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छात्रों की सुगमता के लिए एनसीईआरटी तैयार कर रही नई गाइडलाइन

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देश में लागू संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज के खुलने पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन छात्रों की पढ़ाई बर्बाद नहीं हो इसके लिए अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है। लेकिन देर तक मोबाइल, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप के स्क्रीन के सामने बैठकर पढ़ने से उसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसका दुष्प्रभाव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचाने के लिए ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) नई गाइडलाइन तैयार कर रही है।

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दिशानिर्देश बना रही एनसीईआरटी

लॉकडाउन की वजह से इन दिनों स्कूल-कॉलेजों के छात्र घर से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। वैसे तो मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन के सामने देर तक पढ़ाई करने का प्रतिकूल प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में एनसीईआरटी ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर दिशा-निर्देश तैयार कर रही है, ताकि बच्चे इसके दुष्प्रभाव से बच सकें। एनसीईआरटी के मुताबिक ऑनलाइन पढ़ाई का मकसद केवल कोर्स पूरा करना ही नहीं, बल्कि छात्रों में सोचने-समझने और चीजों का विश्लेषण करने की क्षमता भी आनी चाहिए।एनसीईआरटी के निदेशक ह्रषिकेश सेनापति ने बताया कि छात्रों को वीडियो दिखा सकते हैं, कोई प्रयोग दिखा सकते हैं या रोल मॉडल बना सकते हैं। हमारा उद्देश्य है कि उन्हें ऑब्‍जर्व करना, उसके बारे में सोचना और विश्लेषण की क्षमता का विकास हो। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि वो पाठ्यक्रम को याद करके सुना दें। उनके अंदर खुद सोचने समझने की क्षमता विकसित हो।

छात्रों के आउटकम बढ़ाने पर दिया जा रहा विशेष जोर

आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से जब तक स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे तब तक के लिए एनसीईआरटी ने प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक की ऑनलाइन कक्षाओं के लिए शैक्षणिक कैंलेंडर जारी किया है। एनसीईआरटी का कहना है कि शीघ्र ह 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया जाएगा। आपको बता दें कि वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर में छात्रों के लर्निंग आउटकम को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

स्कूल में ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू करने पर विचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही अपने संबोधन में यह स्पष्ट कर दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हमें अपनी जीवनशैली बदलनी होगी। क्योंकि हमें अब कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। ऐसे में एनसीईआरटी ने भी स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर नई गाइटलाइन तैयार करनी शुरू कर दी है। इस गाइडलाइन का पालन स्कूल खुलने पर किया जाएगा। बताया गया है कि स्कूल खुलने के बाद वहां ऑड-इवन फॉर्मूला शुरू किया जा सकता है। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी नियम बनाया जा रहा है, जिसका पालन लॉकडाउन खुलने के बाद सभी स्कूलों को करना होगा। एनसीईआरटी के मुताबिक स्कूलों में ऑड-इवेन की योजना शुरू की जा सकती है। साथ ही सामूहिक क्रियाकलाप की जगह व्यक्तिगत क्रियाकलाप पर जोर दिया जाएगा। एनसीईआरटी के निदेशक ह्रषिकेश सेनापति का कहना है कि इस तरह की योजना तैयार की जा रही है कि स्कूलों में एक दिन ऑड रोल नंबर वाले छात्रों को बुलाया जाए तो दूसरे दिन इवेन रोल नंबर वाले छात्रों को बुलाया जाए। गैप वाले दिन छात्रों को असाइनमेंट दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी कक्षाओं के छात्र एक साथ न आएं, इसके लिए उनके समय में भी बदलाव किया जा सकता है, ताकि एक साथ भीड़ ने जुटे।

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