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VIDEO : जिस धरती पर राष्ट्रगान जन्मा, उसी पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया राष्ट्रगान का अपमान, पहले बैठकर गाया फिर 52 के बजाए 12 सेकेंड में ही अधूरा छोड़ा

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राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ देश के सम्मान में गाया जाने वाला मात्र एक गीत ही नहीं है, बल्कि हर हिंदुस्तानी की रग-रग में स्फूर्ति भर देने वाला भारत की आजादी का एक अभिन्न हिस्सा है। इसका सम्मान करना और इसके सम्मान की रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है। बेहद अफसोस की बात है कि जिस धरती (पश्चिम बंगाल) पर राष्ट्रगान जन्मा, उसी प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। महाराष्ट्र के अपने दौरे के दौरान ममता ने अधूरा ही राष्ट्रगान गाया। 52 सेकेंड में गाया जाने वाला राष्ट्रगान ममता ने सिर्फ 12 सेकेंड गाया।राष्ट्रगान …..द्राविड़ उत्कल बंग…. तक गाकर छोड़ दिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दूसरों पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाती रही हैं। महाराष्ट्र में नया खेला करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय यात्रा में मुंबई पहुंची ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया। ममता ने पहले तो बैठे-बैठे ही इसे गाना शुरू कर दिया। जन-गण-मन अधिनायक जय हे….बैठकर गाने के बाद शायद उन्हें याद आया कि राष्ट्रगान के समय खड़े होना जरूरी है। वह और कार्यक्रम में मौजूद लोग खड़े तो हो गए, लेकिन ममता बनर्जी ने राष्ट्रगान …..द्राविड़ उत्कल बंग…. तक गाकर छोड़ दिया । ममता के राष्ट्रगान बंद कर देने से मजबूरन वहां मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रगान बीच में ही रोक देना पड़ा। हां ममता को राष्ट्रगान को बीच में ही छोड़कर जय महाराष्ट्रा-जय बंगाल कहना जरूर याद रहा।

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नियम : राष्ट्रगान को गाने में लगते हैं 52 सेकेंड
‘जन-गण-मन..’ में कुल पांच अंतरा हैं। इन्हें गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है। इसे किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में झंडारोहण के बाद बजाना चाहिए। स्कूलों में सुबह के समय दिन की शुरुआत से पहले इसे गाया जाता है। ये राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के उपरान्त या पहले और राज्यपाल और उपराज्यपाल के आगमन पर गाया जा सकता है। इसे गाने के दौरान वहां उपस्थित लोगों को अपने स्थान पर इसके अभिवादन में खड़ा होना आवश्याक है। इसकी अवमानना दंडनीय अपराध है।

राष्ट्रगान के अपमान पर तीन साल की सजा प्रावधान

प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नैशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत राष्ट्रीय झंडे और संविधान का अपमान करना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या फिर जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। इसी तरह, राष्ट्रगान को जानबूझकर रोकने या फिर राष्ट्रगान गाने के लिए जमा हुए समूह के लिए बाधा खड़ी करने पर अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है। इसके साथ ही जुर्माने और सजा, दोनों भी हो सकते हैं। अगर राष्ट्रगान के इतिहास की बात करें तो बता दें कि संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 इसे अपनाया था और सबसे पहले 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में इसे गाया गया था। इसे नोबेल पुरस्कार विजेता और भारतीय साहित्यकार रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सबसे पहले बंगाली भाषा में लिखा था।

  • राष्ट्रगान कुछ केस : अमिताभ बच्चन ने लिया था ज्यादा समय
    सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के खिलाफ राष्ट्रगान को गलत तरीके से गाने पर मामला दर्ज हुआ था। दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन में हुए वर्ल्ड टी 20 मैच से पहले राष्ट्रगान गाया गया था। ऐसे में दिल्ली के एक थाने में अमिताभ के खिलाफ एक शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाया था कि बिग बी ने राष्ट्रगान को खत्म करने में 1 मिनट 10 सेकेंड का समय लिया, जबकि नियम के अनुसार ये 52 सेकेंड का है।
  • राष्ट्रगान पर टीवी एक्टर कुशाल टंडन और बॉलीवुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल के बीच ट्विटर पर वार छिड़ गया। साल 2015 में कुशाल ने अमीषा पर फिल्म शुरू होने से पहले चले राष्ट्रगान पर खड़े ना होने का आरोप लगाया। इसके बाद अमीषा ने यह कहकर कुशाल की बोलती बंद कर दी थी कि वो उस दौरान पीरियड से गुजर रही थीं इसलिए कपड़े खराब होने के डर से वह खड़ी नहीं हो सकी।
  • महाराजगंज में 72वें स्वतंत्रता दिवस पर एक मदरसे में एक मौलवी ने राष्ट्रगान गान का अपमान किया। कोल्हुई क्षेत्र के बड़गो स्थित मदरसे में राष्ट्रध्वज फहराने के बाद मौलवी ने ना खुद राष्ट्रगान गाया और ना ही बच्चों को गाने दिया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

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