एक्साइज विभाग ने 8 नवंबर 2021 को एक आदेश जारी करके विदेशी शराब के रेट कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया और बियर के प्रत्येक केस पर लगने वाली 50 रुपए की इंपोर्ट पास फीस को हटाकर लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकार को रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ।
3. टेंडर दस्‍तावेजों के प्रावधानों को हल्का करके L7Z (रिटेल) लाइसेंसियों को वित्‍तीय फायदा पहुंचाया गया, जबकि लाइसेंस फी, ब्‍याज और पेनाल्‍टी न चुकाने पर ऐक्‍शन होना चाहिए था।
4. सरकार ने दिल्ली के अन्य व्यवसायियों के हितों को दरकिनार करते हुए केवल शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोविड काल में हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर उनकी 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी, जबकि टेंडर दस्तावेजों में ऐसे किसी आधार पर शराब विक्रेताओं को लाइसेंस फीस में इस तरह की छूट या मुआवजा देने का कहीं कोई प्रावधान नहीं था।5. सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के और किसी के साथ चर्चा किए बिना नई पॉलिसी के तहत हर वॉर्ड में शराब की कम से कम दो दुकानें खोलने की शर्त टेंडर में रख दी। बाद में एक्साइज विभाग ने सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना नॉन कन्फर्मिंग वॉर्डों के बजाय कन्फर्मिंग वॉर्डों में लाइसेंसधारकों को अतिरिक्त दुकानें खोलने की इजाजत दे दी।
6. सोशल मीडिया, बैनरों और होर्डिंग्‍स के जरिए शराब को बढ़ावा दे रहे लाइसेंसियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह दिल्‍ली एक्‍साइज नियमों, 2010 के नियम 26 और 27 का उल्‍लंघन है।
7. लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी किए बिना लाइसेंसधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनका ऑपरेशनल पीरियड पहले 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मई 2022 तक किया गया और फिर इसे 1 जून 2022 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक कर दिया गया। इसके लिए सक्षम अथॉरिटी यानी कैबिनेट और एलजी से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई। बाद में आनन फानन में 14 जुलाई को कैबिनेट की बैठक बुलाकर ऐसे कई गैरकानूनी फैसलों को कानूनी जामा पहनाने का काम किया गया। शराब की बिक्री में बढ़ोतरी होने के बावजूद रेवेन्यू में बढ़ोतरी होने के बजाय 37.51 पर्सेंट कम रेवेन्यू मिला।कैसे फंसे सिसोदिया… कोरोना के बहाने शराब ठेकेदारों के 144.36 करोड़ रुपये माफ कराए
जनमानस की यह जानने में दिलचस्पी जरूर होगी कि आखिर शातिर खिलाड़ी मनीष सिसोदिया इस सारे खेल में कैसे घिर गए। दरअसल, मुख्य सचिव की रिपोर्ट बताती है कि एक्साइज डिपार्टमेंट के प्रभारी होने के नाते मनीष सिसोदिया ने जानबूझकर ऐसे फैसले लिए। इसके आधार पर एलजी ने पाया कि आबकारी नीति को लागू करने में किस प्रकार की वित्तीय गड़बड़ियां हुईं। सिसोदिया पर एक्साइज पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में कहा गया था कि सिसोदिया ने कथित तौर पर टेंडर दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इसी रिपोर्ट में बताया गया कि शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए सिसोदिया के आदेश पर एक्साइज पॉलिसी के जरिए कोरोना के बहाने शराब ठेकेदारों के 144.36 करोड़ रुपये माफ किए गए। (Featured Image : Courtesy by Social Media)

 

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