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उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की घटना: पल-पल की जानकारी ले रहे थे प्रधानमंत्री मोदी, 4 बार किया मुख्यमंत्री को कॉल

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उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर फटने से चमोली-जोशीमठ के साथ पूरे इलाके को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। चमोली में रौठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिर गया, इससे ऋषि गंगा नदी में विकराल बाढ़ आ गई और भारी तबाही मची। लेकिन आपदा के तुरंत बाद केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रावत सरकार ने जिस तत्परता से कार्रवाई की, उससे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकी। असम और बंगाल की यात्रा पर होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पल-पल की जानकारी ले रहे थे। यात्रा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने चार बार उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की और स्थिति की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि असम में रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में स्थिति की समीक्षा की। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री और अन्‍य शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्‍होंने वहां चल रहे बचाव और राहत कार्यों की स्थिति का जायजा लिया। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।

एक अन्‍य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उत्तराखंड में दुर्भाग्‍यपूर्ण स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश वहां हर व्‍यक्ति की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा है। वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों से संबंधित नवीनतम जानकारी प्राप्‍त कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री ने चमोली में ग्लेशियर में आई दरार के कारण हुए हिमस्खलन की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की मंजूरी दी है। उन्होंने गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये की राशि को भी मंजूरी दी है ।

उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की घटना और राहत कार्यों की जानकारी लेने के लिए तत्काल कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की। ग्लेशियर फटने के बाद ऋषिगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा छोटी पनबिजली परियोजना पानी की तेज धार में बह गयी। धौलीगंगा नदी पर तपोवन में एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना भी प्रभावित हुई है। कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि वे समन्वय के साथ काम करें और राज्य प्रशासन को सभी जरूरी सहायता प्रदान करें। उन्होंने सभी लापता व्यक्तियों की सूची बनाने और सुरंग में फंसे लोगों को जल्द से जल्द बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि बचाव कार्यों के पूरे होने तथा स्थिति के सामान्य होने तक निगरानी जारी रहनी चाहिए।

चमोली में रविवार को रौठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिर गया, इससे ऋषि गंगा नदी में विकराल बाढ़ आ गई और भारी तबाही मची। इस सैलाब में कई लोग बह गए, जिनमें से 14 के शव बरामद कर लिए गए हैं और 152 लोग अभी भी लापता हैं। सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, एनडीआरएफ, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं। एक सुरंग में फंसे 16 लोगों को बचाया है औए एक अन्य सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। सभी लापता लोगों का पता लगानेव उनकी जानकारी रखने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

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