इंडी अलायंस, कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल गैंग 10 साल से सत्ता का वनवास पचा नहीं पा रहे हैं। इसीलिए ये पीएम मोदी को बदनाम करने और देश को अस्थिर करने के तरह-तरह के बहाने ढूंढते रहते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर देश अराजकता में ढकेलने के लिए इनके कई टूलकिट पहले सामने आ चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, किसान आंदोलन, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, मणिपुर हिंसा, पहलवान आंदोलन और अब ट्रांसपोर्ट हड़ताल शामिल है। ट्रांसपोर्ट हड़ताल किस तरह टूलकिट का हिस्सा है इसे इस बात से समझ सकते हैं कि नए कानून लोकसभा से 21 दिसंबर 2023 को पास हुए थे लेकिन एक हफ्ते तक ड्राइवरों को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन एक हफ्ते बाद अचानक इस आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई और फिर इसके खिलाफ आवाज उठने लगी और 10 दिन के बाद ट्रांसपोर्ट हड़ताल शुरू हो गई।
नए हिट एंड रन कानून में बस और ट्रक ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल
नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल लगातार जारी है। 1 जनवरी 2024 को ट्रक और बस ड्राइवर, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में हड़ताल पर रहे। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत कई और शहरों में बसें नहीं चलीं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रक ड्राइवरों ने टायरों में आग लगा दी। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। उन्हीं के आह्वान पर चक्का जाम और हड़ताल शुरू हुई है।
नए कानून में 10 साल तक जेल की सजा और 7 लाख जुर्माना
नए कानून के तहत हादसे के बाद सूचना ना देने, भाग जाने पर 10 साल तक की सज़ा और 7 लाख जुर्माना देना होगा। पहले IPC की धारा 304A के तहत 2 साल तक की सजा मिलती थी और पहले लापरवाही से मौत का मामला माना जाता था। पहले हादसा होने पर ड्राइवरों के खिलाफ धारा 279 के तहत यानी लापरवाही से वाहन चलाने और 304 ए यानी लापरवाही से मौत और 338 जान जोखिम में डालने का केस दर्ज होता था। लेकिन नए कानून में 104(2) के तहत केस दर्ज होगा। पुलिस या जज को सूचित ना करने पर 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा।
बस /ट्रक ड्राइवर्स के नहीं बल्कि सड़क पर दुर्घटना कर वहाँ से भाग जाने वाले लापरवाह लोगों के खिलाफ है हिट एंड रन को लेकर बना नया क़ानून।#DriversProtest#Driver#TransportStrike pic.twitter.com/RXt599HBbv
— राष्ट्रदेव (@rashtradev) January 2, 2024
ट्रांसपोर्टरों ने दिए हैं ये तर्क
कोई जान-बूझकर हादसे नहीं करता है।
कोहरे की वजह से हादसा हो तब भी कड़ी सजा।
हादसे के बाद डर की वजह से भाग जाते हैं।
स्थानीय लोगों के डर की वजह से भागते हैं।
लंबी प्रक्रिया की वजह से कानूनी रास्ते से घबराते हैं।
देश को अराजकता की आग में झोंकना चाहते हैं लेफ्ट लिबरल
दरअसल लेफ्ट लिबरल गैंग देश को अराजकता की आग में झोंकना चाहता है। इसीलिए ड्राइवरों को भड़काकर हड़ताल के लिए आगे किया गया है। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि सब्जी और फल विक्रेताओं का कहना है कि अगर हड़ताल लंबी चलती है और पेट्रोल-डीजल की कमी पेश आती है तो सब्जियों और फलों के दाम भी आसमान छू जाएंगे, जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा।
लोगो का एक्सीडेंट कर भाग जाने (हिट एंड रन) वाले लोगो पर कड़ी कारवाही के नए कानून के खिलाफ बस-ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल, ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप, पेट्रोल पंप पर लगी लंबी लाइनें।
नये क़ानून से लोगो की जान बचाई जा सकती है।
जो हिट एंड रन करेगा उसपर पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।… pic.twitter.com/JG7PVUQ8jV— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) January 2, 2024
राम मंदिर के खिलाफ षडयंत्र है ट्रांसपोर्ट हड़ताल
राम मंदिर के खिलाफ षडयंत्र है ट्रांसपोर्ट हड़ताल। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के यज्ञ में बाधा डालने के लिए यह सब किया जा जा रहा है। ट्रांसपोटर्स हड़ताल करेंगे तो आम जनता को हर वस्तु की तंगी होगी। पेट्रोल पंप पर लाइन लगेगी। जनता परेशान होगी। यानी राम मंदिर की खुशियों में खलल पड़ेगा। इस देश की ट्रांसपोर्ट यूनियन पर कब्जा उन्हीं लोगों का है जो किसान आंदोलन के दौरान देश में अराजकता फैला रहे थे। ये सब राम मंदिर के खिलाफ देश विरोधी और सनातन के दुश्मनों का षड्यंत्र है।
राहुल गांधी ने कहा- लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार है यह कानून
यह टूलकिट किस तरह है इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल शुरू होती है कांग्रेसी नेता इसके समर्थन में उतर आते हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट किया- बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।
बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है।
जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
सीमित…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2024
अधीर रंजन चौधरी ने ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का समर्थन किया
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने विरोध को निराधार बताया और लोगों से हिट एंड रन कानून का पालन करने को कहा। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि “सरकार ने गरीबों के बारे में सोचे बिना संसद में जबरदस्ती 3 कानून पारित किए, सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।”
MoS Road Transport & Highways VK Singh calls the protests unfounded. Asks people to abide by the law
Congress’s Adhir Ranjan Chowdhury supports truckers strike, claims “Govt passed 3 laws by force in the parliament without thinking for the poor, urge govt to reconsider decision” https://t.co/r8MUTsJqVI pic.twitter.com/iTJzrCxET6
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) January 2, 2024
पहलवान आंदोलन भी था टूलकिट का हिस्सा
पहलवान आंदोलन की साजिश कर्नाटक चुनाव और उसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश चुनाव को ध्यान में रखकर रची गई थी। इसके साथ ही 2024 में लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव है इसीलिए जाट और राजपूतों में विवाद पैदा करने के लिए यह षडयंत्र किया गया। इस प्रदर्शन का मकसद हिंदुओं का वोट बांटना है और जाट-राजपूत में दरार पैदा करने की एक साजिश है जिससे कांग्रेस को राजस्थान हरियाणा चुनाव में फायदा मिल सके। कांग्रेस ने पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट जैसे टूलकिट भी लेकर आए लेकिन पीएम मोदी को दिल में बसा चुके भारतीय जनता पर इसका कोई असर नहीं हुआ, कोई देशव्यापी आंदोलन नहीं हुआ और उनका टूलकिट फेल हो गया।
#जाट_खिलाड़ियों से कहना चाहूंगा , अगर धरने पर और भीड़ जोड़ना चाहते हो तो।
सपना चौधरी को बुला लो मनोरंजन भी हो जायेगा और आंदोलन भी।
Note:- वैसे भी यह आंदोलन किसान आंदोलन की तरह काफी लंबा चलने वाला है देश विरोधी सभी ताकत मिल गई है और एक #बाबा भी मिला हुआ इसमें।#NationWithBBS… pic.twitter.com/gE1vzZ28GS
— Rajput’s Of INDIA (@rajput_of_india) May 1, 2023
अमेरिकी जांच में अडानी पास, हिंडनबर्ग हुआ फेल
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर हेराफेरी का आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग ने 2023 की शुरुआत में अडानी समूह पर अकाउंटिंग हेरफेर, शेयरों की ओवरप्राइसिंग के गंभीर आरोप लगाकर चौंकाने वाला खुलासा किया था। यह अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस का भारत को बदनाम करने का एक टूलकिट था। इसी टूलकिट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी महीनों तक अडानी पर हमला करते रहे। विपक्षी दलों ने सड़क से लेकर संसद तक अडानी मामले को लेकर हंगामा किया। लेकिन दिसंबर 2023 में अडानी को अमेरिकी सरकार ने ही क्लीनचिट दे दिया। अमेरिका ने अपनी जांच में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत पाया है। इस जांच के बाद अमेरिका के इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) ने अडानी को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल बनाने के लिए 55.3 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है। यानि जार्ज सोरोस का बनाया हिंडनबर्ग टूलकिट फेल हो गया और जिस टूलकिट को लेकर राहुल गांधी महीनों तक सियासी माहौल गर्म करते रहे वह टांय-टांय फुस्स हो गया।
HUGE – US Govt said Hindenburg’s allegations against Adani Group are NOT RELEVANT. Soros in trouble 🔥🔥
Adani Group Stocks’ Market Cap crosses Rs 13 Lakh Crore, Investors gain Rs 1.35 Lakh Crore⚡
Modi Hater Soros is already in shock after BJP’s victory. Double seatback for… pic.twitter.com/pSGsItdw7E
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) December 5, 2023
मणिपुर हिंसा में कनाडा कनेक्शन! कुकी अलगाववादियों ने खालिस्तानियों से मिलाया हाथ
मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का भी हाथ रहा। खुफिया एजेंसियों को सबूत मिले कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद कुकी समुदाय के एक अलगाववादी नेता ने आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ बैठक की। 3 घंटे चली इस बैठक के बाद खालिस्तानी नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपए हवाला से मणिपुर पहुंचाए गए। भारतीय एजेंसियों को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे के एक गुरुद्वारे में आयोजित खालिस्तानी समर्थकों की सभा का वीडियो मिला। इसमें कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते भी मौजूद रही। गंग्ते नार्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) यानी नामटा का प्रमुख है। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में गंग्ते वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहा है।
Kuki separatists are now flocking to Khalistanis separatists in Canada.
Here is Lien Gangte chief of NAMTA (North American Manipur Tribal Association) delivering a speech at a Gurudwara which was headed by Nijjar in Surrey, Canada.
— The Poll Lady (@ThePollLady) September 23, 2023
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी प्रोपेगेंडा करार दिया
पीएम मोदी और भारत को बदनाम करने के लिए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने दो एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी – इंडिया: द मोदी क्वेश्चन। बीबीसी ने साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए दो पार्ट्स में एक सीरीज दिखाई थी। इसको लेकर ब्रिटेन में भारतवंशियों की ओर से काफी नाराजगी जताई गई और फिर डॉक्यूमेंट्री को चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया। यह डॉक्यूमेंट्री पीएम मोदी की छवि को खराब करने के एजेंडे तहत बनाया गया था। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के विरोध में देश से ही नहीं विदेशों से भी आवाज उठी। कई विदेशी सांसदों के विरोध के बीच ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी इसे प्रोपेगेंडा करार दिया।
#WATCH | “Propaganda video, shoddy journalism, should never have been broadcast by BBC.…” says UK MP Bob Blackman on BBC Documentary on PM Modi pic.twitter.com/k98XjGrhpQ
— ANI (@ANI) February 17, 2023