‘खान गैंग’ का नेता बनने के लिए तथाकथित सेक्लुयर पत्रकारों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है। इस कड़ी में एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने चापलूसी की सारी हदें पार कर दी है। दरअसल, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार से 1000 बसें चलाने की इजाजत मांगी थी। इस खबर को लेकर एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि बढ़िया ख़बर। यूपी सरकार ने कांग्रेस की तरफ़ से भेजी गई बसों को चलाने की इजाज़त दी लेकिन इस ट्वीट में उन्होंने बसों की लंबी लाइन की कतार वाली एक तस्वीर भी शेयर की। दरअसल ये तस्वीर प्रियंका गांधी के 1000 बसों की नहीं बल्कि कुंभ मेले के दौरान की है। उमाशंकर सिंह ने इस तस्वीर को फर्जी तरीके से कांग्रेस की कतार में खड़ी बसें बताने का प्रयास किया।
बढ़िया ख़बर
यूपी सरकार ने कांग्रेस की तरफ़ से भेजी गई बसों को चलाने की इजाज़त दी। pic.twitter.com/uMorE4RkwQ
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 18, 2020
इस ट्वीट के बाद लोग सोशल मीडिया पर एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह का जबरदस्त मजाक बनाने लगे। ट्रोल होने के बाद उमाशंकर सिंह ने एक दूसरा ट्वीट किया और अपने ही पहले ट्वीट पर सफाई देते हुए लिखा, “ये एक सांकेतिक तस्वीर है। कांग्रेस ने 1000 बसें भेजी हैं। सड़क पर मज़दूरों के कुंभ को कम करने के लिए। इसलिए कुंभ से जुड़ी इस तस्वीर को शुभ चिन्ह के तौर पर लीजिए। गाली गलौज करने वाले तो किसी भी बात पर करते हैं। उनका लोड नहीं लेता। मज़दूरों के साथ जो खड़ा है, हम उनके साथ खड़े हैं।”
ये एक सांकेतिक तस्वीर है। कांग्रेस ने 1000 बसें भेजी है। सड़क पर मज़दूरों के कुंभ को कम करने के लिए। इसलिए कुंभ से जुड़ी इस तस्वीर को शुभ चिन्ह के तौर पर लीजिए।
गाली गलौज करने वाले तो किसी भी बात पर करते हैं। उनका लोड नहीं लेता। मज़दूरों के साथ जो खड़ा है, हम उनसे साथ खड़े हैं।
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 18, 2020
एनडीटीवी के प्रत्रकार उमाशंकर सिंह के इस पोस्ट के बाद लोगों ने ट्रोल करना शुरू किया है और सोशल मीडिया पर उनकी निंदा करने लगे। आप देखिए लोगों ने इस फर्जी फोटो पर क्या क्या प्रतिक्रियाएं दीं।
पहला
आप तो @priyankagandhi की की चमचागिरी कर रहे थे, जब पकड़े गए तो फिर सफाई, अगर आपके खबर में दम है तो भूल सुधारते हुए @INCIndia द्वारा चलाये जा रहे बस की तस्वीर ही डाल दीजिए।
— Sanjeev (@kumarsanjeev60) May 18, 2020
दूसरा
Matlab aap kuchh bhi farzi daal denge aur Baad mein pakde jaane pe sanketik keh ke Nikal jaayenge ? Awarded journalist, yeh award Kahan se kharidte hain ? Ya sirf NDTV mein hone ke Baad aapne aap mil jaata hai ?
— Saurabh Kumar Singh (@saurabhwelldo) May 18, 2020
तीसरा
चाटूकारिता कहते हैं इसको।
— Amit Chhabra (@amit_251) May 18, 2020
चौथा
नमक का कर्ज जरूर अदा करो! पर इतनी घटीया तरिके से नहीं।किसके साथ खडे़ हो जनता देख रही है ?
— संजय चौहान (@itSanjaychauhan) May 18, 2020
पांचवां
आप तो @priyankagandhi की की चमचागिरी कर रहे थे, जब पकड़े गए तो फिर सफाई, अगर आपके खबर में दम है तो भूल सुधारते हुए @INCIndia द्वारा चलाये जा रहे बस की तस्वीर ही डाल दीजिए।
— Sanjeev (@kumarsanjeev60) May 18, 2020
छठा
कोंग्रेसियो, योगी तुम्हारा बाप है
प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट किया कि मैं 1000 बसों में मजदूरों को भरकर यूपी पहुंचाने के लिए योगी सरकार के आदेश का इंतजार कर रही हू
फौरन योगी सरकार ने बस और मजदूरों की डिटेल मांगी.. फिर क्या प्रियंका मेडम मौन हो गई
क्यो कि कोई मजदूर या बस थी ही नही pic.twitter.com/8pIts40FCN
— Pushpendra Kulshrestha (@PushpendraSpeak) May 18, 2020
दरअसल, जिस तस्वीर को एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने पोस्ट किया था,वह फोटो पिछले साल प्रयागराज कुंभ मेले 28 फरवरी 2019 का है, जहां विश्व की सबसे लंबी बस परेड का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया गया था। कुंभ मेले के आयोजन के बीच उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से कुंभ की 503 शटल बसों को शहर के एक 3.2 किमी लंबे रूट पर एक साथ संचालित कराया गया था। बसों के इस लंबे बेड़े को विश्व का सबसे बड़ी बस परेड बताते हुए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था।
बसों की सूची में दिए बाइक, तिपहिये और कारों के नंबर
प्रवासी मजदूरों के पलायन पर राजनीतिक रोटी सेंक रही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 1000 बसें उपलब्ध कराने का दावा किया था। जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रियंका वाड्रा की इस मांग को स्वीकार कर लिया, तो बसें मुहैया कराने में कांग्रेस के पसीने छूटने लगे। जैसे-तैसे कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान और पंजाब सरकार की मदद से 1000 बसों की सूची तो उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी, लेकिन यह सूची भी फर्जी निकली। जांच में पाया गया कि कांग्रेस द्वारा दी गई सूची में कई बाइक, थ्री-व्हीलर और कारों के नंबर भी हैं। जाहिर है, 1000 बसें उपलब्ध कराने का कांग्रेस का दावा नकली साबित हुआ है।
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब NDTV ने सरकार विरोधी एजेंडा चलाने की कोशिश की हो। एनडीटीवी के प्रत्रकार रविश कुमार इस तरह की पत्रकारिता के लिए कुख्यात हैं।